पंचकूला जिला – Panchkula District In Haryana

इस पोस्ट में आपको हरियाणा के एक महत्वपूर्ण जिले पंचकूला के बारे में जानकारी मिलेगी| जैसे :- पंचकूला ( Panchkula ) कब बना, पंचकूला का नाम कैसे पड़ा, पंचकूला का इतिहास तथा पंचकूला में क्या प्रसिद्ध है| उम्मीद करता हूँ आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आएगी| 

 
 

पंचकूला का इतिहास – Panchkula Ka Itihas

वैसे तो पंचकूला जिले के इतिहास के बारे मे ज्यादा जानकारी उपलब्ध नही है। इसकी स्थापना से सम्बधित कुछ खास तथ्य मौजूद नही है।
पंचकूला का यह नाम यहाँ की पांच सिंचाई नहरों के कारण पड़ा जिसमें घग्घर से पानी आता है। यह पानी नाडा साहिब से मनसा देवी तक वितरित होता है।
 
 

पंचकूला कब बना – Panchkula Kab Bana

 
पंचकूला जिले का गठन 15 अगस्त 1995 को जिले की पंचकूला  ओर कालका तहसीलों को मिलाकर किया गया था।

 

Panchkula जिले का धरातल पहाड़ी है। जिले में ऐसे बहुत से स्थान स्थित है, जोकि महाभारत काल मे पांडवों से जुड़े हुए है। पंचकूला जिले की जलवायु उष्णकटिबंधीय महाद्वीपीय ठंडी, गर्म है, यहाँ की मूल नदी घग्घर है। इसे पहले सरस्वती नदी के नाम से जाना जाता था।

पंचकूला अम्बाला – कालका राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, यह नगर आधुनिक सेक्टरों में विभाजित है। इसमें दो औधोगिक क्षेत्र तथा एक कैक्टस उघान है। पंचकूला में उष्ण कटिबंधीय, शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते है।

पंचकूला जिला हिमालय बाउंड्री फॉल्ट जॉन में होने के कारण भूकम्पीय प्रभावित क्षेत्र है। पंचकूला की प्रति व्यक्ति आय हरियाणा के अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक है।

 
 

पंचकूला में पर्वत श्रृंखला :-

ब्रह्मा हिमालय का पहाड़ी क्षेत्र , इसमे शिवालिक श्रेणियां फैली है। जिले की मोरनी पहाड़ियों में स्थित करोह 1514 मीटर ऊंचा स्थान राज्य का सर्वोच्च ऊंचा स्थान है। यहाँ चीड़ देवदार वृक्ष पाए जाते है।
 

 

पंचकूला में गुरुद्वारा

गुरुद्वारा नाडा साहिब
 
 
 

पंचकूला में मन्दिर

  1. मनसा देवी मंदिर
  2. भीमा देवी मंदिर
  3. चंडी मन्दिर
 
 
 

पंचकूला में उद्योग

यहाँ के प्रमुख उद्योग हिंदुस्तान मशीन टूल्स (h m t) पिंजौर, भुपेन्द्रा सीमेंट का कारखाना, भारत इलेक्ट्रिकल्स आदि है। जिले के पिंजोर में स्थित हिंदुस्तान मशीन टूल्स में ट्रैक्टर के कलपुर्जो का निर्माण होता है।
 
 
 
 

Panchkula में प्रमुख मेले

  1. काली माई का मेला
  2. बैशाखी महोत्सव, पिंजौर
  3. आम मेला पिंजोर
  4. पिंजौर परम्परा मेला

 

पंचकूला से संबंधित अन्य जानकारी

 

पिंजौर

पिंजौर एक प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल है। पिंजौर का सम्बद्ध पांडवो से भी रहा है, वनवास के दौरान हिमालय पर जाते हुए कुछ समय के लिए पांडवों ने यहाँ निवास किया था। उस समय इसका नाम पँचपुरा था, जो बाद में पिंजौर पड़ा।

 

पिंजौर मुगल गार्डन से भी प्रसिद्ध है। यह हरियाणा के प्रमुख स्थलों में से एक है| यह उतरी भारत का पुराना एवं महत्वपूर्ण गार्डन है। इसे 17वी शताब्दी में औरंगजेब के एक वास्तुविद फिदाई खां ने बनाया था। फिदाई खां के चले जाने के बाद सिरमौर के राजा ने इस पर अधिकार कर लिया। 1775 में इसे पटियाला के महाराजा अमरसिंह ने सिरमौर के राजा से खरीद लिया था।

हरियाणा सरकार ने इसका कायाकल्प कर दिया है तथा इसका नाम पटियाला रियासत के महाराजा यादवेंद्र के नाम पर यादवेंद्र उधान रखा है। यहाँ भीमा देवी का मंदिर भी है, जिसका सम्बन्द्ध पांडवों से है।

पिंजौर शहर में इसके बाग बगीचों की पुरानी विरासत को मनाने के लिए सन 2006 से पिंजौर विरासत उत्सव आयोजित किया जाता है।

 

पिंजौर गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र एशिया का प्रथम गिद्ध संरक्षण केंद्र है। यहाँ विश्व के सर्वाधिक गिद्ध पाये जाते है।
 

मोरनी हिल्स:-

यह हिमालय की शिवालिक श्रेणी में स्थित है। यहाँ मोरनी हिल्स गांव समुद्र तल से 1220 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ खण्डहर रूप में एक पुराना किला स्थित है। यहाँ स्थित दो झीलें हिल्स को दो भागों में बांटती है। इसे पहाड़ियों की रानी के नाम से भी जाना जाता है।
 
 
 
 
 
 

मनसा देवी मंदिर:-

यह मंदिर Panchkula में स्थित है। यह मंदिर हरियाणा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है| यह 1815 ई० में मनीमाजरा के शासक महाराजा गोपालसिंह ने बनवाया था। प्रतिवर्ष चेत्र व अशिवनी में शारदीय नवरात्रा के दिनों में यहाँ मेला लगता है। यहाँ हरियाणा सरकार द्वारा यात्रिका जिसे जटायु कहा जाता है, आयोजित की जाती है।

 

मन्दिर की देखभाल हेतु श्री माता मनसा देवी श्राइन एक्ट 1991 के अधीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड का पंचकूला में गठन किया गया है।

इस मंदिर के पास ही पटियाला मन्दिर भी स्थित है, जो महाराजा पटियाला सिख करम सिंह ने 1840 में बनवाया था।
 
 

भीमा देवी मंदिर :-

यह पिंजौर में पिंजौर उद्यान के निकट स्थित है। यह मंदिर भी हरियाणा के प्रमुख मंदिरों में गिना जाता है| यह पंचायतन शैली का शिव मंदिर है। नसीरुद्दीन महमूद ने इस मंदिर को 1254 ई० में नष्ट कर दिया था। इनकी शैली भुवनेश्वर व खजुराहो के मंदिरो से मिलती है। यह संरक्षित स्मारक है।
 
 
 
 

गुरुद्वारा नाडा साहिब :-

यह घग्घर नदी के किनारे Panchkula में स्थित है। गुरु गोविंद सिंह भागनी की लड़ाई में विजय के बाद अपनी सेना के साथ यहाँ ठहरे थे। गुरु गोविंद सिंह के अनुयायी नाडु शाह लुबाना ने उनका स्वागत किया व उनकी सेवा की थी। हर महीने की पूर्णमासी को श्रद्धालु यहां आते है।
 
 
 
 

चंडी मन्दिर केंटोनमेंट :-

यह Panchkula के पास स्थित है। यह भारतीय थल सेना की पश्चिमी कमान का मुख्यालय है।
 
 
 

कैक्टस गार्डन:-

  • यह एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन है। इसके मुख्य आर्टिटेक्ट डॉ० जे० एस० सरकारिया है। मार्च माह में यहाँ प्रतिवर्ष कैक्टस शो आयोजित किया जाता है।
 
 

बीर शिकारगढ़ वन्य जीव अभयारण्य :-

यह अभ्यारण्य Panchkula में अवस्थित है। इसे वर्ष 1975 में अभ्यारण्य बनाया गया था। यहाँ सांबर, चील, नीलगाय आदि देखने को मिलते है।

 

 
हरियाणा स्टेट आरकावाईज पंचकूला में स्थित है।
◆यह केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ का सेटेलाइट शहर है।
◆23 अक्टूबर 2010 को पंचकूला में लघुकथा सम्मेलन सम्पन्न हुआ था।
◆पंचकूला में युवा होटल का निर्माण किया गया है, जिसमें युवा पर्यटकों को सस्ती दरों पर आवास सुविधाएं प्रदान की जाती है।

 

गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र 2006 में पिंजौर में बनाया गया था।

रेड जंगल फाउल प्रजनन केंद्र भी पिंजौर में है।

फिसेन्ट प्रजनन केंद्र मोरनी (पंचकूला)  में स्थित है।

◆ ताऊ देवी लाल स्टेडियम, नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, लॉन टेनिस व बेडमिंटन अकेडमी,  पालतू पशु चिकित्सा केंद्र व प्रशिक्षण चिकित्सालय, सिंचाई विभाग का मुख्यालय, बीज प्रमाणीकरण संस्था का मुख्यालय, टीचर होम, ट्राई सिटी, टिककर ताल, मोनिटरिंग स्टेशन (पवन ऊर्जा मापन), रेड बिशप, पुरातत्व विभाग अंतराष्ट्रीय संग्रहालय आदि पंचकूला में अवस्थित है।

FAQ About Panchkula

Q.1. पंचकूला कहाँ है?

पंचकूला जिला हरियाणा राज्य में है| Panchkula हरियाणा का एक प्रमुख जिला है| पंचकूला अम्बाला – कालका राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है|

Q.2. पंचकूला कब बना?

पंचकूला जिला 15 अगस्त 1995 को बनाया गया था|

Q.3. पिंजौर का पुराना नाम क्या था?

पिंजौर का पुराना नाम पंचपुरा था| बाद में यह पिंजौर के नाम से जाना जाने लगा|

आशा करता हूँ दोस्तों आपको हमारी ये Panchkula District पोस्ट काफी पसंद आयी होगी|  दोस्तों ये जानकारी काफी मेहनत से जुटाई गई है अगर आपको अच्छी लगे तो कंमेंट जरूर दे।

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