नमस्कार दोस्तों Top Kro में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में हम “कल्पना चावला के बारे में ( Kalpana Chawla essay in hindi ) पढेंगे। Kalpana chawla par nibandh की सहायता से विद्यार्थी सच्चे दोस्त के महत्व को समझ पाएंगे।
अगर आप कल्पना चावला के ऊपर एक बेहतरीन निबंध लिखना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि इसकी शुरुआत आप कैसे करें तो हमारा आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। इसलिए हम आपसे अनुरोध करेंगे कि आर्टिकल को आखिर तक पढ़ें।
इस पोस्ट के माध्यम से हमने बताया है कि कल्पना चावला कौन थी, कल्पना चावला का जन्म कब और कहां हुआ था, कल्पना चावला ने अंतरिक्ष की पहली उड़ान कब भरी तथा कल्पना चावला की मृत्यु कब और कैसे हुई? इत्यादि के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। इस पोस्ट को हमने आसान भाषा मे लिखने का प्रयास किया है ताकि आपको सभी बातें आसानी से समझ आ सकें।
इस पोस्ट में आपको कल्पना चावला पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे Kalpana Chawla par paragraph 100 शब्दों में, Kalpana Chawla par paragraph in Hindi, Kalpana Chawla essay in hindi 500+ शब्दों में तथा कल्पना चावला पर 10 लाइन इत्यादि।
कल्पना चावला पर निबंध 100 शब्दों में – Kalpana Chawla Par Paragraph
कल्पना चावला का जन्म 1 जुलाई 1961 को भारत के करनाल में हुआ था। उन्होंने 1980 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से वैमानिकी इंजीनियरिंग शुरू की थी। फिर उसने 1988 में कोलोराडो विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग किया, टेक्सास विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर प्राप्त की। उसने एम्स रिसर्च सेंटर में उपाध्यक्ष काम किया इसके अलावा पावरलिफ्ट और कम्प्यूटेशनल तरल गतिकी पर काम किया।
1994 में अंतरिक्ष यात्री के उम्मीदवार के रूप में इन्हें नासा के द्वारा चुना गया इसके बाद इनका प्रशिक्षण हुआ अंतरिक्ष यात्री कार्यालय ईवा /रोबोटिक्स और कंप्यूटर शाखाओं के लिए क्रू प्रतिनिधि बन गईं, उन्होंने रोबोटिक सिचुएशनल अवेयरनेस डिस्प्ले के साथ काम किया इसके अलावा उन्होंने अंतरिक्ष सटल के लिए सॉफ्टवेयर का निर्माण किया।
कल्पना चावला आप पहली ऐसी भारतीय महिला है जो अंतरिक्ष में गई थी जो हर भारतीय के लिए एक गौरव की बात है। 2003 में इनकी मृत्यु अंतरिक्ष से वापस आते समय इनका अंतरिक्ष यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उन में इनकी मृत्यु हो गई। आज भले ही कल्पना चावला हमारे बीच नहीं हैं लेकिन हमारे दिलों में हमेशा वह जिंदा रहेंगी। उनके द्वारा किया गया संघर्ष हमारे लिए एक प्रकार का प्रेरणा का स्रोत है I
कल्पना चावला पर निबंध 300 शब्दों में – Kalpana Chawla Par Nibandh
कल्पना चावला भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक थी। इसके अलावा वह पहली भारतीय महिला है जो अंतरिक्ष में गई थी जो हम सब भारतीयों के लिए गौरव की बात है।
कल्पना चावला का जन्म और प्रारंभिक जीवन
उनका का जन्म 17 मार्च 1965 को करनाल हरियाणा में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला और माता का नाम सज्योति देवी था। कल्पना चावला चार भाई बहनों में सबसे छोटी बहन चावला थी। बचपन से एक कल्पना चावला को अंतरिक्ष में जाने का शौक था उनके सपने को पूरा करने में उनके माता-पिता ने पूरा सहयोग किया।
कल्पना चावला की शिक्षा
कल्पना चावला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरियाणा के करनाल के ही टैगोर पब्लिक स्कूल से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ से वैमानिक अभियांत्रिकी में शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1982 में टैक्सास विश्वविद्यालय के द्वारा अपनी पूरी शिक्षा प्राप्त की।
1988 में उन्होंने कोलोराडो विश्वविद्यालय बॉर्डर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में उन्होंने उपाधि हासिल की और उसके बाद नासा में काम करना शुरू किया। जिसके बाद ही अंतरिक्ष यान के तौर पर उनके करियर की शुरुआत हुई और बाद में उन्हें अंतरिक्ष में जाने का मौका नासा के द्वारा दिया गया था I
कल्पना चावला का विवाह
उनका विवाह 2 दिसंबर, 1983 को ज्यां पियरे हैरिस से हुआ था।
कल्पना चावला का कैरियर
सन 1988 में उन्होंने नासा के ‘अमेस रिसर्च सेण्टर’ में ‘ओवरसेट मेथड्स इंक’ में बतौर उपाध्यक्ष कार्य करना प्रारंभ किया। कल्पना चावला को हवाई जहाज़ों, ग्लाइडरों व व्यवसायिक विमानों को उड़ाने के लिए लाइसेंस प्राप्त किया। 1951 में कल्पना चावला ने अमेरिका की नागरिकता प्राप्त की और उन्होंने नासा में अंतरिक्ष यान साइंटिस्ट के काम करने के लिए आवेदन किया और 1955 में उन्होंने नासा में अंतरिक्ष यान साइंटिस्ट के तौर पर काम करना शुरू किया।
1996 में उन्होंने पहली उड़ान के लिए चुना गया। उनकी पहली उड़ान अंतरिक्ष यान कोलंबिया (फ्लाइट संख्या एसटीएस-87) के द्वारा किया। इस अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कल्पना चावला समेत दल में 6 लोग सम्मिलित थे और यात्रा करने वाली भारत की पहली महिला और दूसरी भारतीय बन गई क्योंकि इसके पहले राकेश शर्मा ने इस प्रकार की यात्रा की थी।
उन्होंने अपने इस यात्रा के दौरान एक करोड़ मिल की यात्रा पूरी की। यात्रा के दौरान उन्होंने स्पार्टन उपग्रह को स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन कल्पना चावला के द्वारा स्थापित उपग्रह ठीक से काम नहीं करा था। ऐसे में नासा ने 2 लोगों को इसकी जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी और जांच में पाया गया कि गड़बड़ी कल्पना चावला के द्वारा नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर में तकनीकी प्रॉब्लम के कारण हुआ है I
इस यात्रा का मकसद था कि पृथ्वी व अंतरिक्ष विज्ञान, उन्नत तकनीक विकास व अंतरिक्ष यात्री स्वास्थ्य व सुरक्षा का भी अध्ययन किया गया। इस अभियान के दौरान उनकी टीम ने 80 प्रयोग किए थे और उनकी टीम में – कमांडर रिक डी. हस्बैंड, पायलट विलियम सी मैकूल, कमांडर माइकल पी एंडरसन, वैज्ञानिकों को सम्मिलित किया गया था I
कल्पना चावला पर निबंध 500 शब्दों में – Kalpana Chawla Essay In Hindi
आज के समय में हर कोई अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करता है ताकि वह अपने सपने को पूरा कर सकें ऐसे में कल्पना चावला बचपन से ही अंतरिक्ष यान में जाने के सपने देखे थे और उन्होंने अपने सपने को पूरा किया इसके लिए उन्होंने अथक प्रयास और परिश्रम किया तभी जाकर वह एक सफल अंतरिक्ष यान साइंटिस्ट बन पाए।
उनके बारे में कहा जाता है कि जब उन्होंने 12वीं की कक्षा पास की और साइंस में दाखिला लिया तो उनकी इस बात का उनके पिता ने विरोध किया। उनके पिता का सपना था कि कल्पना चावला मेडिकल में एडमिशन ले और एक डॉक्टर या शिक्षक बने। लेकिन कल्पना चावला के सपने कुछ और ही था और उन्होंने पिताजी की बात को अनदेखा करते हुए साइंस में दाखिला लिया।
अंतरिक्ष साइंटिस्ट साइंटिस्ट बनने के लिए अमेरिका गई
कल्पना चावला स्नातक की पढ़ाई करने के बाद अमेरिका गई। जहां पर उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय से वैमानिकी इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। 1988 में, कल्पना चावला ने कोलोराडो विश्वविद्यालय से वैमानिकी के क्षेत्र में पीएचडी प्राप्त की। उसके बाद अमेरिका के नासा सम्मिलित हो गई और वहां पर उन्होंने काम करना शुरू किया।
कल्पना चावला की पहली उड़ान
जब कल्पना चावला ने अपनी शिक्षा प्राप्त कर नासा में उन्होंने काम करना शुरू कर दिया और मार्च
कल्पना चावला की दूसरी ओर अंतिम उडान
दूसरी बार कल्पना चावला को कोलंबिया की उडान के लिए चुना गया। उड़ान में उनके साथ 6 साथी भी और सम्मिलित थे। उनका अंतरिक्ष यान अपनी सफल यात्रा पूरी कर पृथ्वी की तरफ लौट रहा था तभी उनका अंतिम क्षण कोलंबिया अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इस दुर्घटना में कल्पना चावला समेत उनके सभी 6 साथी मारे गए जो दुनिया और देश के लिए एक दुखद घटना थी।
उन्होंने अपनी इस यात्रा में पृथ्वी के 252 चक्कर काटे थे। उनके मरने के बाद नासा ने उनके नाम पर कई अंतरिक्ष उपग्रह भी लॉन्च किए थे ताकि उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके। आज भले ही कल्पना चावला हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्होंने जिस प्रकार हमारे देश का गौरव और मान बड़ा है वह हम सभी के भारतीयों के लिए एक प्रेरणा है।
कल्पना चावला को मिलने वाले पुरस्कार अवार्ड
- नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक
- नासा विशिष्ट सेवा पदक
- कांग्रेसनल अंतरिक्ष पदक के सम्मान
कल्पना चावला ने भारत की यात्रा कब की?
कल्पना चावला की मृत्यु कैसे हुई?
कल्पना चावला पर 10 लाइन – Kalpana Chawla Par 10 Line
- कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हुआ था।
- कल्पना चावला का जन्मस्थान करनाल, हरियाणा में हुआ था।
- कल्पना चावला ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
- बीई के बाद कल्पना चावला ने अर्लिंग्टन में टेक्सास विश्वविद्यालय से विज्ञान में मास्टर की डिग्री हासिल की।
- मास्टर ऑफ साइंस के लिए कल्पना चावला संयुक्त राज्य अमेरिका में आई थीं।
- कल्पना चावला 1962 से 1991 तक भारत में रह रही थीं।
- कल्पना चावला ने 1988 से नासा एम्स रिसर्च सेंटर के साथ काम करना शुरू किया।
- कल्पना चावला अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थी।
- कल्पना चावला पहली भारतीय महिला है जो अंतरिक्ष में गई थी।
- कल्पना चावला की मृत्यु 11 नवंबर 2003 को अंतरिक्ष यान दुर्घटनाग्रस्त में हुआ था।
इन्हे भी पढ़ें:-
उम्मीद करता हूं दोस्तों की “कल्पना चावला पर निबंध ( Essay On Kalpana Chawla In Hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें कल्पना चावला से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।
अगर आप यह पोस्ट आपको अच्छा लगा तो आप अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर कर सकते हैं। अगर आपके मन मे कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं हम आपसे जल्द ही संपर्क करेंगे। अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।