कर्तव्य पथ क्या है – Kartavya Path In Hindi

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक और बेहतरीन पोस्ट में। आज की पोस्ट में हम बात करेंगे kartavya path in hindi के बारे में। जैसा कि आप लोग जानते हैं कि 8 सितंबर 2022 देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कर्तव्य पथ पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया। हम आपको बता दें कि एक कर्तव्य पथ का पहले नाम राजपथ था और आज की तारीख में राजपथ का नाम बदल दिया गया है और उसका नाम कर्तव्य पथ कर दिया गया है।

ऐसे में अगर आप एक छात्र हैं तो आपके लिए यह आर्टिकल काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि अगर आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए आर्टिकल ज्ञानवर्धक होगा इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आर्टिकल को आखिर तक पढ़े।

इस पोस्ट के माध्यम से हमने बताया है कि कर्तव्य पथ क्या है, कर्तव्य पथ का पुराना नाम क्या था, कर्तव्य पथ का इतिहास क्या है तथा इसका नाम कब बदला गया? इत्यादि के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। इस पोस्ट को हमने आसान भाषा मे लिखने का प्रयास किया है ताकि आपको सभी बातें आसानी से समझ आ सकें।

कर्तव्य पथ का नाम पहले क्या था? – Kartavya Path Ka Purana Naam


कर्तव्य पथ का पहले नाम राजपथ था लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ दिया है और अब से राजपथ को हम लोग कर्तव्य पथ के नाम से जानते हैं I

कर्तव्य पथ क्या है – Kartavya Path Kya Hai?

कर्तव्य पथ भारत का एक ऐतिहासिक राजपथ है जहां पर 26 जनवरी की स्वतंत्रा की परेड सेना के द्वारा निकाली जाती है या भारत का काफी महत्वपूर्ण राजमार्ग है क्योंकि यहां पर भारत के सभी प्रकार के सरकारी इमारत और बंगले जैसे राष्ट्रपति भवन प्रधानमंत्री आवास पार्लियामेंट और जितने भी सांसद के घर है उन सभी घरों की स्थिति कर्तव्य पथ के नजदीक में है I

102 साल में इतिहास में इस मार्ग का नाम तीन बार बदला गया है। ब्रिटिश राज में निर्मित इस मार्ग का पहला नाम किंग्सवे (Kingsway) था। जिसे आजादी के बाद बदलकर ‘राजपथ’ कर दिया गया था। राजपथ वही मार्ग है, जहां पर 26 जनवरी की परेड निकलती है। अब राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया। यह भारत के नई दिल्ली में स्थित है I कर्तव्य पथ राष्ट्रीय राजमार्ग चौक और इंडिया गेट से होकर गुजरता है I सुंदर और हरे-भरे बगीचे और दोनों किनारों से पेड़ों और नहरों से घिरा हुआ है।

कर्तव्य पथ पर स्थित राष्ट्रीय स्मारक और इमारतें

कर्तव्य पथ पर भारत के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्मारक और इमारतें स्थित है जिसका विवरण हम आपको नीचे बिंदु अनुसार देंगे चलिए जानते हैं-

राष्ट्रपति भवन

भारत का राष्ट्रपति भवन देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति जी का निवास स्थान है जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था तब राष्ट्रपति भवन वासराय का निवास स्थान था लेकिन जब देश आजाद हुआ तो इसे राष्ट्रपति भवन बना दिया गया और जिसमें राष्ट्रपति रहते हैं

विजय चौक

विजय चौक भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्मारक स्थल है जहां पर 26 जनवरी के दिन बीटिंग रिट्रीट का आयोजन किया जाता है जिसमें भारत के रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के सेना अध्यक्ष सम्मिलित होते हैं इसका एक कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण और इतिहासिक होता है इसमें भारतीय सेना के पराक्रम और हथियारों की प्रदर्शनी दिखाई जाती है I

केंद्रीय सचिवालय

भारत के रक्षा मंत्री गृह मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय इसके अलावा जितने भी बड़े सरकारी कार्यालय हैं वह सभी कर्तव्य पथ के मार्ग पर स्थित हैं और यहीं से होकर सभी सरकारी गाड़ियों का आवागमन होता है I

इंडिया गेट

इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध और दूसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में मारे गए लोगों के सम्मान में इंडिया गेट बनाया जाता है इसके अलावा भारत के जितने भी बहादुर सैनिक जिन्होंने अपने प्राण देश के लिए दे दिया है उसकी स्मृतियां यहां पर सहेज कर रखी गई है अब इंडिया गेट में सुभाष चंद्र बोस की स्टेचू का भी अनावरण हो चुका है जिसका अनावरण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 8 सितंबर 2022 को किया था।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक

स्वतंत्रता के बाद से, भारतीय सशस्त्र बलों के 25,000 से अधिक सैनिकों ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा अपना बलिदान देश के लिए दे दिया है ऐसे वीर सिपाहियों को याद करने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जी से गौरव मेमोरियल के नाम से जाना जाता है वह भी कर्तव्य पथ के मार्ग पर स्थित है I

कर्तव्य पथ का इतिहास – Kartavya Path Ka Itihas

1911 में ब्रिटिश शाही सरकार और वाइसरीगल प्रशासन ने निर्धारित किया कि ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित किया जाना चाहिए । जिसके बाद अंग्रेजों ने दिल्ली में कई बड़े सरकारी इमारतों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी ताकि ब्रिटिश सरकार प्रशासनिक व्यवस्था का संचालन पूरे भारत में अच्छी तरह से कर सकें ।

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ब्रिटिश सरकार में काम करने वाले सर एडविन लुटियंस एक ऐसे मार्ग की स्थापना के बारे में सोचा जिसके अगल-बगल सभी प्रकार के बड़े सरकारी इमारतें होंगी और यहां पर केवल प्रशासनिक अधिकारी और बड़े अधिकारियों को आने की इजाजत होगी जिसके फलस्वरुप उस समय वायसराय रहने के लिए यहां पर एक विशाल भवन का निर्माण किया गया जिसे आज हम राष्ट्रपति भवन के रूप में जानते हैं।

राजपथ के आसपास की अधिकांश इमारतों को लुटियंस और परियोजना का निर्माण दूसरे वास्तुकार सर हर्बर्ट बेकर द्वारा किया गया है जब यह सड़क का निर्माण किया गया था उस समय भारत के सम्राट जॉर्ज पंचम के सम्मान में इसका नाम किंग्स वे या किंग्सवे रखा गया था। जब 1911 में वह दिल्ली आए तो उन्होंने देखा कि यहां पर विशाल बड़े-बड़े सरकारी बंगले और राष्ट्रीय राज्य पथ का निर्माण किया गया है उसने तुरंत आदेश जारी किया कि आज से भारत की राजधानी दिल्ली होगी और तभी से भारत की राजधानी दिल्ली हो गई जो आज तक है I


भारत आजाद हुआ तो इसका नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया अब ऐसे में आज की तारीख में 2022 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया है सभी भारतीयों को गर्व होना चाहिए कि हम धीरे-धीरे गुलामी के जितने भी चिन्ह उसको हम लोग समाप्त कर रहे हैं I

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उम्मीद करता हूं दोस्तों की “कर्तव्य पथ ( Kartavya Path in hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें कर्तव्य पथ से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।

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