नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक और बेहतरीन पोस्ट में। आज की पोस्ट में हम बात करेंगे lal bahadur shastri essay in hindi जैसा कि आप लोग जानते हैं कि लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे I इसके अलावा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इनकी भूमिका अतुल्य रही थी I
ऐसे में अगर आप लाल बहादुर शास्त्री के ऊपर निबंध लिखना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि लाल बहादुर शास्त्री के ऊपर एक बेहतरीन निबंध कैसे लिखा जाए तो आपके लिए यह आर्टिकल महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध कैसे लिखें?
इस पोस्ट में आपको लाल बहादुर शास्त्री पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे लाल बहादुर शास्त्री एस्से 100 शब्दों में, Lal Bahadur Shastri Essay In Hindi 300 शब्दों में, Lal Bahadur Shastri par nibandh 500 शब्दों में तथा लाल बहादुर शास्त्री पर 10 लाइन इत्यादि।
लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध 100 शब्दों में
Lal Bahadur Shastri भारत के एक सच्चे वीर सपूत थे उन्होंने भारत के आजादी में अपनी भूमिका का निर्वाह किया इसके बाद जब देश आजाद हुआ और देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद देश का बागडोर इन्होंने संभाला और देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने उन्होंने अपने कार्यकाल में देश के विकास के लिए नियंत्रण काम किया और उन्होंने जय किसान जय जवान का नारा भी दिया था।
जब वह देश के प्रधानमंत्री थे तो उनके कार्यकाल में ही भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 का युद्ध हुआ और इस में भारत को विजय हासिल हुई I 2 अक्टूबर को देश भर में लाल बहादुर शास्त्री जयंती भी काफी हर्ष उल्लास के साथ मनाई जाती है क्योंकि 2 अक्टूबर को ही इनका जन्म हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ राजनेता थे। जब तक देश के प्रधानमंत्री रहे उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वाह काफी अच्छी तरह से किया I
लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध 300 शब्दों में
लाल बहादुर शास्त्री का प्रारंभिक जीवन
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था इनके पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव माता का नाम राम दुलारी देवी काफी छोटी उम्र में इनके पिता का देहांत हो गया और उनका पालन पोषण की माता और बहनों ने किया इनकी दो बहने थी I
लाल बहादुर शास्त्री की शिक्षा
लाल बहादुर शास्त्री के प्रारंभिक शिक्षा ननिहाल में हुई थी। उन्होंने अपनी 6 क्लास शिक्षा मुगलसराय के ईस्ट सेंट्रल रेलवे इण्टर कॉलेज से उन्होंने पूर्व किया इसके बाद परिवार वाराणसी चला गया जहां पर उन्होंने सातवीं की कक्षा दाखिला लिया और वहां से उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की इसके बाद उसी समय देश में गांधी जी के द्वारा असहयोग आंदोलन चलाया जा रहा था और उस सेवा काफी प्रभावित हुए।
वह महात्मा गांधी जी के असहयोग आंदोलन में सम्मिलित हो गए और आंदोलन में उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया जेल भी गए लेकिन नाबालिक होने के कारण उन्हें छोड़ भी दिया गया I इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री ने काशी विद्यापीठ की स्थापना की जहां से उन्होंने नैतिक और दर्शनशास्त्र में उपाधि की डिग्री हासिल की।
लाल बहादुर शास्त्री का पारिवारिक जीवन
1928 में उनका विवाह मिर्जापुर निवासी गणेशप्रसाद की पुत्री ललिता से हुआ। ललिता और शास्त्रीजी की छ: सन्तानें हुईं, दो पुत्रियाँ-कुसुम व सुमन और चार पुत्र – हरिकृष्ण, अनिल, सुनील व अशोक। उनके चार पुत्रों में से दो-अनिल शास्त्री और सुनील शास्त्री अभी हैं, शेष दो दिवंगत हो चुके हैं। अनिल शास्त्री कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं जबकि सुनील शास्त्री भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं।
स्वतंत्रता संग्राम में लाल बहादुर शास्त्री की भूमिका
शास्त्री जी गांधीवादी विचारधारा के समर्थक थे। गांधी जी को अपना आदर्श भी मानते थे I इसलिए गांधी जी के द्वारा जितनी भी आंदोलन हुए उनमें उन्होंने भाग लिया और कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा था इसके अलावा लाल बहादुर शास्त्री जी “सर्वेंट ऑफ पीपुल सोसाइटी” के आजीवन सदस्य भी रहे जब तक वह जीवित रहे।
यह सोसाइटी लाला लाजपत राय के द्वारा बनाई गई थी ताकि देश के लोगों की भलाई के लिए काम किया जा सके उनके काम से प्रभावित होकर उन्हें सर्वेंट ऑफ पीपुल सोसायटी का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था ऐसा कहा जाता है कि लाल बहादुर शास्त्री नेहरू के काफी करीबी लोगों में से एक थे।
लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध – Long Essay On Lal Bahadur Shastri In Hindi
लाल बहादुर शास्त्री जी का राजनीतिक जीवन
Lal Bahadur Shastri शुरुआती दिनों से ही राजनीतिक में सक्रिय थे उन्होंने गांधी जी के संचालित के हमारे आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया जिसके कारण उन्हें जेल भी कई बार जाना पड़ा था। इसके अलावा जब देश 1947 में आजाद हुआ तो उत्तर प्रदेश राज्य का परिवहन मंत्री नियुक्त किया गया था। इसके अलावा लाल बहादुर शास्त्री 1951 में कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी बने। इसके बाद 1952 में जब देश में पहला आम चुनाव हुआ और सरकार बनी तो उसमें उन्हें रेल मंत्री का पद दिया गया।
लेकिन रेल मंत्री के पद पर ज्यादा दिनों तक में तक नहीं रहे और उन्होंने उस पद से इस्तीफा दे दिया 1964 में जब अचानक से जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हो गई तब उन्होंने देश का कार्यभार संभाला और देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने। ताशकंद में 1966 में रहस्यमई तरीके से उनकी मृत्यु हो गई जो आज तक एक पहेली है है जिसे कोई भी सुलझा नहीं पाया।
लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री के रूप में
प्रधानमंत्री के तौर पर लाल बहादुर शास्त्री का कार्यकाल काफी सफल माना जाता है क्योंकि उन्होंने देश में कई प्रकार के सुधार किए इसके अलावा उन्हीं के कार्यकाल में 1965 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ और इस युद्ध में उनके कुशल नेतृत्व के कारण भारत को विजय हासिल हुई उन्होंने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कई देशों की यात्रा की।
लाल बहादुर शास्त्री जयंती
सबसे बड़ी बात है कि लाल बहादुर शास्त्री 2 अक्टूबर को देश के सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मनाई जाती है हालांकि इस दिन गांधी जयंती भी मनाई जाती है इस दिन स्कूलों में विधार्थी काफी हर्षोल्लास के साथ लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हैं और उनके सम्मान में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इसके अलावा उनके जीवन पर भाषण छात्रों के द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं जिनमें लाल बहादुर शास्त्री के विचार धाराओं को लोगों के सामने रखा जाता है ताकि आने वाली पीढ़ी भी जान सके कि लाल बहादुर शास्त्री की विचारधारा क्या है और अगर आप उन विचारधाराओं को अपने जीवन में आत्मसात करते हैं तो अपने जीवन में संघर्ष करते हुए सफलता प्राप्त करेंगे।
देश में राष्ट्रीय एकता और शांति को बढ़ावा
Lal Bahadur Shastri एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे वह किसी भी धर्म या लोगों से भेदभाव नहीं करते थे उन्होंने देश के राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए थे। उन्होंने सबसे पहले देश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय दूध बोर्ड की स्थापना की थी I इसके अलावा उन्होंने अपने शासनकाल में दूसरे देशों के साथ संबंध को मजबूत किया था कि भारत को विश्व पटल पर एक सशक्त देश के रूप में स्थापित किया जा सके I
भारत के राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने के लिए उन्होंने हिंदी को देश का राष्ट्रीय भाषा बनाया जाए अपने फैसले को वापस ले लिया क्योंकि जब उन्होंने इस बात का प्रस्ताव रखा कि हिंदी देश की राष्ट्रीय भाषा बने तो देश के कई राज्य जहां की अधिकारिक भाषा हिंदी नहीं थी उनका विरोध शुरू हो गया और विरोध का रूप दंगे के रूप में तब्दील हो गया इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया।
इसके अलावा भारत पाकिस्तान के युद्ध में जिस प्रकार उन्होंने देश का नेतृत्व किया उसका परिणाम यह हुआ कि 22 दिनों के अंदर भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया वह दिन देशवासियों के लिए गौरवान्वित पल था I
10 Lines On Lal Bahadur Shastri In Hindi
- शास्त्री जी के पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था वे एक शिक्षक थे।
- लालबहादुर जी की माँ का नाम रामदुलारी था।
- शास्त्री जी का विवाह 1928 में हुआ उनकी पत्नी का नाम ललिता था ।
- शास्त्री जी ने काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की थी।
- लाल बहादुर शास्त्री जी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।
- शास्त्रीजी ने जय जवान – जय किसान का नारा दिया था।
- लाल बहादुर शास्त्री जी सभी धर्मों का आदर करते थे।
- 1965 का भारत पाकिस्तान युद्ध शास्त्रीजी के कार्यकाल में लड़ा और जीता गया था ।
- 11 जनवरी 1966 की रात को ताशकंद में शास्त्री जी की संदिग्ध मृत्यु हो गई थी ।
- शास्त्री जी के समाधि स्थल का नाम विजय घाट है।
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उम्मीद करता हूं दोस्तों की “लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध ( Lal Bahadur Shastri essay in hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें लाल बहादुर शास्त्री से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।
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