नमस्कार दोस्तों Top kro में आपका स्वागत है। इस लेख में आपको गणित में रोमन पद्धति ( Roman Padhti ) मैं लिखी जाने वाली संख्याओं के बारे में जानकारी मिलेगी। जैसेकि रोमन पद्धति में किसी भी अंक को किस प्रकार लिखा जाता है तथा रोमन पद्धति में क्या नियम होते हैं और किस प्रकार से हम रोमन पद्धति में अंको को लिख सकते हैं।
इस लेख में आपको रोमन पद्धति के बारे में पूरी जानकारी पढ़ने को मिलेगी। इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको रोमन पद्धति में संख्याओं को लिखने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी। उम्मीद करता हूं यह जानकारी आपके लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगी।
Roman Padhti Kya Hai
रोमन संख्या पद्धत्ति ( Roman Sankhya Padhti ) का उद्गम प्राचीन रोम में हुआ। उत्तर मध्य युग में पूर्ण यूरोप में संख्याओं को लिखने का सामान्य तरीका बना रहा। रोमन पद्धति में अंको को लिखने का ढंग अलग होता है।
रोमन अंक प्राचीन रोम की संख्या प्रणाली है, जिसमें लातिनी भाषा के अक्षरों को जोड़कर संख्याएँ लिखी जाती थीं।
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रोमन पद्धति में संख्या लिखने के कुछ नियम
रोमन पद्धति में संख्याओ को लिखने के लिए कुछ नियम बनाये गए हैं। इन नियमों का पालन करके ही हम रोमन पद्धति में संख्याओ को लिख सकते हैं। आप इन नियमों को पूरा पढ़ें ताकि आपको अच्छी तरह समझ आ सके।
- किसी भी अंग को साथ-साथ इकट्ठे रूप में चार बार नहीं लिखा जा सकता।
- किसी संख्या में कुछ बढ़ाने के लिए बढ़ने वाला अंक दाएं तरफ व घटाने के लिए घटने वाला अंक बाईं तरफ आता है।
- L, X, C तथा M संकेत अधिक – से – अधिक तीन बार लगातार लिखे जा सकते हैं तथा इस स्थिति में उनका मान उनके योगफल के बराबर होता है। जैसे :-
III = 1 + 1 + 1 = 3
XX = 10 + 10 = 20
CCC = 100 + 100 + 100 = 300
MM = 1000 + 1000
- V, L तथा D लगातार दोहराए नहीं जाते हैं।
- I को केवल V से, X को केवल L और C से तथा C को केवल D और M से ही घटाया जाता है।
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- V, L तथा D घटाए नहीं जाते हैं।
- यदि कोई छोटा संकेत किसी बड़े संकेत की बाई और हो तो बड़े संकेत में से छोटे संकेत के मान को घटाकर संख्या प्राप्त की जाती है जैसे :-
XC = C – X = 100 – 10 = 90
CD = D – C = 500 – 100 = 400
- यदि कोई छोटा संकेत किसी बड़े संकेत के दाएं और हो तो बड़े संकेत में छोटे संकेत के मान को जोड़कर संख्या प्राप्त की जाती है। जैसे :-
XII = X + I + I =10 + 1 + 1 = 12
MD = M + D = 1000 + 500 = 1500
NUMBER | ROMAN NUMBER | NUMBER | ROMAN NUMBER |
1 | I | 51 | LI |
2 | II | 52 | LII |
3 | III | 53 | LIII |
4 | IV | 54 | LIV |
5 | V | 55 | LV |
6 | VI | 56 | LVI |
7 | VII | 57 | LVII |
8 | VIII | 58 | LVIII |
9 | IX | 59 | LIX |
10 | X | 60 | LX |
11 | XI | 61 | LXI |
12 | XII | 62 | LXII |
13 | XIII | 63 | LXIII |
14 | XIV | 64 | LXIV |
15 | XV | 65 | LXV |
16 | XVI | 66 | LXVI |
17 | XVII | 67 | LXVII |
18 | XVIII | 68 | LXVIII |
19 | XIX | 69 | LXIX |
20 | XX | 70 | LXX |
21 | XXI | 71 | LXXI |
22 | XXII | 72 | LXXII |
23 | XXIII | 73 | LXXIII |
24 | XXIV | 74 | LXXIV |
25 | XXV | 75 | LXXV |
26 | XXVI | 76 | LXXVI |
27 | XXVII | 77 | LXXVII |
28 | XXVIII | 78 | LXXVIII |
29 | XXIX | 79 | LXXIX |
30 | XXX | 80 | LXXX |
31 | XXXI | 81 | LXXXI |
32 | XXXII | 82 | LXXXII |
33 | XXXIII | 83 | LXXXIII |
34 | XXXIV | 84 | LXXXIV |
35 | XXXV | 85 | LXXXV |
36 | XXXVI | 86 | LXXXVI |
37 | XXXVII | 87 | LXXXVII |
38 | XXXVIII | 88 | LXXXVIII |
39 | XXXIX | 89 | LXXXIX |
40 | XL | 90 | XC |
41 | XLI | 91 | XCI |
42 | XLII | 92 | XCII |
43 | XLIII | 93 | XCIII |
44 | XLIV | 94 | XCIV |
45 | XLV | 95 | XCV |
46 | XLVI | 96 | XCVI |
47 | XLVII | 97 | XCVII |
48 | XLVIII | 98 | XCVIII |
49 | XLIX | 99 | XCIX |
50 | L | 100 | C |
101 | CI | 102 | CII |
200 | CC | 300 | CCC |
400 | CD | 500 | D |
600 | DC | 700 | DCC |
800 | DCCC | 900 | CM |
1000 | M | 1001 | MI |
1900 | MCM | 2000 | MM |
2001 | MMI | 2100 | MMC |
3000 | MMM | 3001 | MMMI |
9. किसी संकेत के ऊपर ‘–‘ चिन्ह लगाने पर उस संख्या का मान 1000 गुना बढ़ जाता है।
जैसे :-
यहां पर रोमन पद्धति में कुछ संख्याएं लिखी गयी हैं ताकि आपको अच्छी तरह से समझ आ सके कि रोमन संख्याएं किस प्रकार लिखी जाती हैं। यहां हमने कुछ महत्वपूर्ण रोमन संख्याओं को लिखा है। इनका अच्छी तरह से अध्ययन करने के बाद आपको रोमन संख्याओं को लिखने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी।
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रोमन अंकों की कमियाँ – Roman Ankon Ki Kamiyaan
रोमन अंको में शून्य नहीं होता। रोमन पद्धति में बड़ी संख्याओं को लिखना बहुत कठिन हो जाता है। एक तो उनमें बहुत से अक्षर हो जाते हैं और उन्हें समझने में भी समय लगता है। जैसे-जैसे भारतीय अंक पहले मध्य पूर्व और फिर यूरोप में फैलने लगे, रोमन अंकों का प्रयोग केवल वर्गों-अध्यायों के नामों के लिए ही होने लगा और गणित में इनकी भूमिका समाप्त हो गयी।
आशा करता हूं दोस्तों आपको हमारी यह पोस्ट Roman Numbers काफी पसंद आई होगी तथा इस पोस्ट में आपको रोमन पद्धति से संबंधित सारी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल पाई होंगी। यह पोस्ट आपके लिए काफी मददगार साबित होगी।
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