नमस्कार दोस्तों Top Kro में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में हम “आत्मनिर्भर भारत के बारे में ( Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi ) पढेंगे। इस लेख में आत्मनिर्भर भारत पर निबंध सभी कक्षाओं के छात्रों व आत्मनिर्भर भारत पर निबंध upsc के लिए है।
इस पोस्ट में आपको आत्मनिर्भर भारत पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे Self Reliant India Essay In Hindi 100 शब्दों में, आत्मनिर्भर भारत पर निबंध 300 शब्दों में, आत्मनिर्भर भारत पर निबंध 500 शब्दों में तथा आत्मनिर्भर भारत पर निबंध 1000 शब्दों में इत्यादि।
Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi की सहायता से विद्यार्थी अपनी जानकारी बढ़ा सकते है। इस निबंध के माध्यम से हमने बताया है कि आत्मनिर्भर का क्या अर्थ है, आत्मनिर्भर भारत का क्या मतलब है, भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाया जा सकता है, भारत को आत्मनिर्भर बनाने के फायदे व भारत को आत्मनिर्भर बनाने में आने वाली रुकावटों के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है।
Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi 100 Words
आत्मनिर्भर भारत अभियान भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक पुनरुद्धार और प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान है। भारतीय अर्थव्यवस्था में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों के उचित कार्यान्वयन और सरकार द्वारा धन के उचित आवंटन की आवश्यकता है।
आत्मनिर्भर राष्ट्र होने के बहुत सारे फायदे होते हैं। आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत मई 2020 में भारत सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई थी| यह आर्थिक पैकेज छोटे व्यवसायों, कपड़ा उद्योग, घरेलू उद्योग, मज़दूरों तथा एमएसएमई सहित अन्य विभिन्न वर्गों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए था। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने का समय आ गया है।
आत्मनिर्भर भारत पर निबंध 300 शब्दों में
भारत की कला और संस्कृति को देखते हुए यह बात स्पष्ट होती है कि भारत प्राचीन काल से ही आत्मनिर्भर रहा है। आज हम पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर नहीं है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत में विभिन्न नए उत्पादनों के विकास को बढ़ावा मिला है। इससे हमारे देश का आयात घटेगा और निर्यात बढ़ेगा।
“Aatm Nirbhar” एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका हिंदी मे अर्थ होता है कि दूसरों पर निर्भरता नहीं रखना या दूसरों पर निर्भर न होना। हमारे देश के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के लोगो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की गई थी।
12 मई 2020 को राष्ट्र के नाम एक सम्बोधन में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने की बात जनता के सामने रखी। और “लोकल फॉर वोकल” के नारे के साथ देश की जनता से आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया।
हांलाकि आत्मनिर्भरता शब्द नया नही है। ग्रामीण क्षेत्रों मे छोटे उधोगों के द्वारा बनाए गए सामानों और उसकी आमदनी से आए पैसों से परिवार का खर्च चलाने को ही आत्मनिर्भरता कहा जाता है। छोटे उधोगों मे बनाए गए सामानों को अपने आस-पास के बाजारों मे ही बेचा जाता है।
आत्मनिर्भरता की श्रेणी मे खेती, मत्स्य पालन इत्यादि अनेक प्रकार के कार्य है जो कि हमे आत्मनिर्भरता की श्रेणी मे लाकर खड़ा करती है। इस प्रकार से हम अपने परिवार से गांव, गांव से शहर, शहर से जिला और इसी प्रकार पूरे राष्ट्र को योगदान आत्मनिर्भर बना सकते है।
हम सहजता से मिल जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों और कच्चे माल के द्वारा वस्तुओं का निर्माण करके अपने आसपास के बाजारों मे इसे बेच सकते है। इससे स्वयं के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत अभियान मे अपना योगदान दे सकते है और हम सब मिलकर एक आत्मनिर्भर राष्ट्र भारत के सपने को मजबूत बनाने मे सहयोग कर सकते है। हमें अपने भारत को सिर्फ आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि एक श्रेष्ठ व विश्वसनीय भारत बनाना होगा।
आत्मनिर्भर भारत निबंध 500 शब्दों में – Essay on Aatam Nirbhar Bharat in Hindi
प्रस्तावना
आत्मनिर्भर का अर्थ होता है कि कोई भी व्यक्ति या देश किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होकर खुद पर निर्भर रहे। आत्मनिर्भर होना खुद के लिए, अपने गाँव, शहर, जिले और देश के लिए बहुत जरूरी है। यदि हमारा शहर या देश आत्मनिर्भर रहेगा तो हमें किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होगा। आत्मनिर्भर होने से पैसों की भी बचत होती है और रोजगार के भी नए – नए अवसर पैदा होंगे।
कोई भी व्यक्ति यदि किसी दूसरे पर निर्भर है तो हर काम या अपनी आवश्यकता के लिए उसे दूसरों से मदद की जरूरत होती है यह उसके लिए बहुत बड़ी कमी है। उसे खुद पर निर्भर होना चाहिए न कि किसी दूसरे पर। आत्मनिर्भर न होने पर हमें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारत की लगभग 70% आबादी कृषि सम्बंधित कार्यों से अपना जीवन यापन करती हैं हालाँकि आज भारत में कृषि के पारंपरिक तौर तरीकों को बदलकर किसानों ने वैज्ञानिक तरीकों को अपना लिया है जिससे अच्छी पैदावार हो रही है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान
आत्मनिर्भरता की ये सभी बातें व्यक्ति को छोड़कर राज्य और देश पर भी लागू होती है। यदि देश के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है तो उसे किसी दूसरे देश से उस संसाधन की कमी को पूरा करना पड़ेगा। यदि उस संसाधन को बनाने की सारी सामग्री उसके पास उपलब्ध है तो वह उसका प्रयोग कर उसका निर्माण स्वयं कर सकता है। इससे वह आत्मनिर्भर भी बनेगा और किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
भारत एक ऐसा देश है जहां हर संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। लेकिन हम कई सारी ऐसी चीज़े उपयोग में लेते हैं जो किसी दूसरे देशों में बनी होती है। इससे हमें तो नुकसान तो होता ही है। साथ में देश को भी इसका बहुत बड़ा नुकसान भुगतना पड़ता है। दूसरे देशों से बनी वस्तएं खरीदने पर हम दूसरे देश को पैसे देते हैं अगर वहीं ये वस्तुएं अपने देश मे बनी हो तो देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
यदि देश मे उपलब्ध सभी संसाधनों का सही उपयोग करके देश में ही वस्तुएं बननी शुरू हो जाये तो इससे देश को काफी फायदा होगा। इससे देश में उद्योगों की बढ़ोतरी होती और देश के हर युवा को रोजगार मिलेगा और देश के नागरिको को प्राप्त मात्रा में आवश्यक सामान उपलब्ध हो पाएगा।
उपसंहार
देश में अधिक उद्योग लगेंगे तो देश में बेरोजगारी कम होगी और देश में फैली गरीबी भी समाप्त होने के साथ – साथ देश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा और अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत होगी। फिर हमारे देश को किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। अधिक सामग्री बनने से हम अपने देश की सामग्री को दूसरे देशो को भी निर्यात कर सकते हैं। इससे हमारे देश के आयात में कमी होगी और साथ में निर्यात में बहुत अधिक बढ़ोतरी होगी।
आत्मनिर्भर भारत को लेकर अब सरकार भी बहुत अच्छे-अच्छे कदम उठा रही है तो हमें भी सरकार का सहयोग करना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनाने में सरकार की मदद करनी चाहिए।
आत्मनिर्भर भारत पर निबंध 1000 शब्दों में
प्रस्तावना
एक व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण होता है आत्मनिर्भरता। एक आत्मनिर्भर व्यक्ति अपने खुद का सहारा स्वयं होता है। अगर कोई व्यक्ति आत्मनिर्भर रहता है तो उसे किसी दूसरे के सहारे की जरूरत नही पडती। हमारा भारत देश विश्व की प्राचीन संस्कृतियों मे से एक है और इस देश की संस्कृति, रंग – ढ़ग देखकर हम कह सकते है की भारत पहले से ही काफी आत्मनिर्भर रहा है।
भारत मे लगभग सभी संसाधन उपलब्ध है। स्वयं के हुनर से स्वयं का विकास करना ही आत्मनिर्भरता का सही मतलब है। हर व्यक्ति यही चाहता है की वह आत्मनिर्भर बने, फिर चाहे उसके रहन – सहन से हो या उसके तौर तरीके से।
आत्मनिर्भर का अर्थ
किसी एक व्यक्ति विशेष, गांव या देश को किसी और के सहारे न रहकर अपने स्वयं के सहारे रहना ही आत्मनिर्भर कहलाता है। इसी को एक उदाहरण के साथ समझे तो मान लीजिए की आप अपने घर पर अकेले रहते है और अपने खाने पीने के साथ – साथ अपनी सुविधाओं के लिए आप पड़ोसी पर निर्भर है वो आपको खाना देने के लिए कभी भी मना कर सकता है।
इसके विपरीत अगर आप अपने खाने के लिए खुद मेहनत करते है और खुद खाना बनाते है तो आप आत्मनिर्भर है आपको अपने खाने – पीने के लिए किसी दूसरे के सहारे की जरूरत नहीं है। इसी को आत्मनिर्भरता कहते हैं। इसको सीधी सी भाषा मे समझे तो इसका मतलब यह होता है ही हम किसी दूसरे के भरोसे पर न रहे और स्वयं कोई ऐसा काम करे जिससे हमारा जीवन यापन हो सके।
आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई 2020 को इस अभियान की घोषणा की थी जिसमें उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा था की भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है। इस अभियान के तहत आने वाले कुछ सालों मे अधिकतर वस्तुओं का निर्माण भारत में ही किया जाएगा। इस कारण से ही इस अभियान का नाम आत्मनिर्भर रखा गया है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन सभी विदेशी निर्भरताओं को कम करना है जिनकी वजह से भारत का ज्यादातर व्यापार पड़ोसी देशों पर निर्भर है। इसमें बाहर की वस्तुओं पर निर्भर न रहकर, अपने स्तर पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों को हमारे देश मे ही तैयार करना शामिल है।
आज की बात करे तो हमारे दैनिक जीवन मे उपयोग होने वाली कई ऐसी वस्तुएं है जिसकी आपूर्ति हमें हमारे पड़ोसी देशों से करनी पड़ती है। भारत के विकास की जड़ें अगर मजबूत करनी है तो हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा तभी हमारा भारत विकासशील से विकसित देशों की श्रेणी में आएगा।
आत्मनिर्भर भारत का सपना
देश की स्वतंत्रता के बाद से ही भारत आत्मनिर्भर बनने का सपना देख रहा है। भारत की आजादी की लडाई मे भी महात्मा गांधी द्वारा स्वदेशी आंदोलन चलाया गया था जिसमें उन्होंने लोगों से विदेशी वस्तुओं पर निर्भर न रहकर भारत मे बनी वस्तुओं पर निर्भर रहने की अपील की थी। महात्मा गांधी स्वयं भी स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करते थे और महात्मा गांधी ही ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने आत्मनिर्भर भारत की तरफ अपना कदम उठाया था।
परंतु दुख की बात यह है कि आजादी के 70 साल बाद भी भारत इस सपने को साकार नहीं कर पाया। मगर विश्व मे व्याप्त कोरोना महामारी की वजह से भारत ने आत्मनिर्भर बनने का सपना एक बार फिर से देखा। आज सरकार भी इस बारे में काफी अभियान चला रही है ताकि भारत के आत्मनिर्भर होने के सपने को साकार किया जा सके।
भारत को आत्मनिर्भर बनने के पांच स्तम्भ
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के पांच स्तम्भ बताए गए हैं जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने मे करेंगे मदद। तो आइए इन पांच स्तम्भों के बारे में जानते हैं।
1). अर्थव्यवस्था
वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था एक मिश्रित प्रकार की अर्थव्यवस्था है जिसमें परिवर्तन करना आवश्यक है। अगर देश की अर्थव्यवस्था में आवश्यक परिवर्तन किए जाएं तो यह आत्मनिर्भरता के मार्ग में पहला कदम होगा।
2). तकनीकी
भारत मे तकनीकी काफी विकसित है और इसी तकनीकी के चलते भारत विश्व शक्ति बनने का साहस रखता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने तकनीकी के मामले में काफी उन्नति की है भारत की तकनीकी इसी का एक मुख्य अंग है जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
3). इन्फ्रास्ट्रक्चर
भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करना होगा। अगर भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो जाएगा तो यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मदद करेगा।
4). मांग
भारत देश में वस्तुओं की मांग की कोई कमी नही है। हमे इस भारी मांग का उपयोग अपने देश के में निर्मित चीज़ों की बिक्री बढाने के लिए करना है। हमें अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करना होगा। अगर हम सफल रहे तो भारत आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकेगा।
5). बढ़ती जनसंख्या
भारत की जनसंख्या में 18 से 35 वर्ष की आयु के लोग सबसे ज्यादा है। हमारे पास युवा शक्ति का विशाल भंडार है। इस जनसंख्या के भार को मुनाफे में बदलने के लिए हमें लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देना होगा। उन्हें रोजगार तभी मिल सकता है जब हम स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करें। मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देकर हमे भारत में निर्मित सामान दूसरे देशों तक पहुंचाना है |
आत्मनिर्भर बनने के फायदे
अगर भारत आत्मनिर्भर बनता है तो उस स्थिति मे भारत को बहुत सारे फायदे होंगे जो भारत को एक नई पहचान दिलाने मे मदद करेंगे।
अगर भारत आत्मनिर्भर बन जाता है तो भारत को अन्य देशों पर निर्भर नही रहना पड़ेगा क्योंकि भारत स्वयं ऐसी वस्तुओं का निर्माण करने लगेगा।
भारत के आत्मनिर्भर बनने से भारत मे कई तरह की वस्तुओं का निर्माण होगा जिससे भारत मे उद्योग भी बढ़ेंगे। भारत उन वस्तुओं को विदेश मे भी भेज सकेगा और इससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत मिलेगी।
आत्मनिर्भर होने से भारत मे देशी और घरेलू उद्योग बढ़ेंगे जिस वजह से भारत मे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और देश के कुशल और सक्षम लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा। इससे देश के आर्थिक हालात भी सुधर सकेंगे ओर बेरोजगारी भी कम होगी।
देश मे आत्मनिर्भरता से युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इससे देश मे गरीबी कम हो सकेगी। क्योंकि अगर देश मे रोजगार होगा तो गरीबी के आंकड़े में अपने आप सुधार हो जायेगा।
भारत के आत्मनिर्भर बनने से देश मे व्यापार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही इससे देश को अच्छी कमाई भी होगी जिससे देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
पहले देश अब तक जिन वस्तुओं का आयात करता था आत्मनिर्भर बनने के बाद भारत अब उनका निर्यात कर सकेगा इससे देश मे विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ेगा।
आत्मनिर्भर भारत के रास्ते मे आने वाली चुनौतियां
भारत के आत्मनिर्भर बनने के सपने को साकार करने में कुछ चुनौतियां ऐसी है जिनसे निपटना जरूरी है।
भारत के प्रोडक्ट निर्माण मे यह देखना जरूरी है की क्या वास्तव मे भारत मे बने उत्पादों की गुणवत्ता अच्छी है और उनकी लागत कम है। हालांकि भारत मे बनने वाली वस्तुओं पर लागत भी कम लगेगी और उस पर व्यय भी कम आयेगा।
भारत मे जनसंख्या और गरीबी दोनों की एक साथ तेजी से बढ रही है। किसी भी नये उत्पादन के लिए सबसे पहली आवश्यकता पूंजी होती है। हालांकि भारत मे कई ऐसी योजनाएं है जो किसी भी नये उत्पादन या व्यवसाय को चालु करने के लिए लोन मुहैया कराती है। परन्तु यह भी कहा जा सकता है की शुरुआती समय मे देश मे को आर्थिक समस्या का सामना भी करना पड सकता है।
कई आर्थिक व व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, चीन से निकलने वाली कई अधिकांश कंपनियों के भारत में न आने का एक सबसे बडा मुख्य कारण भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में एक मजबूत आधारभूत ढांचे का अभाव है। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए इस समस्या को सुधारने की भी जरूरत होगी।
निजी क्षेत्रों को बढ़ावा
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश के निजी क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को इस अभियान के तहत निजी क्षेत्रों के हस्तक्षेप के लिए खोल दिया जाएगा। इस अभियान के तहत भारतीय बाजार मे निजी कंपनियों की डिमांड व उनका हस्तक्षेप भी बढ़ जाएगा।
दूसरों पर निर्भर रहने का नुकसान
अगर देश मे इस आत्मनिर्भर भारत के अभियान की शुरुआत नही होती तो हमको पूर्व की भांति वर्तमान मे भी दूसरों पर निर्भर रहना पडता जिससे कुछ नुकसान भी होते। भारत मे संसाधन सीमित है जिसकी वजह से हम दूसरों पर निर्भर रहते है। अगर हम दूसरों पर निर्भर रहते है तो हमे उनके अनुरूप काम करना पडता है और उस देश की हर उस शर्त को मानना होता है जो हमे भले ही मंजूर न हो। अगर भारत देश दूसरों पर निर्भर रहता है तो इससे हमारे देश को आर्थिक नुकसान होता है और दूसरे देश को आर्थिक फायदा होता है।
उपसंहार
देश मे कोरोना महामारी की वजह से देश को कई समस्याओं का सामना करना पडा है। देश को कई आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ा था। वर्तमान मे आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत के बाद ही हमें इसके परिणाम देखने को मिले है।
इन्हें भी पढ़ें:-
देश मे कोरोना से लड़ने के लिए पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर इत्यादी भारत मे बनने लगे और इतना ही नही वैश्विक महामारी को से निपटने के लिए कोरोना का टीका भी भारत मे ही पहली बार बनाया गया। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमें भी सहयोग करना चाहिए।
उम्मीद करता हूं दोस्तों की “आत्म निर्भर भारत पर निबंध ( Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें आत्मनिर्भर भारत से सम्बंधित सभी जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।
अगर आप यह पोस्ट आपको अच्छा लगा तो आप अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर कर सकते हैं। अगर आपके मन मे कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं हम आपसे जल्द ही संपर्क करेंगे। अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।