रोहतक का इतिहास ( Rohtak Ka Itihas )
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आधुनिक रोहतक
प्रमुख विश्वविद्यालय
1) बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय ;- इसकी स्थापना रोहतक जिले में 2012 को की गई थी|
2) आई आई एम् विश्वविद्यालय :- यह विश्वविद्यालय 2011 में स्थापित किया गया था|
3) महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय :- इसकी स्थापना 1976 में की गई थी| यह विश्वविद्यालय 700 एकड़ में बनाया गया है|
4) B. D. शर्मा विज्ञानं विश्वविद्यालय :- इसकी स्थापना 2008 में की गई थी|
उद्योग
रोहतक में प्रमुख मस्जिद व मकबरे
लाल मस्जिद
दिनी मस्जिद :- इस मस्जिद का निर्माण सुल्तान अलाउद्दीन ने करवाया था|
काजी मस्जिद :- यह मीनार 60 फुट ऊँची है| इसको बनाने में सफेद पत्थर का प्रयोग किया गया है|
शीशे वाली मस्जिद
प्रमुख गुरूद्वारे व मंदिर
प्रमुख मेले
बाबा मस्तनाथ का मेला :-
यह मेला रोहतक ( Rohtak ) जिले के अस्थल अबोहर में फरवरी – मार्च में लगाया जाता है। इस प्रसिद्ध मेले में भारी भीड़ आती है।
बाबा जमनादास का मेला :-
भलोट नामक स्थान पर चेत्र शुक्ल पक्ष अष्टमी को इस मेले का आयोजन किया जाता है।
शिवरात्रि का मेला :-
यह मेला किलोई नामक स्थान पर लगता है।
तीज का मेला :-
यह रोहतक में श्रावण शुक्ल पक्ष में लगता है।
जन्माष्टमी का मेला :-
भादों कृष्ण पक्ष अष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण के जन्म को धूमधाम से मनाया जाता है।
होला महल्ला उत्सव :-
यह उत्सव लाखन माजरा में फाल्गुन पूर्णिमा को गुरु तेगबहादुर की याद में मनाया जाता है।
प्रमुख स्थान
1) महम :-
महम रोहतक ( Rohtak ) जिले का एक महत्वपूर्ण कस्बा है। यहां पर एक ऐतिहासिक चबूतरा है जहां 24 गांवों की पंचायतें इकट्ठी होकर क्षेत्र की समस्याओं के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय व न्याय करती है। महम हरियाणा के ही नही बल्कि भारत के प्राचीनतम कस्बों में एक है।
2) महम की बावड़ी :-
रोहतक ( Rohtak ) जिले के महम कस्बे के एक छोर पर एक बावड़ी बनी हुई है। यह मुगल स्थापत्य कला का नमूना है। यह बावड़ी शाहजहां के शासनकाल में सद्दोकलाल ने 1656 ई० में बनवाई। इसकी चार मंजिले है तथा अंदर जाने के लिए 108 सीढियां है। इसमें एक सुरंग भी है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह दिल्ली तक जाती थी और बाद में इस सुरंग को बंद करवा दिया गया।
3) गांव दुजाना :-
दुर्जनशाह नामक फ़क़ीर के नाम पर इसका नामदुजाना पड़ा। बाद में यही दुजाना रियासत के नाम से प्रसिद्ध हुआ। दुजाना के नवाब हसन अली खां ओर इख्तियार अली खां के समय दुजाना ने काफी तरक्की की।
नवाब दुजाना इख्तियार अली खां की दो बेगम थी, बड़ी बेगम शहनाज किले में रहती थी और छोटी बेगम हुस्न आरा किले के सामने ही महल में रहती थी। नवाब दुजाना के पास दो तोपें थी जो आज रोहतक मानसरोवर पार्क के गेट के पास रखीं है।
4) द्वारका व जोखी सेठ द्वारा बनवाई हवेली :-
रोहतक ( Rohtak) के डीघल गांव में बहुत साल पहले द्वारका व जोखी सेठ भाइयों ने एक दो मंजिल हवेली का निर्माण करवाया, जो आज भी मौजूद है। महल के नाम से प्रसिद्ध इस हवेली में ऊंचा महराब देकर किले जैसी शेली का प्रवेश द्वार बनाया गया है।
5) अस्थल अबोहर :-
यह अपने मठ के लिए प्रसिद्ध है। यहां के मठवासी नाथ सम्प्रदाय का प्रतिनिधित्व करते है जो बोद्ध धर्म के महायान का एक भाग है। गुरु गोरखनाथ को इसका संस्थापक माना जाता है।
अनुश्रुति के अनुसार सियालकोट के सलबाहन का पुत्र पूर्ण भगत, जो चौरन्गीनाथ के नाम से जाना जाता था और गोरखनाथ का शिष्य था, यहां आया और इस स्थान की स्थापना की। 1791 ई० में बाबा मस्तनाथ ने इस मठ को पुनर्जीवित किया।
6) डीघल गांव का बैठक भवन :-
रामे सेठ नामक प्रसिद्ध साहूकार ने डीघल गांव में सन 1880 के आसपास एक कलात्मक बैठक भवन का निर्माण कराया। जो आज भी उसकी कलात्मक अभिरुचि व उसके खानदान की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
256 वर्ग फुट क्षेत्र में बने इस बैठक कक्ष की आंतरिक सज्जा के लिए लाला फतेहचंद ने बहुत बढ़िया किस्म के 23 भित्तिचित्र बनवाये। इसी कक्ष में कानहोर व रोहतक के ख़ातियों से 1015 किलोग्राम भार का उत्कृष्ट शीशम का तख्ता बनवाकर रखवाया गया। यह देखने मे काफी आकर्षक स्थान है।
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जन्म स्थली
- रणदीप हुड्डा
- रणबीर हुड्डा
- पंडित लख्मीचंद
- मातु राम ( आर्य समाजी )
- ममता खरब हॉकी खिलाड़ी (भीम व अर्जुन अवार्ड से सम्मानित )
- पहलवान अशोक कुमार गर्ग ( सितार ए हिन्द, सितार के पंजाब)
- जे० पी० कौशिक ( चन्द्रावल व सात हिंदुस्तानी का संगीत दिया था इन्होंने )
- मनोज कुमार ( बॉलीवुड अभिनेता )
- नसीब सिंह कुंडू ( अभिनेता )
- अश्विनी चौधरी ( निर्माता, निर्देशक )
- जगदीश चौधरी ( पर्यटन पुरुस्कार सम्मानित )
- दीनबन्धु सर छोटू राम ( गढ़ी सांपला )
- पंडित नेकी राम शर्मा ( केलंगा गांव )
- कामरेड लक्ष्मण दास ( स्वतंत्रता सेनानी )
- सुभाष घई ( निर्माता, निर्देशक )
- अशोक घई ( निर्माता, निर्देशक )
- पूजा बत्रा ( अभिनय )
- जसविंदर नरुला ( गायन )
- अरविंद स्वामी ( निर्देशन )
- लाला सुल्तान सिंह (स्वतंत्रता सेनानी )
- लाला दौलतराम गुप्त ( स्वतंत्रता सेनानी )
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
★ रोहतक ( Rohtak ) में प्रथम कॉलेज 1929 में बना था।
★ रोहतक में पहला आकाशवाणी केंद्र 8 मई 1976 को बना था।
★ तिलियार झील रोहतक में स्थित है। यह 123 एकड़ में है।
★ रोहतक ( Rohtak) के महम कस्बे में एक हिरण उद्यान भी है।
★ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट भी रोहतक में स्थापित किया गया है।
★ रोहतक में कांग्रेस की पहली शाखा 1888 में स्थापित की गई।
★ शौरी क्लॉथ मार्केट भी रोहतक में है। यह उत्तर भारत की सबसे बड़ी कपड़ा मार्किट है।
★ रोहतक जिले की रेवड़ी व गज्जक प्रसिद्ध है।
★ मैना रिसोर्ट रोहतक जिले में है।
★ गऊ कर्ण का तालाब भी रोहतक जिले में है इसमें गऊ कर्ण महाराज की तस्वीर बनी हुई है।
★ दैनिक हरिभूमि समाचार रोहतक जिले से 5 सितम्बर 1996 को निकाला गया था।
★ रोहतक चिड़ियाघर की स्थापना 1986 में कई गई थी। इसका कुल क्षेत्रफल 44 एकड़ है।
★ ठाकुर द्वारा भगवान परशुराम मन्दिर भी रोहतक ( Rohtak) जिले के किलोई गांव में स्थित है।
★ प्राचीनकाल के इंडो ग्रीक सिक्के रोहतक के खोखराकोट से मिले है।