फिटकरी ( Fitkari ) – रासायनिक नाम, सूत्र व प्रयोग

इस पोस्ट में आपको फिटकरी ( Fitkari ) के बारे में जानकारी मिलेगी जैसे फिटकरी क्या होती है, फिटकरी को अंग्रेजी भाषा में क्या कहते हैं, फिटकरी का रासायनिक नाम व सूत्र तथा फिटकरी के प्रयोग इत्यादि की पूरी जानकारी मिलेगी|

उम्मीद करता हूँ आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आएगी| आप इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके| विज्ञान से सम्बंधित अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें|

फिटकरी क्या होती है? ( Fitkari Kya Hoti Hai )

फिटकरी एक क्रिस्टलीय रासायनिक पदार्थ होता है| फिटकरी रंगहीन होता है| फिटकरी को अंग्रेजी भाषा ( Fitkari In English ) में एलम ( Alum ) या पोटाश एलम ( Potash Alum ) के नाम से जाना जाता है|

Fitkari In Hindi
Fitkari In Hindi

प्राचीन समय से ही मानव फिटकरी के रासायनिक और चिकित्स्क गुणों का प्रयोग करता आया है| फिटकरी का प्रयोग आम जीवन में काफी कार्यों में किया जाता है| Fitkari का एक महत्वपूर्ण पदार्थ है जो सबसे जल उपचार में प्रयोग किया जाता है|  

फिटकरी का रासायनिक नाम क्या है? ( Fitkari Ka Rasayanik Naam )

फिटकरी एक रासायनिक यौगिक है जिसे व्यापक रूप से पोटेशियम सल्फेट डोडेकेहाइड्रेट ( potassium sulfate dodecahydrate ) के रूप में उपयोग किया जाता है। यह दोहरा नमक है जो आमतौर पर दवा और जल उपचार प्रक्रिया में उपयोग किया जाता है।

फिटकरी को पोटेशियम फिटकरी ( potassium alum ) या पोटेशियम एल्यूमीनियम सल्फेट ( potassium aluminium sulfate ) के रूप में भी जाना जाता है।

इसे भी पढ़ें : सभी मापने वाले यंत्र और उनका प्रयोग ( All Type Of Measuring Instrument And Their Work )

फिटकरी का सूत्र ( Fitkari Ka Formula)

फिटकरी का रासायनिक फार्मूला ( KAl (SO4)2.12H2O) होता है| इस रासायनिक सूत्र को कभी-कभी (K2SO4)(AL2SO4).12H2O भी लिखा जाता है| 

 इस रासायनिक सूत्र से पता चलता है कि फिटकरी या पोटेशियम एलम का पोटेशियम सल्फेट और एल्युमीनियम सल्फेट का द्विलवण है| Fitkari एक मिश्रण है जिसका रासायनिक सूत्र (AB(SO4)2.12H2O) होता है, यहाँ A और B पोटेशियम और एल्युमीनियम की जगह पर दूसरे अन्य रासायनिक पदार्थ भी हो सकते हैं| 

पोटेशियम और एल्युमीनियम की जगह पर अन्य रासायनिक पदार्थों का उपयोग करके भी फिटकरी को बनाया जाता है| जैसे:- एल्युमीनियम के स्थान पर क्रोमियम का प्रयोग करने पर क्रोम एलम का निर्माण होता है| 

पोटेशियम के स्थान पर लिथियम, सोडियम, अमोनियम, रूबीडीयम, सीज़ियम, टेल्यूरियम इत्यादि का भी प्रयोग किया जा सकता है|  एल्युमीनियम को मैंगनीज, इरीडियम, क्रोमियम (क्रोम ऐलम), लोहा, गैलियम, वैनेडियम, कोबल्ट इत्यादि से विस्थापित किया जा सकता है| 

इसे भी पढ़ें : ओम के नियम की परिभाषा, वोल्टेज का फार्मूला, करंट का फार्मूला, प्रतिरोध का फार्मूला, वोल्टेज क्या है, प्रतिरोध क्या है

पोटाश फिटकरी के गुण ( Fitkari Ke Gun )

पोटेशियम फिटकरी क्रिस्टल का रूप या संरचना अष्टकोणीय है। यह लगभग बेरंग ठोस है और पानी में अत्यधिक घुलनशील है। एक निश्चित डिग्री तक गर्म होने पर एक लाल रंग प्राप्त करता है।

जब यह बहुत अधिक तापमान के संपर्क में आता है तो पानी के गर्म अणु वाष्पित हो जाते हैं और सल्फ्यूरिक एसिड को एलुमिना और पोटाश सल्फेट के मिश्रण से छोड़ दिया जाता है।

पोटेशियम एल्यूमीनियम सल्फेट 92 डिग्री सेल्सियस पर अपने स्वयं के क्रिस्टलीकरण पानी में फ्यूज करता है। यह प्रकृति में अम्लीय है और नीले लिटमस के रंग को बदलता है।

पोटेशियम एल्यूमीनियम सल्फेट 92 डिग्री सेल्सियस पर अपने स्वयं के क्रिस्टलीकरण पानी में फ्यूज करता है। यह प्रकृति में अम्लीय है और नीले लिटमस के रंग को बदलता है।

इसे भी पढ़ें : जल का इतिहास ( History Of Water ), जल रासायनिक सूत्र ( Chemical Formula Of Water ), पानी का रंग ( Color Of Water )

फिटकरी के प्रकार ( Fitkari Ke Parkar )

ऊपर बताए गए रासायनिक और धातुई तत्वों की सहायता से कई प्रकार के एलम बनाए जा सकते हैं. यहाँ हम आपको तीन सर्वाधिक प्रचलित और काम में आने वाले फिटकरी के प्रकार बता रहे हैं. 

1. पोटैशियम एलम

पोटाश Fitkari को आमतौर पर एलुनाइट खनिज से निकाला जाता है। हालांकि, आज भी पोटेशियम फिटकरी का उत्पादन औद्योगिक रूप से किया जाता है। सबसे सामान्य तरीकों में से एक में एल्यूमीनियम सल्फेट में पोटेशियम सल्फेट जोड़ना शामिल है।

यदि सल्फेट में पोटेशियम सल्फेट के बजाय लोहे की अधिक मात्रा होती है, तो पोटेशियम क्लोराइड का उपयोग किया जा सकता है। यह एक रंगहीन क्रिस्टल पदार्थ होता है|

इस Fitkari का प्रयोग मुख्यत घरेलू और चिकित्सीय कामों के लिए अधिक मात्रा में किया जाता है| घरों में पायी जाने वाली फिटकरी  पोटेशियम फिटकरी ही होता है| 

2. अमोनियम एलम

जब एल्यूमीनियम के स्थान पर अमोनियम का उपयोग किया जाता है तो अमोनियम एलम का निर्माण होता है| यह एक सफ़ेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है| इसका इस्तेमाल ज्यादातर ब्यूटी प्रोडक्ट और पर्सनल केयर के प्रोडक्ट बनाने में किया जाता है| 

3. क्रोम एलम

इस फिटकरी को बनाने के लिए एल्यूमीनियम की जगह क्रोमियम का प्रयोग किया जाता है, इसे क्रोमियम पोटेशियम सल्फेट के नाम से जाना जाता है| इस फिटकरी का उपयोग औद्योगिक कामों में किया जाता है| चमड़ा उधोग में क्रोमा एलम का बहुतायत से उपयोग किया जाता है| 

फिटकरी के फायदे ( Fitkari Ke Fayde ) 

  1. फिटकरी का उपयोग लगभग 1500 वी शताब्दी के समय से ही चिकत्सकीय और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता रहा है| 
  2. फिटकरी की अम्लीय विशेषताओं के कारण इसका उपयोग बेकिंग सोडा बनाने में भी किया जाता है| 
  3. फिटकरी का उपयोग अनेक औधोगिक कामों जैसे कि चमड़ा निर्माण, बच्चों के खिलौने  इत्यादि बनाने में भी किया जाता है| 
  4. फिटकरी के अम्लीय गुणों की वजह से इसका इस्तेमाल शरीर की दुर्गन्ध को दूर करने के लिए किया जाता है| 
  5. फिटकरी की मदद से खून का थक्का बहुत तेजी से जमता है, इसलिए फिटकरी का उपयोग चोट लगने के बाद खून को रोकने में किया जाता है| 
  6. फिटकरी को एंटी जर्म के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है| शेविंग करने के बाद एंटी सेप्टिक के तौर पर चहरे पर लगाने से इचिंग और जलन से काफी राहत मिलती है| 
  7. फिटकरी के नियमित इस्तेमाल करने से चेहरे पर पिम्पल्स और मुहासों को कम करने में भी काफी सहायता मिलाती है| 

पोटाश फिटकरी के उपयोग ( Uses Of Potash Alum )

  • कपड़ा, लकड़ी और पेपरलेस लौ प्रतिरोध के लिए पोटेशियम फिटकरी का उपयोग अग्निरोधी के रूप मे किया जाता  है।
  • चमड़े की टैनिंग के लिए, पोटेशियम फिटकरी का उपयोग नमी निकालने और सड़ने से बचने के लिए किया जाता है। 
  • एल्यूमीनियम या आधार धातुओं को प्रभावित किए बिना स्टील्स को भंग कर दिया जाता है। मशीनरी के इस्पात भागों के मशीनीकृत कास्टिंग के लिए, फिटकरी के घोल का उपयोग किया जा सकता है।
  • पोटेशियम फिटकरी बेकिंग पाउडर के रूप में एक उच्च अम्लीय घटक हो सकता है हालांकि इस उद्देश्य के लिए सोडियम फिटकिरी का अधिक व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इंग्लैंड में बेकर्स ने 1800 के दशक में फिटकरी के साथ ब्रेड व्हिटर बनाया था।
  • फिटकरी का उपयोग ऊन और डाई जैसे प्राकृतिक कपड़ा फाइबर के बीच एक स्थायी लिंक बनाने के लिए mordant के रूप में किया जा सकता है| 
  • टर्बिड तरल पदार्थों को शुद्ध करने के लिए पोटेशियम फिटकरी का उपयोग किया गया था| 
  • घरेलू अवशिष्ट जल में फिटकरी के 30 से 40 पीपीएम तक का पानी डाला जाता है| 

इसे भी पढ़ें : Top Science Gk Question In Hindi

इस पोस्ट में हमने आपको Fitkari जिसे इंग्लिश में Poteshium Alum या Alum भी कहा जाता है के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है|

उम्मीद है इस पोस्ट में आपको फिटकरी क्या है (Fitkari kya hai)? फिटकरी का सूत्र क्या है (Fitkari ka sutra kya hai)? फिटकरी के प्रकार और फिटकरी के फायदे जैसे सवालों के जबाब मिल गए होंगे|

अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें| अगर आपके मन में कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं| अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद|

TOPKRO.COM पर विजिट करने के लिए धन्यवाद, हम आपके साथ हमेशा विभिन्न प्रकार की सही और सटीक जानकारी देने की कोशिश करते रहेंगे।

4 thoughts on “फिटकरी ( Fitkari ) – रासायनिक नाम, सूत्र व प्रयोग”

Comments are closed.