नमस्कार दोस्तों Top Kro में आपका स्वागत है। संख्याओं के बारे में जानकारी गणित का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय है।आज हम जानेंगे की Abhajya sankhya kya hoti hai, अभाज्य संख्या की परिभाषा, अर्थ, प्रकार, विशेषता, अभाज्य संख्या ज्ञात करने का सूत्र।
विद्यार्थियों के मन में आज भी अभाज्य संख्या से सम्बन्धित कई सारे सवाल है जिसे सुलझाने का प्रयत्न कोई नहीं करता। तो इसलिए आज हम अभाज्य संख्या से सम्बंधित इन प्रश्नों का उत्तर जानने का प्रयास करेंगे।
अभाज्य संख्या किसे कहते हैं – What Is Prime Number In Hindi
ऐसी संख्याएँ जो 1 और स्वयं के अलावा अन्य किसी संख्या से भाग नहीं होती है, उन संख्याओं को अभाज्य संख्या (Prime Number) कहते है।
दूसरे शब्दों में, वैसी संख्याएँ जिसके केवल दो ही गुणनखंड (factor) हो उसे अभाज्य संख्या कहते है।
जैसे 5 एक संख्या है जो सिर्फ 1 और 5 से ही पूरी तरह से विभाजित है अर्थात 5 के सिर्फ 2 ही गुणनखंड है अतः 5 एक अभाज्य संख्या है।
अभाज्य संख्या का उदाहरण – Prime number example
2,5, 7, 11, 13, 17, 23, 29, 31, 37 आदि सभी संख्याएँ अभाज्य संख्याएं है।
अभाज्य संख्या निकालने का फार्मूला – Abhajya Sankhya Kaise Nikale
वैसे तो Abhajya sankhya ज्ञात करने के लिए काफी नियम है लेकिन आज हम अभाज्य संख्या को ज्ञात करने के दो महत्त्वपूर्ण नियमों के बारे में जानेंगे जो इस प्रकार है –
अभाज्य संख्या निकालने का पहला तरीका
अभाज्य संख्या ज्ञात करने की ये विधि सबसे अच्छी विधि है क्योकिं इस विधि से बहुत ही अच्छे तरीके से और आसानी ज्ञात कर सकते हैं कि कोई संख्या अभाज्य है या भाज्य संख्या। आइये इसको एक उदाहरण से जानते हैं
मान लीजिए 37 एक संख्या है। हमें ये जानना है कि 37 एक Abhajya sankhya है या नहीं। इसके लिए सबसे पहले तो हमें ये जानना होगा की 37 का वर्गमूल किन दो धनात्मक संख्या के बीच में होगा।
जैसे 37 का वर्गमूल 36 और 49 के वर्गमूल के बीच होगा। यानी 6 का वर्ग 36 और 7 का वर्ग 49। यानी 37 का वर्गमूल 6 और 7 के बीच मे कहीं होगा।
अब हमें ज्ञात हो गया कि 37 का वर्गमूल 6 और 7 के बीच मे कहीं होगा। अब हमें 6 और 7 से पहले की सभी अभाज्य संख्याओं को लिख लेना है। जैसे 6 और 7 से पहले की अभाज्य संख्याएं 5, 3, 2 होगी।
अब हमें 37 को 5, 3 और 2 से भाग करके देखना है। अगर 37 इन तीनों संख्याओं से भाग नहीं होती तो इसका अर्थ है कि 37 एक अभाज्य संख्या है।
अभाज्य संख्याएं निकालने का दूसरा तरीका
प्रथम 40 से बड़ी अभाज्य संख्या प्राप्त करने के लिए n2 + n + 41 का प्रयोग किया जा सकता है। जहाँ n = 0, 1, 2, ….., 39 होगा। ध्यान रहे, अंतिम संख्या केवल 39 तक ही सीमित है। इस फॉर्मूले के तहत n का मान 39 से अधिक नहीं होना चाहिए।
अगर n=0 हो तब 2 × 0 + 0 + 41 = 41
अगर n=1 हो तब 1 × 1 + 1 + 41 = 43
अगर n=2 हो तब 2 × 2 + 2 + 41 = 47
अगर n=3 हो तब 3 × 3 + 3 + 41 = 53
अगर n=4 हो तब 4 × 4 + 4 + 41 = 61 आदि।
प्राइम नंबर फॉर्मूला का उपयोग करते समय याद रखने वाले मूल नियम क्या हैं?
- किसी भी संख्या के इकाई के स्थान पर अगर सम संख्या है तो वह संख्या अभाज्य संख्या नहीं हो सकती हैं।
- बड़ी संख्या के लिए, सभी अंकों को एक साथ जोड़ दें यदि योग 3 से विभाज्य है तो यह एक Abhajya sankhya नहीं है।
- अभाज्य संख्या 1 और स्वयं के अतिरिक्त किसी अन्य संख्या से विभाजित नही होती है।
अभाज्य संख्या के गुण – Abhajya Sankhya Ke Gun
- 0 और 1 अभाज्य संख्या नही है।
- 2 को छोड़कर सभी अभाज्य संख्याएँ विषम होती हैं। 2 ही एक ऐसी संख्या है जो अभाज्य भी है और सम भी।
- अभाज्य संख्याएँ के केवल दो गुणनखंड होते है।
- अभाज्य संख्याएँ हमेशा 0 और 1 से बड़ी होती है।
- अभाज्य संख्या 1 और स्वयं के अतिरिक्त किसी अन्य संख्या से विभाजित नही हो सकती है।
- सभी भाज्य और अभाज्य संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ होती है। और प्राकृत संख्या कभी ऋणात्मक नहीं होती है।
सबसे छोटी अभाज्य संख्या कौनसी है?
मैंने अक्सर कई विद्यार्थियों को यह गलती करते देखा है की वो 1 को ही सबसे छोटी Abhajya sankhya मान बैठते है। लेकिन वास्तव में यह गलत है। आपको याद रखना है कि एक न तो भाज्य है और न ही अभाज्य। सबसे छोटी अभाज्य संख्या 2 है।
प्रथम पाँच अभाज्य संख्या कौनसी है?
भाज्य संख्याओं के मुकाबले अभाज्य संख्याएं काफ़ी कम है। प्रथम 5 अभाज्य संख्या 2, 3, 5, 7, 11 है।
अभाज्य संख्या 1 to 100 – Abhajya Sankhya 1 To 100
जैसा की मैंने शुरू में ही कहा था की भाज्य संख्याओं के मुकाबले अभाज्य संख्याएं काफी कम है। भाज्य संख्या 1 से 100 के बीच 74 संख्याएँ है जबकि abhajya sankhya 1 Se 100 Tak केवल 25 ही है। भाज्य संख्या 1 से 100 तक की लिस्ट नीचे दी गई है-
2 | 3 | 5 | 7 | 11 |
13 | 17 | 19 | 23 | 29 |
31 | 37 | 41 | 43 | 47 |
53 | 59 | 61 | 67 | 71 |
73 | 79 | 83 | 89 | 97 |
रूढ़ संख्या किसे कहते हैं ?
अभाज्य संख्या को ही रूढ़ संख्या और इंग्लिश में Prime Number कहा जाता है। अतः अभाज्य संख्याओं को ही रूढ़ संख्या कहा जाता है।
अभाज्य संख्याओं का औसत कैसे निकालें? – Abhajya Sankhya Ka Ausat
अभाज्य संख्याओं का औसत निकालने के लिए हमें औसत का फॉर्मूला याद होना चाहिए। औसत निकालने के लिए हम गयी संख्या के जोड़ को, संख्याओं की संख्या से भाग करते हैं।
औसत = सभी पदों का योग / पदों की कुल संख्या
उदाहरण के लिए अगर हमें प्रथम 5 अभाज्य संख्याओं 2, 3, 5, 7, 11 का औसत ज्ञात करना हो तो हम इन संख्याओं का जोड़ करेंगे।
2 + 3 + 5 + 7 + 11 = 28
प्रथम 5 अभाज्य संख्याओं का औसत = 28/5 = 5.6
FAQ About Abhajya Sankhya
Q: 2 एक भाज्य संख्या है या अभाज्य।
Q: सबसे छोटी अभाज्य संख्या कौन सी है?
Q: क्या अभाज्य संख्याएँ ऋणात्मक हो सकती है?
Q: सबसे छोटी विषम अभाज्य संख्या कौनसी है?
Q: 1 से 10 के बीच कितनी विषम अभाज्य संख्या है?
Q: 1 से 100 के बीच कितनी अभाज्य संख्या है?
Q: अभाज्य संख्या को कैसे पहचाने?
Q: अभाज्य संख्या के कितने गुणनखंड होते है?
Q: अभाज्य संख्या को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि Abhajya sankhya से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आएगी तथा आपको प्राइम नंबर किसे कहते हैं तथा अभाज्य संख्या से सम्बंधित सारी जानकारी मिल पाई होगी।
अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।
Very nice Information
Thanks Nirdesh Meena, keep supporting