नमस्कार दोस्तों Top Kro में आपका स्वागत है। आज की पोस्ट में हम मकर सक्रांति के बारे में पढेंगे। इस आर्टिकल में आपको मकर संक्रांति पर निबंध 100 शब्दों में, मकर संक्रांति पर निबंध 250 शब्दों मे Makar Sankranti essay in hindi 500 words तथा मकर संक्रांति पर निबंध 10 लाइन आदि चीजों के बारे में जानकारी मिलेगी।
मकर संक्रांति पर 100 शब्दों में निबंध
मकर संक्रांति हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख त्यौहार है I यह हमारे आस्था का प्रतीक है I मक्कार संक्रांति प्रत्येक वर्ष 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है I इस पर्व के द्वारा विवाह पूजा कर्म कार्ड जैसे शुभ कार्यों की शुरुआत हुई है
किसान भाइयों इस पर्व को सुख और समृद्धि तौर पर मनाते हैं I इसके पीछे की वजह है कि इसी समय किसानों के फसल पक जाते हैं I इस दिन कई जगह तिल के लड्डू बनाए जाते हैं तो कुछ जगह पतंगे उड़ाई जाती है और उत्तर प्रदेश राज्य में इस दिन खिचड़ी बनाई जाती है और जिन राज्यों में पवित्र नदियां बहती है उसमें लोग स्नान करके भगवान सूर्य देव की पूजा करते हैं I
मकर सक्रांति निबंध 300 शब्दों में – Makar Sankranti Par Nibandh
भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां पर कोई ना कोई पूजा और त्यौहार आता ही रहता है और हम सभी लोग उन पूजा त्यौहार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं ऐसे में मकर संक्रांति सनातन धर्म का सबसे अहम और महत्वपूर्ण त्यौहार है विभिन्न राज्यों में इस पर आपको अलग तरीके और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है I
भारत के राज्यों में इस पर्व को विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे गुजरात और उत्तराखंड में इस त्योहार को “उत्तरायण” के नाम से जाना जाता है हरियाणा हिमाचल प्रदेश पंजाब राज्यों में इस त्यौहार को “माघी” नाम से जाना जाता है और उत्तर प्रदेश पश्चिम बिहार में सक्रांति के त्यौहार को “खिचड़ी” के नाम और पश्चिम बंगाल में पौष संक्रान्ति जबकि दक्षिण भारत राज्य कर्नाटका में इसे मकर संक्रमण नाम से जाना जाता है I
मक्कर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करना और दान पूर्ण करना काफी अच्छा माना जाता है I मकर संक्रांति मनाने के पीछे की वजह है कि कहा जाता है कि इस दिन धरती पर देवी अवतरित हुई थी जिसके कारण है मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है I किस दिन घर पर खिचड़ी बनाई जाती है और साथ में हम लोग लाई और और तिल के लड्डू दिखाते हैं I
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक इस दिन सूर्य संक्रांति के दिन धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इसे हम लोग मकर संक्रांति के नाम से जानते हैं I वेदों और पुराणों में इस बात का वर्णन है कि जो व्यक्ति इस दिन अधिक से अधिक दान दक्षिणा करेगा उसे अधिक पुण्य की प्राप्ति होगी और ऐसे लोगों को स्वर्ग में भी जगह मिलती है I
मकर संक्रांति निबंध 500 शब्दों में
मकर संक्रांति का त्योहार भारत के अलावा भारत के पड़ोसी देश नेपाल भूटान बांग्लादेश में भी मनाया जाता है तो इस दिन राजकीय अवकाश घोषित किया जाता है और वहां पर है मकर संक्रांति से जुड़े हुए अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और हर्षोल्लास के साथ इस त्योहार को मनाते हैं।
भारत के विभिन्न राज्यों में इस त्यौहार को लोग विभिन्न तरीके से मनाते हैं जैसे राजस्थान में मकर सक्रांति की त्यौहार को एक अलग ही तरीके से मनाया जाता है यहां पर मकर संक्रांति के दिन गुड के लड्डू, तिल के लड्डू, घेवर, जलेबी आदि मिठाइयां बनाई जाती है। इस दिन लोगों के द्वारा आप पतंगबाजी भी की जाती है।
जबकि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बिहार में लोगों के घर में खिचड़ी बनाई जाती है क्योंकि यहां पर मकर संक्रांति को खिचड़ी के नाम जाना जाता है और इस दिन लोग सुबह उठकर स्नान करते हैं और उसके बाद सूर्य देवता की पूजा करने के बाद दान दक्षिणा करते हैं I
तमिलनाडु में यह त्योहार पोंगल उत्सव के नाम से मनाया जाता है तमिलनाडु में हिंदू धर्म के लोग अपने फसलों को काटकर अपने इष्ट देवता के सामने अर्पित करते हैं ताकि उनके ऊपर उनके इस देवता की कृपा हमेशा बरसती रहे I
पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा मकर संक्रांति को मां के नाम से जाना जाता है I जबकि पंजाब में से लोहड़ी कहा जाता है उस दिन लकड़ियों को जलाया जाता है और उसमें मक्का और अन्य मिठाइयां डालते हैं I
गुजरात और उत्तराखंड राज्य में इस त्यौहार को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस समय सूर्य का पूर्व दिशा में उदय होकर उत्तर दिशा में अस्त होता है इसलिए इसे उत्तरायण कहा जाता है. किस दिन को मिठाई खाते हैं और दान दक्षिणा करते हैंĺ
महाराष्ट्र में संक्रांति का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है यहां पर महिलाएं कपास नमक और तेल शादीशुदा महिलाओं को दान किया जाता है I इसके अलावा तिल के लड्डू और मिठाइयां लोगों को दी जाती है।
बंगाल में इस दिन तिल दान करने का प्रचलन है और साथ में यहां पर गंगासागर का मेला भी लगाया जाता है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से लोग क संक्रांति के पावन पर्व पर आकर यहां पर गंगा में डुबकी लगाते हैं और पूजा पाठ भी करते हैं गंगासागर के विषय ।में एक कहावत बहुत ज्यादा मशहूर है “सारे तीरथ बार बार गंगासागर एक बार”
असम के लोग इस त्यौहार को माघ-बिहू या भोगाली-बिहू के नाम से जानते है। इस दिन तिल के लड्डू दान किए जाते हैं ताकि आपको पुण्य की प्राप्ति हो सके।
मक्कर संक्रांति के बारे में 10 लाइन
- मकर संक्रांति के द्वारा कई प्रकार शुभ कार्य संपन्न किए जाते हैं जैसे शादी विवाह गृह प्रवेश इत्यादि।
- ऐसा कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति मकर संक्रांति के दिन दान दक्षिणा करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- ऐसा कहा जाता है कि भगवान सूर्य मकर संक्रांति के दिन अपने पुत्र शनिदेव से मिलने के लिए जाते हैं।
- राजस्थान की सुहागिन महिलाएं इस दिन सौभाग्यवती वस्तु 14 की संख्या में ब्राह्मणों को दान करती है I
- कश्मीर राज्य में इस पर्व को उत्तरैन’ और ‘माघी संगरांद’ के नाम से जानते है।
- मकर संक्रांति के दिन सभी लोग अपने घर में धावा चावल और सब्जी को मिलाकर स्वादिष्ट पकवान खिचड़ी बनाते हैं।
- वर्तमान समय में आज की युवा पिढी मोबाईल द्वारा एक दूसरे को ग्रीटिंग मैसेज भेजते है एवं शुभकामनाएं देते है।
- मकर संक्रांति के दिन भारत के कई राज्यों में पतंगबाजी की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है।
- पश्चिम बंगाल राज्य गंगासागर मेले का आयोजन किया जाता है।
- इस दिन स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं।
इन्हें भी पढ़ें:-
उम्मीद करता हूं दोस्तों की “मकर संक्रांति के महत्व पर निबंध ( Essay on Makar Sankranti in hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें मकर संक्रांति से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।
अगर आप यह पोस्ट आपको अच्छा लगा तो आप अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर कर सकते हैं। अगर आपके मन मे कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं हम आपसे जल्द ही संपर्क करेंगे। अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।