दोस्तों आज के हमारे इस पोस्ट में आप सभी को परिमेय व अपरिमेय संख्या ( Parimey Aur Aparimey Sankhya ) से संबंधित सभी नियम एवं ट्रिक्स की संपूर्ण जानकारी मिलने वाली है।
इस लेख के माध्यम से हमने बताया है कि Rational Or Irrational Number Kya Hote Hain ?, Parimey Aur Aparimey Sankhya की पहचान क्या है?, इन संख्याओं के सिंबल क्या होते हैं?, धनात्मक व ऋणात्मक परिमेय संख्या क्या होती है?, परिमेय एवं अपरिमेय संख्याओं के गुणधर्म क्या होते हैं?, परिमेय व अपरिमेय संख्या से संबंधित कुछ प्रश्न तथा कुछ अपरिमेय संख्याओं के लिस्ट
इन सब चीजों की जानकारी आपको उदाहरण सहित मिलने वाली है। तो इसको अच्छी तरह समझने के लिए तथा इस चैप्टर के ऊपर अपनी अच्छी पकड़ बनाने के लिए इस लेख को अंत जरूर पढ़ें। ताकि आपको परिमेय एवं अपरिमेय संख्या के बीच के अंतर को समझने में कोई परेशानी ना हो और आप इसके प्रश्नों को आसानी से हल कर सके।
तो आइए जानते हैं :-
परिमेय संख्या किसे कहते हैं – Parimey Sankhya Kya Hoti Hai?
ऐसी संख्याएं जिसे (p/q) पी बाय क्यू के रूप में लिखा जा सके, जहां p एवं q पूर्णांक हो तथा q शून्य के बराबर ना हो ऐसी संख्याएं ‘परिमेय संख्या ( Parimey Sankhya )’ कहलाती है।
जैसे- ½ को p/q के रूप में लिखा जा सकता है, जहां p=1 , q=2 दोनों पूर्णांक है और q शून्य के बराबर नहीं है। अतः ½ एक परिमेय संख्या हैं।
इसी तरह -5, 0/1, ¾, ⅖ इत्यादि संख्याएं एक Parimey Sankhya है।
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अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं – Aparimey Sankhya Kise Kahate Hain?
ऐसी संख्याएं जिन्हें (p/q) पी बाय क्यू के रूप में नहीं व्यक्त किया जा सकता है, जहां p एवं q पूर्णांक नहीं होती है तथा q शून्य के बराबर ना हो ऐसी संख्याएं ‘अपरिमेय संख्या’ कहलाती हैं।
जैसे- √2, √5, √6, √7,√11 इत्यादि अपरिमेय संख्याएं क्योंकि इसका मान पी बाय क्यू (p/q) के रूप में नहीं लिखा जा सकता है।
परिमेय एवं अपरिमेय संख्याओं की पहचान कैसे करें?
परिमेय संख्या की पहचान – मैथ्स में परिमेय संख्याओं को पहचानने के कुछ तरीके हैं जो कुछ इस प्रकार है :-
वैसी संख्याएं जो p/q के रूप में और जहां q शून्य के बराबर न हो। जैसे- 2/6,3/9,4/8,5/7 इत्यादि।
वैसी p/q के रूप वाले संख्याएं जिनको हल करने पर उनका मान दशमलव रूप में आए। वे संख्याएं परिमेय संख्या होती हैं। जैसे- 5/2= 2.5, 9/4= 2.25, 11/5= 2.5 इत्यादि परिमेय संख्याएं है।
भिन्न संख्याएं अभी परिमेय संख्या होती है। भिन्न संख्या में बता दें। इनका हर हमेशा अंश से बड़ा होता है। जैसे- ¾, ⅚, ⅘, ⅞ इत्यादि।
अपरिमेय संख्या की पहचान :- मैथ्स में अपरिमेय संख्याओं को पहचानना सबसे आसान है, जैसे कि आप जानते है कि इन संख्याओं को p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता है और इसका वर्गमूल भी नहीं निकालता है।
जैसे- √2 = 1.414.. , √3 = 1.732.. , √5 = 2.236.. इन संख्याओं को न p/q के रूप में लिख सकते हैं और न ही इनका वर्गमूल ज्ञात किया जा सकता है।
परिमेय एवं अपरिमेय संख्या के सिंबल (Symbol) :-
परिमेय संख्या का सिंबल – Parimey Sankhya Ka Symbol Kya Hota Hai
मैथ्स में किसी भी परिमेय संख्या को हमलोग ‘Q’ से सूचित करते हैं।
अपरिमेय संख्या का सिंबल – Aparimey Sankhya Ka Symbol Kya Hota Hai
मैथ्स में किसी भी अपरिमेय संख्या को हमलोग ‘P’ सूचित करते हैं।
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धनात्मक एवं ऋणात्मक परिमेय संख्या क्या है ?
धनात्मक परिमेय संख्या – Dhanatmak Parimey Sankhya
वैसे परिमेय संख्या जिसके अंश एवं हर के चिन्ह समान हो अर्थात अंश एवं हर दोनों के चिन्ह या तो दोनों धनात्मक हो या दोनों ऋणात्मक हो, ऐसी परिमेय संख्या ‘धनात्मक परिमेय संख्या ( Positive Rational Number )’ कहलाती है।
जैसे – ⅔ एक धनात्मक Parimey Sankhya है, क्योंकि इसके अंश एवं हर दोनों के चिन्ह सामान है। इसी तरह -3/-4 भी एक धनात्मक परिमेय संख्या है, क्योंकि इसके भी अंश एवं हर दोनों के चिन्ह समान है।
ऋणात्मक परिमेय संख्या – Rinatmak Parimey Sankhya
वैसे परिमेय संख्या जिनके अंश एवं हर में किसी एक का चिन्ह ऋणात्मक हो अर्थात जिसके अंश एवं हर के चिन्ह एक दूसरे के विपरीत हो तो ऐसी संख्या ‘ऋणात्मक परिमेय संख्या ( Negative Rational Number )’ कहलाती है।
जैसे- 4/-5 एक ऋणात्मक परिमेय संख्या है, क्योंकि इसके अंश का चिन्ह हर के चिन्ह के विपरीत है। इसी तरह -3/6 में भी अंश एवं हर का चिन्ह एक-दूसरे विपरीत है, इसलिए यह भी एक ऋणात्मक परिमेय संख्या है।
अपरिमेय संख्याओं के उदाहरण – Aparimey Sankhya Ka Udaharan
संख्या | संख्या का मान | |
---|---|---|
π (पाई) | = | 3.141… |
e (Euler’s Number) | = | 2.718… |
(Golden Ratio) | = | 1.618… |
√2 | = | 1.414… |
√3 | = | 1.732… |
√5 | = | 2.236… |
√6 | = | 2.449… |
मैथ्स में कई ऐसे संख्याएं है जो हमेशा अपरिमेय संख्या होती हैं। उनके लिस्ट कुछ इस प्रकार है
परिमेय एवं अपरिमेय संख्याओं के गुणधर्म
परिमेय संख्याओं के गुणधर्म – Parimey Sankhyaon Ke Gundharm
परिमेय संख्या के कुछ गुण है जो इस प्रकार है –
- दो परिमेय संख्याओं का योग तथा दो परिमेय संख्याओं अंतर, हमेशा एक परिमेय संख्या ही होती है। जैसे – ⅔ + 4/3 = 6/3 यह एक Parimey Sankhya है। इसी तरह, 5/6 – 3/6 = 2/6 यह भी एक परिमेय संख्या है। इससे सिद्ध होता है कि दो परिमेय संख्याओं का योग तथा अंतर हमेशा ही एक परिमेय संख्या होती है।
- दो परिमेय संख्याओं का गुना एवं दो परिमेय संख्याओं का भाग, हमेशा ही एक अपरिमेय संख्या होती हैं। जैसे – 2/4 × 3/6 = ¼ जो कि एक परिमेय संख्या है। इसी तरह, 5/4 ÷ 5/3 = ¾ जो कि एक परिमेय संख्या है इससे सिद्ध होता है कि दो परिमेय संख्याओं का गुना एवं भाग, हमेशा ही एक परिमेय संख्या होती हैं।
- यदि किसी परिमेय संख्या के अंश एवं हर में समान अंक से गुना एवं भाग किया जाए, तो हमेशा एक परिमेय संख्या ही प्राप्त होगी। जैसे – ⅘ एक संख्या है और इसके अंश एवं हर में ‘2’ से गुणा किया जाए, तो 8/10 संख्या प्राप्त होगी जो कि एक Parimey Sankhya है। इसी प्रकार, 12/16 एक संख्या है और इसके अंश एवं हर में 2 से भाग किया जाए, तो 6/8 संख्या प्राप्त होगी जो कि एक परिमेय संख्या हैं।
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अपरिमेय संख्याओं के गुणधर्म – Aparimey Sankhyaon Ke Gundharm
- एक परिमेय और एक अपरिमेय संख्याओं का योग हमेशा एक अपरिमेय संख्या होती है। जैसे 2 + (2+√3) = 2+2+√3 अर्थात 4+√3 यह एक अपरिमेय संख्या है। यहां 2 एक परिमेय संख्या और 2+√3 एक अपरिमेय संख्या है।
- एक परिमेय और एक अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल हमेशा एक अपरिमेय संख्या ही होती है। जैसे – 2 × √5 = 2√5 यह एक अपरिमेय संख्या है। यहां 2 एक परिमेय संख्या है और √5 एक अपरिमेय संख्या है।
- दो अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल एक परिमेय और एक अपरिमेय संख्या दोनों हो सकते हैं। जैसे – √3 × √3 = √9 = 3 एक परिमेय संख्या है। यहां √3 एक अपरिमेय संख्या है। इसी तरह, √2 × √6 = √12 एक अपरिमेय संख्या है। यहां √2 और √6 दोनों अपरिमेय संख्या ली गई है।
FAQ About Rational Or Irrational Number In Hindi
दोस्तों यहां हमने कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में चर्चा की है, जो अक्सर आपके परीक्षा में पूछे जाते हैं। तो इन प्रश्नों को ध्यान से देखें और समझे ताकि यह प्रश्न जब आपके एग्जाम में पूछे जाए तो आप उनका सही-सही उत्तर दे सके|
दो परिमेय संख्याओं के बीच कितनी परिमेय संख्या निकाली जा सकती है?
-5 और 1 के बीच छः परिमेय संख्या ज्ञात कीजिए।
-5= -5/1×7= -35/7
1= 1/1×7 = 7/7
यहां -5 और 1 के बीच छः परिमेय संख्या निकाली जो है “-34/7,-33/7,-32/7,6/7,5/7,4/7”
क्या शून्य एक परिमेय संख्या है या नहीं ?
क्या दशमलव संख्या एक परिमेय संख्या होती है ?
क्या π एक अपरिमेय संख्या होती है ?
क्या दो अपरिमेय संख्याओं का भागफल परिमेय और अपरिमेय संख्या दोनों हो सकता है ?
2√5 / 2√3 = √5/√3 यह एक अपरिमेय संख्या है।
अपरिमेय संख्या के कुछ प्रचलित उदाहरण कौनसे हैं?
जैसे :- √2, √3, √5, √7, π, e (Euler’s Number) इत्यादि हैं।
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निष्कर्ष :- दोस्तों, तो जैसा कि मैंने परिमेय एवं अपरिमेय संख्या ( Parimey Aur Aparimey Sankhya ) के बीच अंतर को एवं इनसे संबंधित सभी तथ्य को इस पोस्ट में आपको अच्छी तरह से समझाने का प्रयत्न किया है।
आशा करता हूं कि परिमेय व अपरिमेय संख्या ( Rational Or Irrational Number In Hindi) से संबंधित जानकारी आपको हेल्पफुल लगी होगी और इसे समझने में कोई दिक्कत नहीं आई होगी। अगर ऐसी कोई चीज जो आपकी समझ में न आयी हो तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं। हम उन्हें बताने का पूरा प्रयत्न करेंगे। धन्यवाद !