आंगनबाड़ी की सेवाएं, आंगनबाड़ी से मिलने वाले लाभ, आंगनबाड़ी में क्या-क्या मिलता है?: भारत में बढ़ती जनसंख्या और बच्चों में कुपोषण के बढ़ते लक्षणों को देखते हुए भारत सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के विशेष स्थान प्रदान किया है। समाज के अन्य केंद्रों की तुलना में आंगनबाड़ी केंद्रों में सबसे अधिक लाभ दिया गया है। इन केंद्रों के बन जाने से अब गर्भवती महिला और उसके बच्चे को किसी भी प्रकार के भोजन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
महिला और बच्चों से जुड़ी, इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने 1975 में आंगनबाड़ी केंद्रों को इससे जोड़ा है। इन केंद्रों में जो बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, उनकी भी काफी मदद की गई है। तो आइए, आज के इस लेख में हम आपको आंगनबाड़ी की सेवाएं, आंगनवाड़ी से मिलने वाले लाभ, आंगनबाड़ी में क्या क्या मिलता है और आंगनबाड़ी में चलने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में बताएंगे। आइए सबसे पहले आंगनवाड़ी केंद्रों के बारे में समझते हैं।
आंगनबाड़ी केंद्र क्या है?
आंगनबाड़ी भारत में एक प्रकार का बच्चे और माता के देखभाल का केंद्र है। आंगनबाड़ी केंद्र (AWCs) एक प्रमुख सरकारी योजना ,एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना का हिस्सा हैं।यह योजना 2 अक्टूबर 1975 को भारत में जारी की गई थी। यह भारत सरकार के प्रमुख योजनाओं में से एक है जो बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में माहिर है। इस योजना की फंडिंग का 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार के माध्यम से और अंतिम 10 प्रतिशत राज्य सरकार के माध्यम से वहन किया जाता है।
ये आंगनबाड़ी केंद्र स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं। इन आंगनवाड़ी सुविधाओं में स्वास्थ्य गतिविधियों के अलावा पोषण स्कूली शिक्षा देना भी शामिल है। इन केंद्रों पर गर्भनिरोधक सलाह भी दी जाती है।
आंगनवाड़ी केंद्रों का प्रमुख लक्ष्य 0-6 वर्ष की आयु के अंदर में आने वाले बच्चों के खान पान और स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। ये केंद्र बच्चे के सही मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास की नींव रखने का काम करते हैं। इन सुविधाओं में बाल सुधार को ध्यान में रखते हुए बच्चों को पढ़ाई के लिए जागरूक भी किया जाता है।
आंगनबाड़ी की सेवाएं
- मृत्यु दर, बीमारी, कुपोषण को कम करने के लिए।
- 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों के खान पान और स्वास्थ्य को सही करने के लिए।
- शिशु के शारीरिक और सामाजिक सुधार की नींव रखना।
- माँ को लगभग सही पोषक तत्व और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना ।
- बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देना।
आंगनबाड़ी से मिलने वाले लाभ, आंगनबाड़ी में क्या-क्या मिलता है
- छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण
- सभी गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व देखभाल और टीकाकरण
- छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों का पोषण , गर्भवती एवं अन्य महिलाओं का पोषण
- 15-45 वर्ष की आयु के भीतर सभी महिलाओं को पोषण और अच्छे स्वास्थ्य और शिक्षा का बंदोबस्त करना
- शिशुओं और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की देखभाल
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Anganwadi bharti: आंगनबाड़ी में काम करने वाले कर्मचारियों की भर्ती
पूरे देश में आंगनबाड़ी के लोगों को आमतौर पर राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय या स्वास्थ्य शाखा या फिटनेस से जुड़े (महिलाओं और शिशु विकास) पहल के तहत काम पर रखा जाता है। देश के सभी राज्यों में प्रखण्ड स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति ग्राम स्तर के आधार पर की जाती है। इस कार्य में किसी भी आपात स्थिति या असामान्य स्वास्थ्य संबंधी स्थिति में आसपास की महिलाओं और बच्चों को भी मदद देने का प्रावधान है।
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की स्थिति और कर्तव्य बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्हे दिए जाने वाले उत्तरदायित्वों को निभाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में कुछ महत्वपूर्ण प्रतिभाओं का होना आवश्यक है। उन्हें सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की अच्छी समझ होनी चाहिए, लोगों के सामने आने वाली छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने और उनका समाधान करने में सक्षम होना चाहिए, नागरिकों के साथ जुड़ने और आपात स्थिति में सहायता प्रदान करने की क्षमता होनी चाहिए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती साक्षात्कार के माध्यम से की जाती है। आवेदन कम होने की स्थिति में संस्था एजुकेशन बैकग्राउंड के आधार पर आवेदकों को शॉर्टलिस्ट भी कर सकती है।आंगनवाड़ी में आवेदन करने वाला उम्मीदवार उसी गांव से होना चाहिए जिसमें वह आवेदन कर रहा/रही है और शहर के आसपास के उसी वार्ड से होना चाहिए जिसमें वह आवेदन करना चाहता/चाहती है। आंगनबाडी कार्यकर्ता के अस्थाई पद के कारण नियुक्तियों की कोई आयु सीमा स्थिर नहीं है। हालांकि, आवेदकों की अधिकतम आयु अब 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले उम्मीदवार को आंगनवाड़ी की आधिकारिक साइट पर जाना होगा।
- अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें।
- ब्रांड स्पैंकिंग नए पंजीकरण के लिए साइन अप करें।
- अब आपके सामने स्क्रीन खुलेगी।
- इसमें मांगी गई सभी जानकारी को ध्यान से भरें।
- सभी जानकारी भरने के बाद यदि उसमें पंजीकरण शुल्क का विकल्प दिया गया है तो पंजीकरण शुल्क का भुगतान करें।
- अपने डेटा को एक बार और अच्छी तरह से जांचें।
- अब आप सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करें।
आंगनबाड़ी (anganwadi) में संचालित होने वाली सरकारी योजनाएं
1.प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMKVY)
यह केंद्र सरकार के माध्यम से चलाई जाने वाली महत्त्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMKVY) के तहत गर्भवती महिलाओं को पहले बच्चे को जन्म देने के समय तक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत सरकार महिलाओं के खाते में 3 किश्तों में पैसा भेजती है। इस योजना को लागू करने का कारण यह है कि बच्चे को जन्म देने के बाद महिला को पूरी सुविध देनी है।
इस योजना में गर्भवती महिला को 6000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है। इसमें आवेदन करते समय महिला से उसके मासिक धर्म बंद होने की तारीख पूछी जाती है और इसी के आधार पर मातृ शिशु संरक्षण कार्ड बनाया जाता है। इस योजना के लिए जरूरी दस्तावेज इस प्रकार हैं।
- आवेदन फॉर्म
- MCP कार्ड की कॉपी
- पहचान प्रमाण की कॉपी
- बैंक/डाकघर की पासबुक की कॉपी
2. जननी सुरक्षा योजना (JSY)
यह राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम – NRHM) के तहत जारी एक सुरक्षित शिशु और मातृत्व योजना है। इस योजना का लक्ष्य गर्भवती महिला को अस्पताल में प्रसव कराने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह योजना विशेष रूप से समाज के गरीब वर्ग के लिए बनाई गई है। इस योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य नवजात शिशुओं में बढ़ती मृत्यु दर को कम करना है।
जननी सुरक्षा योजना (JSY) 12 अप्रैल, 2005 को प्रधान मंत्री के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गई थी। यह केंद्र सरकार द्वारा संचालित अच्छी योजना है। इस योजना में महिला और उसके नवजात बच्चे को सही पोषण देने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। सरकार ने इस योजना को हर घर तक, आंगनबाड़ियों और आशा कार्यकर्ताओं तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी है। जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत बच्चे के जन्म पर महिला को 1400 रुपये की आर्थिक मदद भी दी जाती है।
3. मिशन इंद्रधनुष योजना (Intensified Mission Indradhanush- IMI)
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा वर्ष 2014 में मिशन इंद्रधनुष योजना जारी की गई थी। इस योजना का लक्ष्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को घातक बीमारियों से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण प्रदान करना है।
इस योजना के तहत गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए बनाए गए मदर केयर प्रोटेक्शन कार्ड (Mother Care Protection Card) के आधार पर ही नवजात शिशु का टीकाकरण किया जाता है। इस योजना में पहला पंजीकरण उस जगह के आंगनबाडी केन्द्रों में किया जाता है।
वहां से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिला को उसी स्थान के सरकारी अस्पताल में ले जाती है और आगे का सारा काम देखती है। इस योजना में सरकार ने नवजात शिशु के लिए सभी आवश्यक टीकों की व्यवस्था को रखा है। तपेदिक, पोलियो, खसरा, टाइफाइड, चिकन पॉक्स आदि सभी बच्चों के लिए महत्वपूर्ण टीके होते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -Related FAQs
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कौन होती हैं?
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की आंगनबाड़ी संस्था में नियुक्ति कौन करता है ?
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को वेतन कितना मिलता है?
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के भर्ती के लिए कौन से दस्तावेज लगते हैं?
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए क्या योग्यता निर्धारित की गई है
निष्कर्ष (Conclusion)
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का काम समाज में महिलाओं और बच्चों की जिंदगी संवारने का होता है। जब महिला गर्भवती होती है तब और जब बच्चा पैदा हो जाता है, उसके बाद भी जच्चा और बच्चा दोनो का ख्याल रखना उनका परम कर्तव्य होता है। आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि आंगनबाड़ी की सेवाएं कौन कौन सी है, आंगनबाड़ी से मिलने वाले लाभ क्या होते है, आंगनबाड़ी में क्या-क्या मिलता है आदि। हम आशा करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया हो, इससे जुड़ी किसी अन्य जानकारी के लिए नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी बात लिखे।