इस पोस्ट में आपको Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi पढ़ने को मिलेगा| Beti Bachao Beti Padhao पर विस्तृत निबंध क्रमशः सभी कक्षाओं के लिए उपयोगी है। यह उन छात्रों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उम्मीद करता हूँ आपको हमारी यह पोस्ट काफी पसंद आएगी।
Beti Bachao Beti Padhao Par 250 Shabdon Mein Nibandh
आखिर हमें “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के इस अभियान की जरूरत क्यों पड़ी जाहिर है इसके पीछे कन्या भ्रूण हत्या के कारण देश में तेजी से घटता लिंगानुपात है जिसके कारण अनेक सामाजिक समस्याएं समाज में उत्पन्न हो रही हैं।
वर्ष 1981 में जीरो से 6 साल के बच्चों का लिंग अनुपात 962 था। 2001 में घटकर 945 रह गया तथा 2011 में और अधिक घटकर 914 रह गया। इसी लिंगानुपात में सुधार करने के लिए सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के इस अभियान की शुरुआत की।
बेटी नहीं पैदा होगी तो बहू कहां से लाओगे।
हम तो जानते हैं समाज और हम चाहते हैं कि बहू पढ़ी-लिखी मिले। यदि हम बेटी को पढ़ा नहीं सकते तो शिक्षित बहू की उम्मीद करना भी गलत है।
हमारी इस धरती पर जहां मानवता का संदेश दिया गया वहां बेटियों की हत्या बहुत ही दुख देती है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कानून के कार्यों के लिए सरकार सूचना, शिक्षा और संचार अभियान के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता दे रही है ताकि इस कानून को लागू करने मे किसी प्रकार की रुकावट न हो।
इस अभियान के साथ ही इस विषय को अधिक व्यापक बनाने के लिए शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाना आवश्यक है। आने वाली पूरी पीढ़ी भी इसके प्रति संवेदनशील हो जाएगी, जब बचपन से ही उसे यह शिक्षा दी जाए।
स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों से आग्रह किया गया है कि वह इस अभियान को मजबूती से लागू करें और गैरकानूनी रूप से लिंग पता लगाने के तरीकों को रोकने के लिए कदम उठाए।
वर्तमान में Beti Bachao Beti Padhao अभियान का नाम बदलकर BADLAV बेटी आपकी धनलक्ष्मी और विजयलक्ष्मी कर दिया है।
BADLAV को सशक्त बनाने तथा एक नया मानदंड बनाने के लिए 6 सिद्धान्तों को चुना गया है। जिसमें महिलाओं के लिए सरकारी कार्यों को सरल बनाना, उत्पीड़न और भेदभाव की घटनाओं की रिपोर्ट करना, बैंक खाते खोलना, सरकार में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना तथा पासपोर्ट बनाने जैसे अहम कदम है।
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 300 शब्दों में निबंध – Beti Bachao Beti Padhao Par 300 Shabdon Mein Nibandh
कैसे खाओगे उनके हाथ की रोटियां,
जब पैदा ही नहीं होने दोगे बेटियां।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का अर्थ है लड़कियों को बचाना और शिक्षित करना। बेटियों के बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 22 जनवरी 2015 को बेटियों के हालात सुधारने के लिए Beti Bachao Beti Padhao Yojana को प्रारंभ किया।
पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व आदमी और औरत दोनों के समान भागीदारी के बिना संभव नहीं होता है। दोनों ही किसी भी देश के विकास के लिए समान रूप से जिम्मेदार है। महिलाएं पुरुषों से अधिक महत्वपूर्ण होती है क्योंकि महिलाओं के बिना मानव जाति की निरंतरता के बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती है क्योंकि महिलाएं ही मानव को जन्म देती है।
महिलाओं के लिए सबसे बड़ा अपराध कन्या भ्रूण हत्या है जिसमें अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लिंग परीक्षण के बाद बेटियों को मां के गर्भ में ही मार दिया जाता है। इसके परिणाम स्वरूप समाज में बालिकाओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है। जिस धरती पर मानवता का संदेश दिया गया हो वहां बेटियों की हत्या बहुत ही दुख देती है।
Beti Bachao Beti Padhao Abhiyan को सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के साथ-साथ बालिकाओं के विरुद्ध अन्य अपराधों को समाप्त करने के लिए शुरू किया है। हमारे देश के लोगों ने मिलकर हमारे देश में पुरुष प्रधान नीति को अपना लिया है जिसके कारण देश की बेटियों के हालात गंभीर रूप से खराब हो गए हैं। उनके साथ लैंगिक भेदभाव किया जाता है और ना ही उन्हें उचित शिक्षा दी जा रही है जिसके कारण वह हर क्षेत्र में पिछड़ गई है।
उनकी आवाज को इस कदर दबा दिया गया है कि उन्हें घर से बाहर निकलने की आजादी तक नहीं दी जाती है। इस गंभीर मुद्दे के कारण ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की गई। इसी दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत भी की है जिसके तहत लड़कियों के पढ़ाई और शादी के लिए सरकार पैसे मुहैया कराएगी।
यह संभव है कि इस योजना से लड़कों और लड़कियों के प्रति भेदभाव खत्म हो जाए। इस योजना की शुरूआत करते हुए पीएम मोदी ने चिकित्सक बिरादरी को याद दिलाया कि चिकित्सा पेशा लोगों को जीवन देने के लिए बना है ना कि उन्हें खत्म करने के लिए। भारत के प्रत्येक नागरिक को कन्या शिशु बचाव के साथ-साथ इनका समाज में स्तर सुधारने के लिए प्रयास करना चाहिए।
लड़कियों को उनके माता-पिता द्वारा लड़कों के समान समझा जाना चाहिए और उन्हें सभी कार्य क्षेत्रों में समान अवसर प्रदान करने चाहिए। अंत में यही कहना चाहता हूं दोस्तों बेटा भाग्य से होता हैं बेटियां सौभाग्य से होती है।
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Beti Bachao Beti Padhao Per Nibandh 500+ Shabdon Mein
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Beti Bachao Beti Padhao नामक लड़कियों के लिए एक योजना का उद्घाटन किया है। यह पूरे भारत में बालिकाओं को बचाने और बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए है। यह अभियान 22 जनवरी, 2015 को पानीपत में शुरू किया गया था। यह योजना पहले विशेष रूप से हरियाणा में शुरू की गई थी क्योंकि इस राज्य में पूरे देश में बहुत कम महिला लिंग अनुपात (775/1000) है। इसे देश भर के सौ जिलों में प्रभावी रूप से लागू किया गया है।
वर्तमान में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का नाम बदलकर BADLAV बेटी आपकी धनलक्ष्मी और विजयलक्ष्मी कर दिया गया है।
BADLAV को सशक्त बनाने तथा एक नया मानदंड बनाने के लिए 6 सिद्धान्तों को चुना गया है। जिसमें महिलाओं के लिए सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, उत्पीड़न और भेदभाव की घटनाओं की रिपोर्ट करना, बैंक खाते खोलना, सरकार में महिलाओं की भागीदारी ओर पासपोर्ट बनाने जैसे अहम कदम है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का उद्देश्य
इस अभियान का लक्ष्य देश में लड़कियों की स्थिति में सुधार करना है। Beti Bachao Beti Padhao योजना का उद्देश्य बालिका लिंगानुपात में गिरावट को रोकना है। इसलिए, यह देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करेगा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ किस मंत्रालय द्वारा शुरू की गई
- महिला बाल विकास
2. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
3. मानव संसाधन विकास
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना शुरू करने की वजह
Beti Bachao Beti Padhao पहल के दो मुख्य कारण हैं:
- कम बाल-लिंग अनुपात|
0-6 वर्षों के लिए चाइल्ड सेक्स रेशियो (सीएसआर) की जनगणना के आंकड़े 2001 में प्रति 1,000 लड़कों पर 933 लड़कियों का था, जो 2011 में प्रत्येक 1,000 लड़कों के लिए घटकर 918 लड़कियों के रह गए। 2012 में यूनिसेफ ने रिपोर्ट दी कि भारत 195 देशों में 41 वें स्थान पर है। 2011 की एक जनगणना से पता चला कि 2011 में भारत का जनसंख्या अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 943 महिलाओं का था।
2. महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहा है। इस प्रकार बालिकाओं के प्रति इस प्रकार के भेदभाव के परिणामस्वरूप महिला जनसंख्या में भारी गिरावट आई। इसके अलावा, महिलाओं पर अपराध और यौन शोषण, बहुत ज्यादा हो रहे हैं।
वर्ष 2014 में वापस, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बात की। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या के उन्मूलन पर प्रकाश डाला और MyGov.in पोर्टल पर भारतीय नागरिकों से सुझाव मांगे।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ का प्राथमिक उद्देश्य
‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ भारत सरकार की एक सहयोगात्मक पहल है। महिला और बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस योजना को शुरू किया। इसमें सभी भारतीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
योजना के तीन प्राथमिक उद्देश्य हैं
- कन्या भ्रूण हत्या को रोकना।
2. नई योजनाएं विकसित करना और यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक बालिका सुरक्षित है।
3. सुनिश्चित करना कि हर बालिका को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ को लागू करने में कठिनाइयाँ
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना को गति प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। यह निम्नलिखित तथ्यों के कारण है-
कन्या भ्रूण हत्या, सती प्रथा, बाल विवाह और घरेलू शोषण जैसी सामाजिक गलतियां और रूढ़िवादी संस्कार इस योजना के मार्ग में बाधा डालते हैं। यह Beti Bachao Beti Padhao योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को भी कमजोर करता है। हालांकि, सरकारी तंत्र और पुलिस को महिला अत्याचारों की गंभीरता से लेना है। लोगों की मानसिकता काफी रूढ़िवादी है।
योजना के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए योजना को नागरिक निकाय के समर्थन की आवश्यकता है। दहेज प्रथा Beti Bachao Beti Padhao योजना के सफल कार्यान्वयन और प्रभाव में मुख्य बाधा है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का प्रभाव
यह देखना महत्वपूर्ण है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ भारत का सबसे उच्च प्रोफ़ाइल अभियान है। इसका उद्देश्य देश में बालिकाओं को सशक्त बनाना है। कुछ प्रमुख प्रभाव हैं-
संतुलन सेक्स अनुपात, बालिका अधिकारों को फोकस में लाना, बालिकाओं को शिक्षा|
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का निष्कर्ष
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना भारत सरकार द्वारा भारत में बालिकाओं के चारों ओर घूमने वाली मुसीबतों को दूर करने के लिए एक पहल है। योजना के तहत इस पहल ने फल देना शुरू कर दिया है क्योंकि लोगों में जागरूकता का स्तर बढ़ रहा है।
इसलिए, लोगों को अब समाज में बालिका उत्थान के लिए काम करने की काफी जरूरत है। इस योजना की सफलता से देश की आर्थिक वृद्धि में जबरदस्त इजाफा होगा। हमें चाहिए कि हम भी इस योजना को सफल बनाने में अपना योगदान दें तथा अपनी सोच को थोड़ा बदलें।
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Beti Bachao Beti Padhao पर छोटा निबंध
बेटी बचाओ, बेटी पढाओ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को शुरू किया गया। यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है। यह अभियान भारत सरकार द्वारा सभी बेटियों की कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता में सुधार के लिए बनाई गई है।
वर्तमान में इस योजना का नाम बदलकर BADLAV कर दिया गया है जिसका अर्थ है आपकी बेटी धनलक्ष्मी और विजयलक्ष्मी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में बालिकाओं के लिए जागरूकता को बढ़ावा देना है। कल्याणकारी योजना Beti Bachao Beti Padhao का अर्थ है “बेटी को बचाओ तथा बेटियों को शिक्षित करना”।
यह परियोजना हरियाणा में बेटियों के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए शुरू की गई क्योंकि राज्य में सबसे कम महिला लिंगानुपात है। योजना का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या और लिंग निर्धारण को रोकना तथा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सभी महिला बच्चों को बचाना और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के बारे में लंबा निबंध
Beti Bachao Beti Padhao भारत सरकार द्वारा महिला बच्चों के खिलाफ चल रहे भेदभाव को दूर करने, बालिकाओं की स्थिति में सुधार लाने और समाज में व्याप्त लिंग असंतुलन को दूर करने के लिए शुरू की गई एक सामाजिक योजना है। इस योजना को देश में खराब महिला अनुपात को ध्यान में रखते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को लॉन्च किया गया था।
Beti Bachao Beti Padhao योजना में प्राथमिक कारण शामिल हैं – महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और कम बाल लिंगानुपात। हमारे समाज के अधिकांश लोगों ने अपने परिवार के लिए एक बालिका को एक बोझ के रूप में दोषी ठहराया है। इसके कारण, कन्या का गर्भपात लिंग अनुपात में बड़े पैमाने पर असन्तुलन का कारण बन गया है।
जनगणना के 2011 के जनसंख्या अनुपात से पता चला कि भारत में प्रति 1000 पुरुषों पर 943 महिलाएं शामिल हैं। इस प्रकार लैंगिक भेदभाव को रोकने के लिए, Beti Bachao Beti Padhao योजना शुरू की गई थी।
इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं को बचाना, उन्हें उचित शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करना, व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास में उनकी सहायता करना और पूरे देश में कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना है। इस कल्याणकारी परियोजना का मुख्य उद्देश्य महिला बाल लिंगानुपात में गिरावट को रोकना है।
इस प्रकार देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार के माध्यम से महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है। यह शुरुआत में हरियाणा राज्य में सबसे कम महिला लिंगानुपात- 775/1000 के कारण था और अब यह देश भर के सभी जिलों और राज्यों में प्रभावी रूप से लागू हो गया है।
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यह अभियान भारत सरकार और त्रि-मंत्रालयीय कल्याण समूहों द्वारा एक संयुक्त अभियान है-
1. मानव संसाधन विकास मंत्रालय
2. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
3. महिला और बाल विकास मंत्रालय।
इसके अलावा, Beti Bachao Beti Padhao को एक संघीय अभियान के माध्यम से निष्पादित किया जाता है जिसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाता है। यह कम बाल लिंगानुपात वाले चयनित 100 जिलों में केंद्रित एक बहु-क्षेत्रीय अभियान है। योजना का उद्देश्य इसके प्रभाव का मूल्यांकन करना और 12 वीं पंचवर्षीय योजना के पूरा होने पर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाना है।
हालांकि, Beti Bachao Beti Padhao योजना को कई कारकों के कारण गति प्राप्त करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस योजना के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नागरिक निकाय के समर्थन और भागीदारी की कमी थी।
रूढ़िवादी रिवाजों, प्रथाओं और सामाजिक दुर्व्यवहारों जैसे बाल विवाह, सती प्रथा, घरेलू हिंसा और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए, भारत में प्रचलित दहेज प्रथा का विरोध इत्यादि इस अभियान का मुख्य लक्ष्य था।
योजना की विफलता का मुख्य कारण लोगों की रूढ़िवादी मानसिकता है।
Beti Bachao Beti Padhao मिशन ने तीन महत्वपूर्ण प्रभाव लाने का लक्ष्य रखा- बालिकाओं को शिक्षा की प्राप्ति, पुरुष-महिला अनुपात का संतुलन और बाल अधिकारों को उजागर करना।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का उद्देश्य यौन भेदभाव और असंतुलन को कम करना और लड़कियों को वित्तीय और सामाजिक स्वतंत्रता प्रदान करना है। समाज में व्यापक प्रभाव डालने के लिए, सभी को बालिकाओं के उत्थान के लिए हाथ मिलाना चाहिए।
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Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi 200 Words
स्वास्थ्य, सुरक्षा, मौलिक अधिकार, पोषण, शिक्षा, आदि के मामले में हर साल बहुत सी लड़कियां भेदभाव से पीड़ित होती है और दुख को खत्म करने और एक सकारात्मक बदलाव प्रदान करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की शुरुआत की गई है।
‘Beti Bachao Beti Padhao’ अभियान लोगों को उनके रूढ़िवादी विचारों को छोड़ने, लड़कियों को पढ़ाने और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए लोगों में सामाजिक जागृति पैदा करने के लिए एक सरकारी सहायता प्राप्त अभियान है। इस अभियान का उद्घाटन 22 जनवरी, 2015 को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा के पानीपत जिले में किया गया था।
2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, भारत प्रति दशक लगातार बालिकाओं के घटते अनुपात से जूझता है। इसलिए, अभियान का उद्देश्य पूरे भारत में सभी महिला बच्चों को बचाना और शिक्षित करना है और भारत में घटते बाल लिंगानुपात के मुद्दे को मिटाना है। यह योजना उन चुनिंदा 100 जिलों में मौजूद है जहां कम बाल-पुरुष अनुपात देखा जाता है। मिशन भारत सरकार और मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, और महिला और बाल विकास के बीच एक संयुक्त मिशन है।
Beti Bachao Beti Padhao योजना के तीन प्राथमिक उद्देश्य हैं।
1. कन्या भ्रूण हत्या को रोकना
2. कन्याओं की सुरक्षा और सरंक्षण सुनिश्चित करना
3. बालिकाओं को अच्छी शिक्षा प्रदान करना।
इसलिए, मिशन के साथ सफलता प्राप्त करने के लिए, समाज में लोगों को एक साथ हाथ मिलाने और सफलता प्राप्त करने में भाग लेने की आवश्यकता है।
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बेटी बचाओ बेटी पढाओ निबंध पर 10 पंक्तियाँ
1. Beti Bachao Beti Padhao Yojana भारत के तीन सरकारी मंत्रालयों द्वारा की गई एक संयुक्त पहल है।
2. 22 जनवरी, 2015 को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना का उद्घाटन किया गया था।
3. जनगणना के 2011 के जनसंख्या अनुपात से पता चला है कि भारत में प्रति 1000 पुरुषों पर 943 महिलाएं शामिल हैं।
4. यह योजना सबसे कम महिला लिंग अनुपात- 775/1000 के कारण हरियाणा राज्य में शुरू की गई थी और अब यह देश भर के 100 जिलों और राज्यों में प्रभावी रूप से लागू हो गई है।
5. योजना का प्राथमिक उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और बालिकाओं की सुरक्षा करना है। इसका उद्देश्य सभी लड़कियों को शिक्षा प्रदान करना भी है।
6. Beti Bachao Beti Padhao शुरू करने के दो प्राथमिक कारण हैं – महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और निम्न बाल लिंग अनुपात।
7. बेटी बचाओ बेटी पढाओ मिशन ने तीन महत्वपूर्ण प्रभाव लाने का लक्ष्य रखा- बालिकाओं को शिक्षा की प्राप्ति, पुरुष-महिला अनुपात का संतुलन और बाल अधिकारों को उजागर करना।
8. अभियान ने विशेष रूप से समाज की महिलाओं के लिए बेहतर कल्याण सेवाओं को देने की भी मांग की।
9. बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के साथ, देश में सोशल मीडिया पर विभिन्न अन्य महिला-आधारित योजनाओं का उदय हुआ जैसे कि BeWithBeti, SelfiewithDaughter आदि।
10. Beti Bachao Beti Padhao योजना का उद्देश्य लैंगिक भेदभाव और असंतुलन को कम करना और लड़कियों को वित्तीय और सामाजिक स्वतंत्रता प्रदान करना है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. Beti Bachao Beti Padhao योजना का क्या मतलब है?
उत्तर: बेटी बचाओ बेटी पढाओ ’एक सरकारी योजना है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य गिरते हुए बाल लिंग अनुपात और कन्या भ्रूण हत्या, और अन्य महिला सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों को दूर करना है।
प्रश्न 2. Beti Bachao Beti Padhao योजना का उद्घाटन कब और किसके द्वारा किया गया?
उत्तर: भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का उद्घाटन किया गया था।
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क्या मैं भी इसमें आवेदन कर सकती हूं, बताओ ना सर