महिला सशक्तिकरण पर निबंध – Women Empowerment Essay In Hindi

नमस्कार दोस्तों Top Kro में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में हम “महिला सशक्तिकरण के बारे में ( Women empowerment essay in hindi ) पढेंगे। इस लेख में महिला सशक्तिकरण पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और महिला सशक्तिकरण पर निबंध upsc के लिए है।

इस पोस्ट में आपको महिला सशक्तिकरण पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे महिला सशक्तिकरण पर निबंध 150 शब्दों में, महिला सशक्तिकरण एस्से 300 शब्दों में, नारी सशक्तिकरण पर निबंध 500 शब्दों में तथा महिला सशक्तिकरण पर 10 लाइन इत्यादि।

Women empowerment essay in hindi की सहायता से विद्यार्थी अपनी जानकारी बढ़ा सकते है। इस निबंध के माध्यम से हमने बताया है कि महिला सशक्तिकरण का क्या अर्थ है, कैसे हम महिलाओं को सशक्त बना सकते हैं तथा हमें महिला सशक्तिकरण की जरूरत क्यों पड़ी?

नारी सशक्तिकरण पर निबंध 150 शब्दों में – Women Empowerment Essay In Hindi

यदि हम अपने देश की ही बात करे तो आए दिन प्रति हजार लोगों पर स्त्रियों की संख्या निरंतर कम होती जा रही हैं। बालिका शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के विषय में लोगों में जागरूकता बढ़ रही हैं। मगर आज भी बहुत से गांव ऐसे हैं जहाँ लडको की संख्या अधिक और लड़कियों की संख्या कम हैं।

अभी भी स्थिति नियंत्रित की जा सकती हैं। फिर भी हमनें इस दिशा में प्रयास नहीं किये तो जिस तरह जीवो की प्रजातियाँ लुप्त हो रही हैं उनमें कल बेटियों का नाम भी आ सकता हैं। आज सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है लेकिन अकेले सरकार के नियम काफी नहीं है हम सबको मिलकर इस दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।

बेटी हम सभी के घर में उजाले के दीपक के समान हैं। महिला इस संसार की जगत जननी हैं जिनकी रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य भी हैं। इसलिए आज हम सभी यह सकल्प करे कि कन्या भ्रूण तथा दहेज प्रथा पर रोक लगाते हुए बेटियों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे तथा बेटियों को अच्छी शिक्षा व बेहतर जीवन देने का प्रयास करेंगे। हम बेटियों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे। ऐसा करने से ही हम इस देश मे बेटियों को सुरक्षित देख सकते हैं।

महिला सशक्तिकरण पर निबंध 300 शब्दों में – Mahila Sashaktikaran Essay

महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। ताकि उन्हें रोजगार, शिक्षा, आर्थिक तरक्की के लिए बराबरी के मौके मिल सके।

पंडित जवाहर लाल नेहरु द्वारा कहा गया मशहूर वाक्य “लोगों को जगाने के लिये, महिलाओं का जागृत होना जरुरी है” सत्य है। एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है तो परिवार आगे बढ़ता है, गाँव आगे बढ़ता है और देश विकास की ओर चल पड़ता है।

भारत में, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाली राक्षसी सोच को मारना जरुरी है जैसे दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, बलात्कार, वैश्यावृति इत्यादि। भारत के संविधान में लिखित समानता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना सबसे प्रभावशाली तरीका है।

लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने से पूरे भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है। महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये इसे हर एक परिवार के बीच बचपन से प्रचारित व प्रसारित करना चाहिये। ये जरुरी है कि महिलाएँ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रुप से मजबूत हो। चूंकि एक बेहतर शिक्षा की शुरुआत बचपन से घर पर ही हो सकती है।

महिलाओं के उत्थान के लिये एक अच्छे परिवार की जरुरत है जो राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिये आवश्यक है। आज भी कई पिछड़े क्षेत्रों में माता-पिता की अशिक्षा, असुरक्षा और गरीबी की वजह से बाल विवाह करने का चलन है।

महिलाओं को मजबूत बनाने के लिये महिलाओं के खिलाफ होने वाले दुर्व्यवहार, लैंगिक भेदभाव, सामाजिक अलगाव तथा हिंसा आदि को रोकने के लिये सरकार कई सारे कदम उठा रही है। इस बारे में हमें भी सरकार का सहयोग करना चाहिए।

सरकार को महिलाओं के वास्तविक विकास के लिये पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में जाना होगा और वहाँ की महिलाओं को सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं और उनके अधिकारों से अवगत कराना होगा जिससे उनका भविष्य बेहतर हो सके। महिला सशक्तिकरण के सपने को सच करने के लिये लड़िकयों के महत्व और उनकी शिक्षा को प्रचारित करने की जरुरत है।

महिला सशक्तिकरण पर निबंध 500 शब्दों में – Nari Sashaktikaran Essay In Hindi

समाज में महिलाओं के वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिये उन्हें सक्षम बनाना ही महिला सशक्तिकरण है। जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। स्त्री से ही मानव जाति का अस्तित्व माना गया है।

इस सृजन की शक्ति को विकसित-परिष्कृति कर उसे सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता तथा समानता के अवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण या महिला सशक्तिकरण कहलाता है।

भारत मे महिला सशक्तिकरण की जरुरत इसलिये पड़ी क्योंकि प्राचीन समय से भारत में पुरुषप्रधान समाज था और लैंगिक असमानता थी। महिलाओं को उनके अपने परिवार और समाज द्वार कई कारणों से दबाया गया तथा उनके साथ कई प्रकार की हिंसा हुई और परिवार और समाज में भेदभाव भी किया गया।

ऐसा केवल भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी हुआ। महिलाओं के लिये प्राचीन काल से समाज में चले आ रहे गलत और पुराने चलन को नई परंपरा में ढ़ाल दिया गया। भारतीय समाज में महिलाओं को सम्मान देने के लिये माँ, बहन, पुत्री, पत्नी के रुप में महिला देवियों को पूजने की परंपरा है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि केवल महिलाओं को पूजने भर से देश के विकास की जरुरत पूरी हो जायेगी। आज जरुरत है कि देश की आधी आबादी यानि महिलाओं का हर क्षेत्र में सशक्तिकरण किया जाए जो देश के विकास का आधार बनेंगी।

भारत एक महान देश है जिसने ‘विविधता में एकता’ के मुहावरे को साबित किया है। जहाँ भारतीय समाज में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते है। महिलाओं को हर धर्म में एक अलग स्थान दिया गया है।

प्राचीन भारतीय समाज में सती प्रथा, दहेज प्रथा, यौन शोषण, घरेलू हिंसा, भ्रूण हत्या, पर्दा प्रथा, बाल मजदूरी, बाल विवाह तथा देवदासी आदि प्रथा प्रचलित थी। इस तरह की कुप्रथा का कारण पुरुष प्रधान समाज है। हमनें कभी महिलाओं को आजादी से जीवन जीने की स्वतंत्रता नही दी।

पुरुष पारिवारिक सदस्यों द्वारा सामाजिक और राजनीतिक अधिकार जैसे काम करने की आजादी, शिक्षा का अधिकार आदि को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का कुछ खुले विचारों के लोगों ने विरोध किया उन्होंने महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण कार्यों के लिये अपनी आवाज उठायी। राजा राम मोहन रॉय की लगातार कोशिशों की वजह से ही सती प्रथा को खत्म करने के लिये अंग्रेज मजबूर हुए।

बाद में दूसरे भारतीय समाज सुधारकों जैसे ईश्वर चंद्र विद्यासागर, आचार्य विनोभा भावे तथा स्वामी विवेकानंद इत्यादि ने भी महिला उत्थान के लिये अपनी आवाज उठायी और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया। भारत में विधवाओं की स्थिति को सुधारने के लिये ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने अपने लगातार प्रयासों से विधवा पुर्न विवाह अधिनियम 1856 की शुरुआत करवाई।

पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले लैंगिक असमानता और बुरी प्रथाओं को हटाने के लिये सरकार द्वारा कई सारे संवैधानिक और कानूनी अधिकार बनाए गये। हालाँकि ऐसे बड़े विषय को सुलझाने के लिये महिलाओं सहित सभी के सहयोग की जरुरत है। क्योंकि सिर्फ नियम और कानून बनाने मात्र से महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार समाप्त नही हो जाते।

आधुनिक समाज महिलाओं के अधिकारों को लेकर कुछ जागरुक हुआ है। आज बहुत से स्वयं-सेवी समूह और एनजीओ आदि महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रहे है। महिलाएँ भी आज पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है और सभी आयामों में अपने अधिकारों को पाने के लिये सामाजिक बंधनों को तोड़ रही है। हालाँकि महिलाओं पर अत्याचार अब भी कम नही हुए हैं।

भारतीय समाज में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं के खिलाफ बुरी प्रथाओं को हटाना होगा तथा महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एकजुट होना पड़ेगा। आज हमें जरुरत है कि हम महिलाओं के खिलाफ अपनी पुरानी सोच को बदले और संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों में भी बदलाव लाया जाए। तभी हम महिलाओं को सशक्त बना सकते हैं।

महिला सशक्तिकरण पर 10 लाइन

  1. महिला सशक्तिकरण का अर्थ है समाज में महिलाओं की हिस्सेदारी को पुरुषों के बराबर बनाना है।
  2. महिला सशक्तिकरण से महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वतंत्र हो पाएंगी।
  3. लैंगिक समानता को कम करने के लिए महिला सशक्तिकरण बहुत आवश्यक है।
  4. महिला सशक्तिकरण का मुख्य उदेश्य समाज का समग्र विकास करना है।
  5. महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे उचित कदम महिलाओं को शिक्षित करना है।
  6. आज महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को मिटाने के लिए महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता है।
  7. महिलाओं को भी पुरुषों की तरह सामाजिक और राजनीतिक आजादी मिलनी चाहिए।
  8. आज भी बहुत सी कुप्रथा प्रचलित है जिनको खत्म करके हम महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं।
  9. आज महिलाएं बहुत से क्षेत्रों में पुरुषों के साथ कंधें से कंधा मिलाकर कार्य कर रहीं है।
  10. महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हम सबको एकजुट होकर काम करना होगा तभी हम महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को खत्म कर पाएंगे।

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उम्मीद करता हूं दोस्तों की “महिला या नारी सशक्तिकरण पर निबंध ( Women empowerment essay in hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी।

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FAQ About Women Empowerment In Hindi

प्रश्न.1. महिला सशक्तिकरण का क्या अर्थ होता है?

उत्तर: महिलाओं का किसी पारिवारिक और सामाजिक प्रतिबंध के बिना स्वयं निर्णय लेना ही महिला सशक्तिकरण कहलाता है। जहां महिलाएं स्वतंत्र हो तथा उन्हें काम करने की आजादी हो। महिलाओं को भी पुरुषों के समान समझा जाये।

प्रश्न.2. महिला सशक्तिकरण दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर: महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागृत करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है।किसी भी समाज, राष्ट्र और देश का विकास तभी संभव है जब  वहां की महिलाएं जागृत होंगी।

प्रश्न.3. महिला सशक्तिकरण पर निबंध कैसे लिखें?

उत्तर: महिला सशक्तिकरण पर निबंध लिखने के लिए आप ऊपर दिए गए निबंधों को पढ़ सकते हैं। इन निबन्धों के आधार पर आप खुद भी महिला सशक्तिकरण पर निबंध लिख सकते हैं।

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