Essay On Eid In Hindi – ईद पर निबंध

नमस्कार दोस्तों स्वागत है एक और बेहतरीन पोस्ट में। आज हम एक नए आर्टिकल के बारे में बताएंगे कि आप ईद पर निबंध ( Eid Par Nibandh ) कैसे लिखेंगे? अगर आप भी इस विषय पर एक अच्छा निबंध लिखना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि निबंध कैसे लिखें तो आपके लिए यह लेख काफी मददगार साबित होगा इसलिए हम आपसे निवेदन करेंगे कि आर्टिकल को आखिर तक पढ़े।

इस पोस्ट के माध्यम से हमने बताया है कि ईद का त्यौहार कब मनाया जाता है, ईद क्यों मनाई जाती है, ईद मनाने की शुरुआत कब हुई, ईद कितने प्रकार की होती है तथा ईद के त्यौहार का क्या महत्व है इत्यादि के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। इस पोस्ट को हमने आसान भाषा मे लिखने का प्रयास किया है ताकि आपको सभी बातें आसानी से समझ आ सकें।

इस पोस्ट में आपको ईद पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे ईद पर निबंध 150 शब्दों में, Eid par paragraph, Eid par nibandh तथा ईद पर 10 लाइन इत्यादि।

ईद पर निबंध 150 शब्दों में – Eid Essay In Hindi

ईद मुसलमानों का एक बहुत बड़ा और धार्मिक त्यौहार है ईद का त्यौहार 30 रमजान पूरे होने के बाद ईद का चांद देखा जाता उसके बाद ही Eid ka tyohar काफी हर्षोल्लास और धूमधाम से दुनिया के सभी देशों में जहां पर मुस्लिम रहते हैं वहां पर मनाया जाता है I

भारत में भी Eid का त्यौहार काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है क्योंकि भारत में मुसलमानों की संख्या इंडोनेशिया के बाद सबसे अधिक है।

यहां पर कुल मिलाकर 30 करोड़ मुसलमान जाते हैं I ईद के दिन सभी नहा धोकर ईदगाह में नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं उसके बाद उनके घरों में मीठे मीठे पकवान और विशेष तौर पर सेवईया बनती हैं जो ईद के त्यौहार का सबसे स्वादिष्ट व्यंजन होता है I

ईद के दिन बाद एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी जाती है विशेष तौर पर छोटे बच्चे मेला घूमने के लिए जाते हैं और वहां पर जाकर मेले के आनंद का लुफ्त उठाते हैं इसके अलावा लोग ईद के दिन पर एक दूसरे के घर जाते हैं और जाकर वहां पर मीठी मीठी सेवइयां खाते हैं और एक दूसरे को ईद का मुबारकबाद भी देते हैं I

इसको भाईचारा के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन सभी लोग गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे के गले लगते हैं समाज में भाईचारा और धार्मिक सौहार्द बढ़ाने में ईद का त्यौहार महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है I

ईद का त्यौहार साल में दो बार आता है पहली बार फागुन महीने यानी फरवरी और मार्च के महीने में जिसे हम लोग ईद उल फितर के नाम से जानते हैं और दूसरा मई महीने मैं आता है जिसे हम लोग ईद उल जुआ के नाम से जानते हैं लेकिन उनकी तारीख हमेशा निश्चित नहीं रहती है क्योंकि उनके तारीख को में हमेशा बदलाव भी देखने को मिलता है या त्योहार किस महीने में आएगा इसके लिए हिज़ी कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है।

उसके आधार पर ही इनके तारीखों का ऐलान या कब होगा उस बात का निर्धारण किया जाता है कई बार ईद का त्यौहार अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग दिनों पर मनाया जाता है इसलिए इन त्योहारों का कोई निश्चित तारीख नहीं होता है।

ईद पर निबंध हिंदी में – Long Essay On Eid In Hindi

ईद को ईद-उल -फितर कहा जाता है। ईद का मतलब है फिर से और फितर का अर्थ है खाना-पीना इसके अलावा ईद के त्यौहार का बेसब्री से मुसलमान वर्ग में रहने वाले लोग करते हैं वह उनके लिए एक विशेष पर्व है रमजान के दौरान कठिन उपवास होने के बाद ही यह त्यौहार आता है इसलिए मुसलमानों में इस त्यौहार को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह और उमंग होता है I

ईद त्यौहार की शुरुआत कब हुई थी?

ईद या ईद उल- 624 ईस्वी से मनाया जाता है कहा जाता है कि मुसलमानों के पैगंबर हजरत मोहम्मद बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी । उनके विजय उत्सव को ही ईद के तौर पर मनाया जाता है I

ईद कितने प्रकार की होती है?

ईद दो प्रकार की होती है और उनके मनाने की परंपरा भी अलग-अलग होती है जिसका विवरण हम आपको नीचे बिंदु अनुसार देंगे जो इस प्रकार है आइए जानते हैं-

मीठी ईद

मीठी ईद में घर पर मीठे-मीठे पकवान विशेष तौर पर से भैया बनाई जाती है इस दिन सभी लोग एक दूसरे के घर पर जाते हैं और वहां पर जाकर मीठे पकवान खाते हैं इसके अलावा एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद भी देते हैं ईद के दिन अपने से छोटे लोगों को ईदी दी जाती है I इसके अलावा लोग उस दिन दान भी करते हैं इस्लाम में इस दान को फितरा कहा जाता है I

ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन लोगों को दान करता है उसे मरने के बाद जन्नत की प्राप्ति होती है और वह अल्लाह का नेक बंदा भी माना जाता है। मीठी ईद में 29 व 30 वे रमजान के इफ्तार से समाप्त होता है उसके बाद ईद का चांद दिखा जाता है। अगर ईद का चांद दिखाई पड़ा तो उसके बाद दिन Eid का त्यौहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस्लाम में चांद को अपनी आंखों से देखता है तो उसे अल्लाह के द्वारा बरकत दी जाती है और उसका घर हमेशा खुशियों से भरा जाता है I

बकरीद ईद


बकरीद ईद को ईद -उल – अजहा के नाम से जाना जाता है । बकरीद ईद मीठी ईद के 2 महीने बाद मनाई जाती है इस ईद में पहले नमाज पढ़ा जाता है I

उसके बाद बकरे की बलि दी जाती है इसके अलावा इस दिन जो बकरे की बलि दी जाती है उसका तीन हिस्सा विभाजित किया जाता है। पहला हिस्सा दान किया जाता है और दूसरा अपने दोस्तों को और तीसरा अपने लिए रखा जाता है जिसका इस्तेमाल आप अपने घर में मीट बनाने के लिए कर सकते हैं और उसे आप अपने परिवार के साथ खा सकते हैं I

इसके अलावा जब बकरी ईद के दिन आपके घर में कोई आता है तो उसे भी आप उस मांस को खिला सकते हैं।

ईद भाईचारे का त्यौहार है

एक पवित्र और भाईचारे का त्योहार है इस दिन सभी लोग एक दूसरे के गले मिलते हैं और ईद की मुबारकबाद देते हैं ईद का त्योहार काफी शांतिप्रिय और सरल तरीके से मनाया जाता है इस दिन सभी लोग अपने घर में नहा धोकर रेडी होते हैं और नए कपड़े पहनते है I

इसके बाद ईदगाह में जाकर नमाज अदा करेंगे इसके बाद एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देंगे और घरों में इस दिन मीठे-मीठे पकवान और विभिन्न प्रकार के सामग्री बनाई जाती है विशेष तौर पर ईद का सबसे महत्वपूर्ण और स्वादिष्ट भोज्य पदार्थ सेवइयां जिसका स्वाद काफी स्वादिष्ट होता है I

विशेष तौर पर छोटे बच्चे इस दिन बहुत ज्यादा ही खुश दिखाई पड़ते हैं इसकी प्रमुख वजह है कि उन्हें बड़ों के द्वारा ईद की ईदी भी दी जाती है I ताकि ईद का मेला अच्छी तरह से घूम सके।

जैसा कि ऊपर मैंने आपको बताया कि ईद दो प्रकार के होते हैं और दोनों को मनाने का नियम कानून शरीयत के मुताबिक होता है और शरीयत में इसका पूरा विवरण दिया हुआ है कि आप ईद कैसे मनाएंगे सबसे बड़ी बात है कि ईद के द्वारा सामाजिक भाईचारा की भावना समाज में उत्पन्न होती हैI

जिसके कारण समाज में दूसरे धर्म के रहने वाले लोग भी इस दिन ईद की मुबारकबाद मुसलमान भाइयों को देते हैं ताकि उनके बीच भाईचारा का रिश्ता और भी मजबूत और सशक्त बन सके I

ईद पर मेलों का आयोजन

ईद के दिन मेलों का आयोजन होता है जहां पर बच्चे और स्त्रियां विशेष तौर पर मेले में घूमने के लिए जाते हैं पहले मैं खाने पीने से लेकर घर गृहस्ती की जितनी भी चीजें हैं उसकी बिक्री की जाती है I विशेष तौर पर छोटे बच्चे खिलौने के लिए अपने माता-पिता से जीत करते हैं और उसके अलावा मेले में आपको झुलवा भी मिल जाएगा जिसमें बड़े छोटे सभी झूलते हैं और झुलवा का आनंद उठाते हैं।

विशेष तौर पर मेलों में औरतों की भीड़ बहुत ज्यादा होती है इसकी प्रमुख वजह है कि मेले में सजने सवरने की चीजें काफी बिक्री होती है और साथ में घर किसी से जुड़े हुए चीज जिसकी जरूरत हमारे घर में है उस प्रकार के चीजों को भी मेले में लोगों के द्वारा अधिक खरीदा जाता है क्योंकि मेले में जो चीजें बिक्री होती हैं उसके दाम थोड़े काम और गुणवत्ता अच्छी होती है I

बकरीद को मनाने की कहानी

मान्यता है कि एक पैगंबर हजरत इब्राहिम के 90 साल की उम्र तक कोई औलाद नहीं थी खुदा से बहुत इबादत की तब जाकर उनका पुत्र इस्माइल पैदा हुआ। इसके बाद अल्लाह ने उन्हें सपना दिखाया कि इसके लिए उन्हें कुर्बानी चाहिए। वह भी उनके पुत्र का इसके बाद पैगंबर हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे को नहा धोकर तैयार किया ताकि अपने बेटे की बलि दे सके I

जब वह अपने बेटे को लेकर बलि वाले स्थान पर पहुंचे तो वहां पर शैतानों ने उन्हें बलि देने से मना किया लेकिन पैगंबर इब्राहीम ने शैतानों की बातों को मानने से इंकार कर दिया और उन्होंने अपना आंख पट्टी से बांधकर अपने बेटे की बलि देने की बारे में सोचा। जैसे ही उन्होंने आंखों की पट्टी खोला देखा कि उनका बच्चा दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा है और बच्चे की जगह बकरा वहां पर उपस्थित है ऐसा कहा जाता है कि अल्लाह ने बच्चे की जगह बकरे की बलि दे दी। तभी से बलि देने की प्रथा शुरू हुई इसलिए बकरीद में बकरों की बलि दी जाती है I

ईद कब मनाई जाती है?

ईद का त्योहार इस्लामी माह शकवाल की पहली तारीख को मनाया जाता है ।जिसे मुसलमान लोग बहुत ही पवित्र महीना मानते हैं इस महीने रोजा रखा जाता है और सूर्य उदय के पहले और सूर्यास्त के बाद रोजा रखने वाले लोग खाना खाते हैं रोजा पूरे 30 दिन तक रखी जाती है और रोजा रखने वाला व्यक्ति इस महीने अल्लाह की इबादत में नियमित रूप से नमाज अदा करता है जब रोजा के 30 दिन पूरे हो जाते हैं और ईद का चांद दिखाई जाता है उसके बाद भी Eid का त्यौहार हर्षोल्लास और धूमधाम से पूरे देश और दुनिया में मनाया जाता है I

ईद पर 10 लाइन – Eid Par 10 Line

  1. ईद मुसलमान भाइयों का एक प्रमुख त्योहार है।
  2. यह पर्व हर साल इस्लाम के पवित्र महीने रमज़ान की समाप्ति पर मनाया जाता है।
  3. ईद को भारत में आम ज़ुबान में मीठी ईद या सेवई वाली ईद कहते हैं।
  4. जिस दिन ईद होती है, छोटे से लेकर बड़े सभी लोग नए रंगीन कपड़े पहनते हैं
  5. इस दिन लोग मस्जिद में सुबह की नमाज अदा करते हुए अमन और चैन की दुआ भी मांगते हैं।
  6. ईद के अवसर पर बड़ो द्वारा अपने छोटों को ईदी के रूप में कुछ पैसे उपहार स्वरूप भी दिए जाते हैं।
  7. इस त्यौहार पर लोग पुराने गिले शिकवे भूलाकर एक दूसरे के गले लगकर ईद मुबारक कहते हैं।
  8. ईद के दिन पर सरकारी दफ्तर और स्कूल है बंद रहती हैं
  9. ईद का त्योहार भारत और दुनिया के कई देशों में हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है
  10. ईद का त्यौहार समाज में भाईचारा को मजबूत और सशक्त करता है I

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उम्मीद करता हूं दोस्तों की “ईद पर निबंध ( Essay On Eid In Hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें ईद से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।

अगर आप यह पोस्ट आपको अच्छा लगा तो आप अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर कर सकते हैं। अगर आपके मन मे कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं हम आपसे जल्द ही संपर्क करेंगे। अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।

FAQ About Eid In Hindi

Q: ईद का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

Ans: ऐसा कहा बद्र के युद्ध में मुसलमानों के पैगंबर हजरत मोहम्मद को युद्ध में विजय हासिल की थी जिसके कारण ईद का त्यौहार मनाया जाता है।

Q: ईद का त्यौहार कैसे बनाया जाता है?

Ans: ईद का त्यौहार काफी हर्ष उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है इस दिन में मुसलमान वर्ग के लोग सुबह के समय अच्छी तरह से नहा धोकर नए कपड़े पहनते हैं और उसके बाद ईदगाह में जाकर नमाज अदा करते हैं फिर वह दूसरे लोगों के घर में जाकर सेवइयां खाते हैं और कोई भी व्यक्ति जब उनसे मिलता है तो गले मिलकर ईद मुबारक उन्हें कहते हैं।

Q: ईद का त्यौहार कितने रमजान के बाद आता है?

Ans: ईद का त्योहार पूरे तीस रमजान के बाद आता है उसके बाद ईद का चांद दिखा जाता है उसके बाद ही पूरे देश और दुनिया में ईद का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Q: मुसलमानों के लिए ईद के त्यौहार का क्या महत्व है?

Ans: मुसलमानों के लिए ईद के त्यौहार का विशेष महत्व है क्योंकि ईद का त्यौहार मुसलमानों का सबसे बड़ा धार्मिक और ऐतिहासिक त्यौहार आ जाता है क्योंकि इसी दिन हजरत मोहम्मद जो मुसलमानों के सबसे बड़े पैगंबर है उनको बद्र के युद्ध में जीत हासिल हुई थीI

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