विराम चिन्ह के प्रकार और विराम चिन्ह के उदाहरण

विराम चिन्ह के प्रकार और विराम चिन्ह के उदाहरण: हिन्‍दी हमारी मातृ भाषा है। ऐसा कहते हुए हम सभी लोग गर्व महसूस करते हैं। लेकिन मातृ भाषा होने के बाद भी हम देखते हैं कि बहुत सारे लोग हिन्‍दी में अनेकों गलतियां करते हैं। क्‍योंकि उन्‍हें हिन्‍दी लिखने की सही समझ नहीं होती है।

ऐसे में यदि आपको भी हिन्‍दी में विराम चिन्ह के प्रकार और विराम चिन्ह के उदाहरण के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको विराम चिन्ह के प्रकार के बारे में उदाहरण के साथ पूरी जानकारी देंगे।

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विराम चिन्‍ह किसे कहते हैं?

विराम चिन्ह के प्रकार के बारे में हम आपको जानकारी दें उससे पहले आइए एक बार हम आपको जानकारी देते हैं कि विराम चिन्‍ह किन्‍हें कहते हैं। तो हम आपको बता दें कि विराम चिन्‍हों का प्रयोग हिन्‍दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होता है।

इनका काम होता है कि जब हम कोई वाक्य लिख रहे हों तो सामने वाले को पता चल जाए कि कहां वाक्‍य में विराम लेना है, कहां वाक्‍य को सीधा बोलते हुए चले जाना है। खास बात ये है कि एक विराम चिन्‍ह के गलत प्रयोग से वाक्य का कई बार अर्थ से अनर्थ तक हो जाता है।

विराम चिन्ह के प्रकार?

वैसे तो विराम चिन्‍ह कितने प्रकार के हैं इस बात के ऊपर हमेशा से विवाद रहा है। क्‍योंकि कोई कहता है कि विराम चिन्‍ह 8 होते हैं, कोई 12 कहता है और कोई 20 तक बता देता है। इसलिए हम आपको आगे टेबल (Table) में कुछ महत्‍वपूर्ण विराम चिन्‍हों के नाम बताने जा रहे हैं। आप उस टेबल की मदद से समझ सकते हैं कि आप अभी तक कितने विराम चिन्‍हों के बारे में जानते हैं।

विराम चिन्‍ह के प्रकारविराम चिन्‍ह

पूर्ण विराम

अर्ध विराम

;

उप विराम

:

अल्‍प विराम

,

प्रश्‍न सूचक चिन्‍ह

?

विस्‍मय सूचक चिन्‍ह

!

उध्‍दरण चिन्‍ह

‘…’   “…”

योजक चिन्‍ह

विवरण चिन्‍ह

(-) (=)

कोष्‍ठक चिन्‍ह

( ) [ ]

त्रुटिपूरक चिन्‍ह

(^)

संक्षेप सूचक

.

लोप चिन्‍ह

 

विराम चिन्ह के प्रकार? (उदाहरण सहित)

जैसा कि आपने ऊपर टेबल में देखा कि विराम चिन्‍ह कई प्रकार के होते हैं। इसके बाद आइए अब हम आपको हर चिन्‍ह का मतलब और उसके कुछ उदाहरण देते हैं। ताकि आप उनके प्रयोग करने के तरीके को समझ सकें।

विराम चिन्ह के उदाहरण

पूर्ण विराम चिन्‍ह (।)

विराम चिन्ह के प्रकार में सबसे पहला विराम चिन्‍ह है ‘पूर्ण विराम चिन्‍ह’। इस चिन्‍ह को हिन्‍दी में तब प्रयोग किया जाता है, जब हमारा वाक्य पूरी तरह से समाप्‍त हो चुका हो। आइए इसके कुछ उदाहरण देख लेते हैं।

पूर्ण विराम के उदाहरण

  • राम खाना खा चुका है।
  • रमेश दिल्‍ली से आ चुका है।
  • सीता रमेश से प्‍यार करती है।

अर्ध विराम चिन्‍ह (;)

अर्ध विराम चिन्‍ह का प्रयोग तब किया जाता है। जब आपको लगे कि इससे जुड़ी बात और भी बाकी है। लेकिन दोनों में थोड़ा सा अलगाव दिखाने की जरूरत है। उस समय पर आपको बात के बीच में ‘अर्ध विराम’ के चिन्‍ह का प्रयोग करना होता है। आइए अर्ध विराम के कुछ उदाहरण देख लेते हैं।

अर्ध विराम के कुछ उदाहरण

  • रमेश ने कहा; वह श्‍याम के घर से ही आया है।
  • सोनू ने कहा; वह दिल्‍ली से वापिस कल आएगा।
  • सीता ने कहा; वह रमेश से शादी नहीं करेगी।

उप विराम (:)

विराम चिन्ह के प्रकार में ‘उप विराम’ का प्रयोग तब किया जाता है। जब हम कोई बात कह रहे हों और वो बात पूरी ना हुई हो। जिसके लिए हमें पूरी बात को कहने के लिए बीच में उप विराम के चिन्‍ह का प्रयोग करना पड़ता है। आइए उप विराम के प्रयोग को कुछ उदाहरण के माध्‍यम से मसझते हैं।

उप विराम चिन्‍ह के कुछ उदाहरण

  • गंगा मइया: पवित्रता की जननी।
  • मां: ममता की प्रतिमूर्ति।
  • भगवान: सबका कष्‍ट हरने वाला।

अल्‍प विराम चिन्‍ह (,)

विराम चिन्ह के प्रकार में एक चिन्‍ह अल्‍प विराम का चिन्‍ह भी होता है। जिसका प्रयोग हिन्‍दी में सबसे ज्‍यादा होता है। इसका प्रयोग तब होता है। जब हमें एक बात को दो बार में बीच में ठहराव के साथ पूरी करनी हो। इसके अलावा कई बार इसका प्रयोग अन्‍य तरीकों से भी होता है। आइए उन्हें हम उदाहरण के माध्‍यम से समझते हैं।

अल्‍प विराम के उदाहरण

  • रमेश आज दिल्‍ली गया था, लेकिन उसका काम नहीं बना।
  • रोको, उसे मत जाने दो।
  • रोको मत, उसे जाने दो।
  • सीता और रमेश अच्‍छे दोस्‍त थे, पर अब दोनों अलग हो जाएंगे।

प्रश्‍न सूचक चिन्‍ह (?)

विराम चिन्ह के प्रकार में प्रश्‍न चिन्‍ह का प्रयोग भी काफी बार होता है। इसका प्रयोग तब होता है, जब हम किसी इंसान से कोई बात प्रश्‍न के रूप में पूछना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी हो जाता है कि उस वाक्य के पीछे हम प्रश्‍न चिन्‍ह का प्रयोग करें। आइए कुछ उदाहरण के माध्‍यम से प्रश्‍न वाचक वाक्यों को बेहतर तरीके से समझते हैं

प्रश्‍न चिन्‍ह के उदाहरण

  • क्‍या रमेश कल दिल्‍ली गया था?
  • सुनील बाजार से सामान ले आया?
  • सीता रमेशा से शादी करेगी?

विस्‍मय सूचक चिन्‍ह (!)

विराम चिन्ह के प्रकार में एक चिन्‍ह विस्‍मय सूचक चिन्‍ह भी होता है। जो कि हम केवल तभी प्रयोग करते हैं जब हम किसी बात को सुनकर, जानकर आश्‍चर्यचकित हो जाएं। जिसे हम लोग विस्‍मय सूचक चिन्‍ह के माध्‍यम से दिखा सकते हैं। आइए विस्‍मय सूचक चिन्‍ह के कुछ उदाहरण भी देख लेते हैं।

  • हे राम! ये कैसे हो गया।
  • बधाई हो! आपके पूरे परिवार को।
  • हे भगवान! रमेश ने सीता को धोखा दे दिया।

उध्‍दरण चिन्‍ह (“ ”)

आइए अब हम आपको उध्‍दरण चिन्‍ह के बारे में जानकारी देते हैं। इन चिन्‍हों का प्रयोग हम केवल तभी करते हैं। जब हमें कोई खास बात एक अलग तरीके से बतानी हो। ताकि पढ़ने वाला समझ सके कि लेखक यहां इस बात को बल देकर एक अलग तरीके से बताना चाहता है। आइए उध्‍दरण चिन्‍ह को कुछ उदाहरण के माध्‍यम से समझते हैं।

उध्‍दरण चिन्‍ह के उदाहरण

  • प्रेमचंद की गोदान पुस्‍तक बहुत ही अच्‍छी है।
  • दिल्‍ली के अंदर लाल किला देखने लायक जगह है।
  • रमेश कहता है कि हमें कभी किसी के साथ गलत नहीं करना चाहिए
  • सीता कहती है कि वो रमेश के सिवाय किसी से विवाह नहीं करेगी

नोट: यहां जब पुस्‍तक या किसी विशेष जगह जो कि केवल एक शब्‍द में हो तो ‘ ‘ लगेगा। लेकिन यदि पूरा वाक्‍य हो तो “ “ लगेंगे।

योजक चिन्‍ह (-)

विराम चिन्ह के प्रकार में एक प्रकार योजक चिन्‍ह का भी होता है। इसका प्रयोग तब किया जाता है, जब हमें दो शब्‍द आपस में जोड़ने हों। लेकिन असल में अलग अलग हों। इनका खास तौर पर तभी प्रयोग होता है। जब कोई शब्‍द एक दूसरे के विपरीत हो। आइए एक बार हम आपको इन शब्‍दों के प्रयोग के कुछ उदाहरण समझाते हैं।

  • इंसान के जीवन में सुखदुख हमेशा चलते रहते हैं।
  • पापपुण्‍य का हिसाब हमेशा ऊपर वाला ही करता है।
  • लड़ाईझगड़ा तो हर घर की कहानी है।

विवरण चिन्‍ह (-)

विराम चिन्ह के प्रकार में एक चिन्‍ह विवरण चिन्‍ह का भी होता है। इसका प्रयोग तब किया जाता है। जब हमें किसी बात का विवरण देना हो। जिससे पढ़ने वाले को पता चल सके कि यह लाइन इस बात का विवरण है। आइए विवरण चिन्‍ह को कुछ उदाहरण के माध्‍यम से समझते हैं।

  • रमेश आज दिन में बारिश हो सकती है।
  • सुहानी कभी कभी मैं उदास हो जाती हूं।
  • प्रमोद सीत रमेश से शादी कर चुकी होगी।

नोट: आप जरूरत और अपनी सुविधा के अनुसार (- =) इन दोनों चिन्‍हों का प्रयोग कर सकते हैं।

कोष्‍ठक चिन्‍ह ( )

कोष्‍ठक चिन्‍ह का प्रयोग तब किया जाता है, जब हमें किसी बात को दूसरे शब्‍दों में या उसका अंग्रेजी रूप लिखना हो। जिससे पढ़ने वाले को वो बात और आसानी से समझ आ जाए। इसलिए कोष्‍ठक हमेशा उस शब्‍द के ठीक आगे लगा दिखाई देगा। साथ ही कोष्‍ठक के अंदर हमेशा कुछ ना कुछ लिखा होगा। आइए कोष्‍ठक के प्रयोग को कुछ उदाहरण की मदद से समझ लेते हैं।

कोष्‍ठक के कुछ उदाहरण

  • लंकेश (लंका का राजा) ने सीता का हरण किया था।
  • दिल्‍ली (Delhi) सभी दोस्‍तों को लेकर जाना चाहिए।
  • सीमा रमेश के साथ मैरिज (शादी) करना चाहती है।

त्रुटिपूरक चिन्‍ह (^)

त्रुटिपूरक चिन्‍हों का प्रयोग केवल तभी किया जाता है, जब हमसे कहीं कोई गलती हो गई हो। ऐसे में हम उस चिन्‍ह को लगाकर वहां पर एक और शब्‍द लिख देते हैं। जिससे सामने वाले को वो बात समझ आ जाती है कि यह शब्‍द इस जगह पर आएगा। आइए कुछ उदाहरण के माध्‍यम से त्रुटिपूरक चिन्‍ह के प्रयोग को समझते हैं।

त्रुटिपूरक चिन्‍ह के उदाहरण

  • रमेश ^ने आज स्‍कूल का काम नहीं किया है।
  • कभी ^कभी मुझे गुस्‍सा आ जाता है।
  • सीता ^को रमेश से प्‍यार हो गया है।

संक्षेप सूचक (.)

हिन्‍दी में कई शब्‍द ऐेसे होते हैं जो ‍कि हम लोग संक्षेप में लिखने का काम करते हैं। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि आप उस शब्‍द के आगे संक्षेप का चिन्‍ह अवश्‍य लगा दें। ताकि सामने वाले को पता चल जाए कि आपने असल में ये बात केवल संक्षेप में लिख दी है। आइए संक्षेप सूचक चिन्‍हों के कुछ उदाहरण देखकर समझते हैं।

संक्षेप सूचक चिन्‍हों के कुछ उदाहरण

  • टी. वी. खराब हो गया है।
  • डॉ. आज नहीं बैठेंगे।
  • रमेश आज सीता से मिलने म. प्र. (MP) गया हुआ है।

लोप चिन्‍ह (…)

लोप चिन्‍ह का प्रयोग तब किया जाता है जब हम किसी बात को पूरा ना रहकर उसके कुछ शब्‍द कहकर उसे अधूरा छोड़ देते हैं। इसलिए इसके आगे लोप चिन्‍ह लगा देते हैं। ताकि पाठक उन शब्‍दों को खुद से पूरा कर ले। साथ ही समझ भी जाए यहां बात अभी अधूरी छोड़ दी गई है। आइए लोप चिन्‍ह को कुछ उदाहरण के माध्‍यम से समझते हैं।

लोप चिन्‍ह के उदाहरण

  • रहिमन पानी राखिए…मानुस चून।
  • बाशिश से तबाही अभी बाकी है…
  • कर्म करो…फल कि चिन्‍ता मत करो।

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विराम चिन्ह कितने प्रकार के होते हैं?

वैसे तो विराम चिन्‍ह कई प्रकार के होते हैं। लेकिन हिन्‍दी भाषा में हम लोग रोजाना केवल 8 से 10 विराम चिन्‍हों का ही प्रयोग करते हैं।

विराम चिन्‍हों का क्‍या काम होता है?

विराम चिन्‍हों का प्रयोग आमतौर पर भाषा में विराम लेने का संकेत करते हैं। यानि कहां हमें ठहराव के साथ बोलना है और कहां पूरी रफ्तार के साथ बोलते जाना है।

विराम चिन्‍ह ना लगाने से क्‍या होगा?

यदि आप हिन्‍दी में विराम चिन्‍ह नहीं लगाते हैं तो आपकी लेखन शैली तो खराब होगी ही, साथ ही कई बार आपके वाक्य का गलत मतलब भी निकाल लिया जा सकता है।

सबसे ज्‍यादा प्रयोग होने वाले विराम चिन्‍ह?

हिन्‍दी में सबसे ज्‍यादा प्रयोग में लाए जाने वाले विराम चिन्‍ह कुछ इस प्रकार हैं [ ,.;:’” ’’ ? / & ^ ! – = ]

विराम चिन्‍ह ना लगाने से क्‍या होगा?

विराम चिन्‍ह ना लगाने से एक तरह से आपकी भाषा अशुद्ध मानी जाएगी। साथ ही इससे आपकी बात भी सामने वाला सही तरीके से नहीं समझ सकेगा।

Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि विराम चिन्ह के प्रकार कितने है। साथ ही विराम चिन्ह के उदाहरण कैसे कैसे बन सकते हैं। इन्हें समझने के बाद अब आप आगे जब भी हिन्‍दी में कोई बात लिखिएगा या किसी परीक्षा में उत्‍तर लिखिएगा तो वहां हिन्‍दी में विराम चिन्‍हों का अवश्‍य ध्‍यान रखिएगा। क्‍योंकि हिन्‍दी भाषा में विराम चिन्‍ह एक तरह से भाषा का श्रृंगार का काम करते हैं। इसलिए इन चिन्‍हों के बिना हिन्‍दी भाषा एक तरह से अधूरी है।

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