नमस्कार दोस्तों Top Kro में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में हम “जल ही जीवन है के बारे में ( jal hi jeevan hai essay in hindi ) पढेंगे। jal hi jivan hai essay in hindi की सहायता से विद्यार्थी जल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर पाएंगे है ओर जल को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
इस निबंध के माध्यम से हमने बताया है कि जल का कितना महत्व है, जल को बचाना क्यो जरूरी है, जल को कैसे बचाया जा सकता है, जल प्रदूषण कैसे होता है तथा जल प्रदूषण को कैसे कम किया जा सकता है? इत्यादि के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। इस पोस्ट को हमने आसान भाषा मे लिखने का प्रयास किया है ताकि आपको सभी बातें आसानी से समझ आ सकें।
इस पोस्ट में आपको जल ही जीवन है ( Water is life essay in hindi ) पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे जल ही जीवन है एस्से इन हिंदी 100 शब्दों में, जल ही जीवन है निबंध 300 शब्दों में, जल ही जीवन है एस्से 1000 शब्दों में इत्यादि।
जल ही जीवन है पर निबंध 100 शब्दों में
जल मनुष्य के लिए बेहद अहम होता है। जल के बगैर हम जिंदा नहीं रह सकते। जल सिर्फ पीने के लिए नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के अन्य कार्यों में भी प्रयोग होता है जैसे:- जल से हम खाना बनाते है , कपड़े धोते है तथा नहाते है। जल की नियमित रूप से हमे ज़रूरत होती है।
जल के पीना इस पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं कि जा सकती। जल हमे नदियों, तालाबों तथा वर्षा इत्यादि से प्राप्त होता है। पृथ्वी पर अधिकांश जल समुन्दर में पाया जाता है, जो खारा है। इस का पानी हम ना इस्तेमाल कर सकते है और ना ही सेवन कर सकते है। पृथ्वी पर पीने लायक जल सिर्फ दो प्रतिशत होता है। जल की बर्बादी के कारण आज जल सकंट उत्पन्न हो गया है।
जल ही जीवन है पर निबंध 300 शब्दों में
जैसा कि हम सब जानते है इस धरती पर जितनी महत्वपूर्ण वायु है उतना ही महत्वपूर्ण जल भी है। पृथ्वी पर जितने भी जीव जंतु हैं उन सभी के लिए जल बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण तत्व है। मानव के अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ जल का होना बहुत आवश्यक है। जल की अनुपस्थित में मानव कुछ दिन ही जिन्दा रह सकता है क्योंकि मानव के शरीर का एक बड़ा हिस्सा जल ही होता है।
हमारे इस संसार मे चाहें जीव – जंतु हो, कीड़े – मकोड़े हो या पेड़ – पौधे हों इन सब के लिए जल अमृत के समान काम करता है। इस पृथ्वी पर जल के बिना हम इस संसार ओर जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। जल हम सब के लिए प्रकृति का अमूल्य तोहफा है।
आज के समय लोगों ने जल को प्राथमिकता देना ही बंद कर दिया है और हमारे वैज्ञानिकों ने तो साफ साफ यह कह दिया है अगर जल का बचाव नहीं किया गया तो बहुत जल्द हम सभी को इसका अभाव देखना पड़ेगा। बढ़ती जनसँख्या और बढ़ते जल के उपयोग से हम जल को उतना महत्व नहीं दे रहे। अगर ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन जल का भयंकर संकट उत्पन्न हो जायेगा।
आपको ज्ञात होगा कि हमारे द्वारा की गई गलतियों से हमें नुकसान नहीं होगा अपितु पूरी प्रकति को होगा और सभी सजीव वस्तुओं को इसका अभाव झेलना पड़ेगा। तालाबों, नदियों और झरनों में जल दूषित होना शुरू हो गया है। वह अब पीने योग्य नहीं रह गया है। हमने अगर जल्द से जल्द इसका समाधान नहीं किया तो यह आगे बहुत बड़ी मुसीबत बन जाएगी। वक़्त रहते हमें जल को बचाने के उपाय करने चाहिए और दूसरे लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए।
आने वाले कुछ वर्षों में जल संकट की समस्या और अधिक विकराल हो जाएगी। शुद्ध पेयजल की अनुपलब्धता और जल से संबंधित समस्याओं को जानने के बावजूद देश की बड़ी आबादी जल संरक्षण के प्रति सचेत नहीं है। ऐसी स्थिति में सरकार और आम जनता दोनों के लिए चिंता का विषय है। इस दिशा में अगर सही कदम उठाते हुए सार्थक पहल की जाए तो स्थिति बहुत हद तक नियंत्रण में रखी जा सकती है अन्यथा आने वाला समय हम सबके लिए चुनौतिपूर्ण साबित होगा।
जल ही जीवन है पर निबंध – Water is life long essay in hindi
‘जल ही जीवन है ( Water Is Life )’ यह कथन बिल्कुल सत्य है क्योंकि जल के बिना इस पृथ्वी पर जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है। जल एक ऐसी अमूल्य चीज है जिसके बिना इंसान का कोई अस्तित्व ही नहीं है। जल हमारे लिए ईश्वर का दिया हुआ वरदान है।
यह ना केवल पीने के काम आता है बल्कि हमारे जीवन मे बहुत से कार्य जल के बिना सम्भव नहीं है। पानी ना केवल मनुष्य के लिए जरूरी है बल्कि अन्य जीव – जंतुओं और पक्षियों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
पानी का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है इसलिए इसे बर्बाद होने से बचाना भी हमारा कर्तव्य है। जिस तरह से आज के समय में जल प्रदूषण बढ़ रहा है यह बहुत ही चिंताजनक है। यदि आज हमने धरती के पानी की बचत नहीं की और जल के बेवजह बर्बादी को नहीं रोका तो आने वाले समय में धरती पर पानी का अस्तित्व ही नहीं बचेगा और हमारी आने वाली पीढ़ी बिना पानी के धरती पर जीवित नहीं रह सकेगी।
प्रस्तावना – Introduction
जल को अगर हम मूल्यवान तोहफा कहें तो यह गलत नहीं होगा क्योंकि जल है तो जीवन है। जल हमारी पृथ्वी पर लगभग 71% है। लेकिन इसमें से पीने योग्य जल केवल 3 प्रतिशत ही है। जिसे अलवणीय जल कहा जाता है और इसका बहुत छोटा भाग ही प्रयोग के लिए उपलब्ध है। जल इस पृथ्वी पर जीवन के लिए बेहद अहम है। जल के बगैर हम जिंदा नहीं रह सकते।
जल से हम खाना बनाते हैं, कपड़े धोते हैं, नहाते हैं और कृषि के लिए भी जल अंत्यत आवश्यक है। जल हमें नदियों, तालाबों तथा वर्षा जैसे स्त्रोंतो से प्राप्त होता है। पृथ्वी पर अधिकांश जल समुंद्र में पाया जाता है। जो खारा है। इसका उपयोग न तो पीने के लिए किया जा सकता है और न ही खेती के लिए।
जल का महत्व – Jal ka mahatva
जल जैसे मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है, वैसे ही यह अन्य प्राणियों के लिए भी जरूरी है। जल के बिना पंछियों और अन्य प्राणियों का भी जीवन असम्भव है। कुछ फसलें ऐसी होती हैं जो पानी के बिना पैदा ही नहीं होती हैं जैसे – गेहूं, चावल, मक्का आदि। पानी के बिना पेड़ – पौधे मुरझा जाते हैं और नष्ट हो जाते हैं। इसलिए जल की एक-एक बूंद को व्यर्थ होने से बचाना चाहिए क्योंकि जल है तो कल है।
जल का निर्माण कैसे होता है? – Jal kaise banta hai
जल जो दो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के अणुओं से मिलकर बनता है। जल के एक अणु में दो हाइड्रोजन के परमाणु सहसंयोजक बंध के द्वारा एक ऑक्सीजन के परमाणु से जुडे़ रहते हैं। जल का रासायनिक सूत्र H₂O होता है। जल की तीन अवस्थाएं हो सकती है ठोस, द्रव तथा गैस।
जल के स्रोत – Sources of water
पृथ्वी पर जल के चार मुख्य स्रोत है नदियां, झीलें, तलैया तथा तालाब। देश में कुल नदियां तथा सहायक नदियां जिन की लंबाई 1.6 कि.मी. से अधिक है। ऐसे नदियों को मिलाकर 10,360 नदियां हैं। फिर भी स्थलाकृतिक, जलीय और अन्य दबावों के कारण प्राप्त दरात जल का लगभग 690 घन कि.मी. (32%) जल का ही उपयोग किया जा सकता है।
कुछ नदियां जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु के जल ग्रहण क्षेत्र बहुत बड़े हैं। क्योंकि गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में वर्षा अपेक्षाकृत अधिक होती है। आज भूमिगत जल की मात्रा में भी बहुत कमी हो गयी है। कुछ जगहों पर तो भूमिगत जल पूरी तरह समाप्त हो गया है।
जल का प्रयोग – Jal ka paryog
भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसकी जनसंख्या का लगभग दो – तिहाई भाग कृषि पर निर्भर है। इसलिए पंचवर्षीय योजना में कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए सिंचाई के विकास को प्राथमिकता प्रदान की गई है।
बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना जैसे – भाखड़ा नांगल, हीराकुंड, दामोदर घाटी परियोजना, नागार्जुन सागर परियोजना तथा इंदिरा गांधी नहर परियोजना आदि शुरू की गई है। वर्तमान में जल की मांग सिंचाई के लिए बहुत अधिक है। भूमिगत जल सबसे अधिक प्रयोग कृषि में किया जाता है।
घरेलू सेक्टर में धरातलीय जल का उपयोग भूजल की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक होता है। भविष्य में औद्योगिक और घरेलू सेक्टर में जल का उपयोग बढ़ने की संभावना है।
जल प्रदूषण – Jal pradushan
जब विषैले पदार्थ झीलों, झरनों, नदियों, समुद्रों और अन्य जलाशयों में प्रवेश करते हैं तो वे जल में घुल जाते हैं इससे जल प्रदूषण बढ़ता है। भारत की प्रमुख नदियां जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु और दक्षिण तट की नदियां प्रदूषण से प्रभावित हो चुकी है।
आज जल प्रदूषण ( Jal Pradushan ) इतना बढ़ गया है की मानव को पीने के लिए स्वच्छ जल नहीं मिल रहा है। बहुत से शहरों में भूमिगत जल पूरी तरह समाप्त हो गया है या समाप्त होने के कगार पर है।
पीने के अतिरिक्त घरेलू, सिंचाई, कृषि कार्य, औद्योगिक तथा व्यावसायिक कार्यों आदि में बड़ी मात्रा में जल की खपत होती है तथा उपयोग में आने वाला जल उपयोग करने के उपरान्त दूषित जल में बदल जाता है| यह दूषित जल जब स्वच्छ जल में मिलता है तो उसे भी दूषित कर देता है।
कई कारखानों तथा फैक्ट्रियों आदि से निकला हुआ प्रदूषित जल नदियों या नालों में बहा दिया जाता है जिसके कारण उस नदी या नाले का जल भी दूषित हो जाता है।
जल प्रदूषण कम करने के उपाय – Jal pradushan kam karne ke upay
आज के इस दौर में बढ़ते जल प्रदूषण को देखते हुए सरकार द्वारा बहुत से अभियान चलाए जा रहे हैं। हर जगह नदियां, तालाब तथा झीलों आदि का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
सबसे पहले तो जो लोग नदियों, तालाबों, नहरो और कुओं इत्यादि के किनारे बैठ कर नहाते हैं और कपड़े धोते हैं ओर साबुन का दूषित जल, जल में जाकर मिलता है जिससे जल प्रदूषित होता है उन्हें रोकना चाहिए।
लोगों को जल बचाने के लिए जागरुक करना होगा वर्षा से प्राप्त हो रहे जल को भी एकत्रित करना होगा। कारखानों से आ रहे दूषित जल को नदियों तथा तालाबों आदि में मिलने से रोकना होगा। इन प्रयासों से हम जल दूषित होने से रोक सकते हैं।
जल जीवन मिशन – Jal Jivan Mission
भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन को शुरू किया गया है। इस मिशन के तहत घर – घर में पाइप के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी जी ने कहा कि देश में अभी करीब 50 फ़ीसदी परिवारों को पाइप के द्वारा पानी नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य करेगी और आने वाले वर्षों में साढे़ तीन लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम इस मिशन के लिए खर्च की जाएगी। सरकार ने 2024 तक हर घर में नल के जरिए पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
जल बचाव के उपाय – Jal sanrakshan ke upay
अगर हम मिलकर प्रयास करें तो जल को बचाया जा सकता है। अगर जल को व्यर्थ बहाना बन्द कर दिया जाए तो काफी मात्रा में जल बचाया जा सकता है। जल संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है जैसे कि तालाबों का निर्माण करें जिससे पानी की बचत होती है वर्षा के जल को एकत्र करें। हमें जरूरत के हिसाब से ही पानी का उपयोग करना चाहिए और वर्षा के जल का संग्रह करना चाहिए।
वृक्षों की लगातार हो रही कटाई पर रोक लगानी चाहिए और लोगों को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए क्योंकि वृक्ष ही ऐसा साधन है जो वर्षा के लिए उत्तरदाई है।
उपसंहार – Conclusion
हमारी पृथ्वी पर जल की मात्रा सीमित है और इस बात की जानकारी हम सभी को होनी चाहिए। jal hi jeevan hai और जल के बिना जीवन संभव नहीं है। इसके लिए हमें जल के महत्व को समझना होगा। अभी से जल संरक्षण के बारे में सोचना होगा। सरकार और कई संस्थाएं भी जल से सम्बंधित अभियान चला रहे हैं ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके। हमें भी पानी की बचत से सम्बंधित इन कार्यक्रमों में पूरा-पूरा सहयोग देते हुए पानी की बचत करनी चाहिए।
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उम्मीद करता हूं दोस्तों की “जल ही जीवन है निबंध ( jal hi jeevan hai essay in hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें जल से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।
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