Ohm’s Law In Hindi – ओह्म का नियम

हेल्लो दोस्तों, इस ब्लॉग में आपको ओह्म के नियम ( Ohm’s Law ) से संबंधित सभी जानकारियां मिलेगी जैसे ओम के नियम की परिभाषा, वोल्टेज का फार्मूला, करंट का फार्मूला, प्रतिरोध का फार्मूला, वोल्टेज क्या है, प्रतिरोध क्या है आदि सभी जानकारियां मिलेगी|
तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ना ताकि आपके सभी डाउट क्लियर हो जाएँ| अगर आपको पोस्ट अच्छी लगे तो कमेंट में जरूर बताएं आपके सुझाव सादर आमंत्रित है| विज्ञान से सम्बंधित अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें|
 
 

Ohm’s Law In Hindi – Om Ka Niyam

 

ओह्म के नियम के खोजकर्ता – Founder Of Ohm’s Law

ओह्म के नियम का नाम जर्मन वैज्ञानिक जार्ज साइमन ओम के नाम पर रखा गया| क्यूंकि 1828 में इन्होने ही वोल्टेज यानि विभवान्तर और करंट के बीच सम्बन्ध का अपने प्रयोगों से पता लगाया जिसे ओह्म का नियम नाम दिया गया|

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ओह्म के नियम की परिभाषा ( Definition of Ohm’s Law )

यदि किसी चालक यानि Conductor की भौतिक परिस्थितियों यानि लम्बाई,ताप,दाब आदि में कोई परिवर्तन नहीं किया जाये तब उस चालक के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तर ( voltage ) उसमे बह रही धारा के समानुपाती होता है|

ओह्म के नियम के सूत्र ( Ohms Law Formula )

यदि लगाया गया विभवान्तर V मान लेते है और बहने वाली धारा I मान लेते है तथा  प्रतिरोध R मान लेते है तब इनके फॉर्मूले इस प्रकार होंगे ;-

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Ohm’s Law in hindi

अगर आप इस त्रिभुज को याद रखेंगे तो आपको ओह्म के नियम के सभी फॉर्मूले ( Ohm’s Law Formula ) याद रहेंगे|

वोल्टेज फार्मूला ( Voltage Formula )

अगर आपको v यानि वोल्टेज का फार्मूला चाहिए तो आपको v पर अंगुली रखनी है तब आपको I और R दिखाई देंगे तब वोल्टेज का फार्मूला I x R होगा|

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करंट का फार्मूला ( Current Formula )

इसी तरह अगर आपको I यानि करंट का फार्मूला पता करना है तो I पर अंगुली रखेंगे तो हमे V / R दिखाई देगा जो करंट निकालने का फार्मूला है|

प्रतिरोध का फार्मूला – Resistance Formula

इसी तरह R यानि प्रतिरोध का फार्मूला V / I  होगा| यहाँ पर R एक Constant है जिसे Resistance यानि प्रतिरोध कहते है इसे  Ω से दर्शाते है|

V ∝ I

ओह्म के नियम – Ohm’s Law

  • वोल्टेज या विभवांतर v का मान बढ़ाने पर धारा का मान भी बढ़ता है|
  • यदि चालक के विभवान्तर (voltage) और धारा (current) के बीच ग्राफ खीचे तो एक सरल रेखा प्राप्त होती है जो बताती है की विभवान्तर के बढने पर धारा भी बढ़ेगी और विभवान्तर के कम होने पर धारा भी कम होगी|
  • Ohm’s Law Metal Conductor के लिए ही apply होता है|
  • ताप और अन्य भौतिक परिस्थतियां Constant रहे यानि कोई परिवर्तन न हो और इनके कारण चालक में Strain यानि विकृति पैदा न हो|

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विभवांतर क्या होता है – Voltage Kya Hai

-जब किसी wire में धारा वह रही होती है तो जिस प्रेसर से वह रही होती है उसे विभवांतर या voltage कहते है| यानि किसी तार में कितने दबाव से धारा बह रही है इस दबाव को ही वोल्टेज या विभवांतर कहते है|

प्रतिरोध क्या है – Resistance Kya Hai

इसका साधारण सा जबाब है धारा के मार्ग में रुकावट ही प्रतिरोध है यह रुकावट कुछ भी हो जैसे तार की लंबाई बढ़ा दी जाए तो प्रतिरोध बढ़ जाएगा|

आपको ओम के नियम के सत्यापन के लिए सबसे पहले आपको एक सर्किट बोर्ड जैसे breadboard लेना है और एक resistance यानी प्रतिरोध जो बाजार में बहुत सस्ते मिल जाते है|

आपको एक कोई भी लेना है और उसे ब्रेडबोर्ड पर लगाना है एवं उस प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए रेसिस्टर कलर कोड के उपयोग से करें यदि आपको कलर कोड नही आते तो इसे पढ़ें Resistance value कैसे चेक करें|

प्रतिरोध ओम का नियम ( Ohm’s Law For Resistance )

मान लीजिये की आपके द्वारा उपयोग किया गया प्रतिरोध 1k ओम का है

अब आपको किसी variable दिष्ट धारा का स्त्रोत लेना है जिससे आप अपने सर्किट को 1वोल्ट से लेकर 10 वोल्ट तक वोल्टेज दे सकें

जैसे कि एक adapter जिसमे वोल्टेज regulator लगा हो और एक स्क्रीन जिसमे वोल्टेज दिखता रहे कि हम कितना वोल्टेज अपने सर्किट को दे रहे है

ओम के नियम के सत्यापन या प्रयोग के लिए आपको ये करना है|

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हम जानते है कि श्रेणी क्रम में धारा समान रहती है इसलिए हम एक अमीटर अपने सर्किट में प्रतिरोध के श्रेणी क्रम में लगते है अमीटर धारा मापने के यन्त्र होता है|

अमीटर ohm’s का नियम

और हम ये भी जानते है कि विभवांतर समांतर क्रम में समान रहता है

इस लिए एक वोल्टमीटर या विभवमापी हम उसी प्रतिरोध के साथ समांतर क्रम में जोड़ेंगे विभवमापी विभवांतर यानि वोल्टेज मापता है ये सब आपको पता होनी चाहिए|

आप मल्टीमीटर का उपयोग कर सकते है जो धारा और विभवांतर दोनों माप सकता है यह 100 रुपये तक मिल जाता है बाजार में|

ओम के नियम का सत्यापन विभवमापी

हमारा पूरा परिपथ बन चुका है अब ओम के नियम को ध्यान में रखते हम एक सारणी बनाएंगे सबसे पहले दिष्ट धारा के source में लगे रेगुलेटर को 1v से 10v तक ले जाते है और सभी उपकरणों में reading note करते चलते है|

यदि आप 1k ओम का प्रतिरोध उपयोग कर रहे है तब आप voltage को 0v से 1v करें फिर अमीटर में देखें आपको 1mA दिखेगा यानी 1 मिली एम्पीयर|

अब फिर 1v से 2v पर set करें तब आप अमीटर में 2mA देखोगे फिर 3v रखें तो आप 2.99mA धारा दिखेगी|

इसी प्रकार आप 10v तक कि reading नोट करें यही ओम के नियम ( Om Ka Niyam ) का सत्यापन है| आप प्रतिरोध अलग अलग उपयोग करके देखिए सभी के रिजल्ट अलग अलग आते है और ओम का नियम इन पर लागू होता है|

उम्मीद है आपको Ohm’s law में अब कोई दिक्क्त नहीं होगी इस पोस्ट को share करें अपने दोस्तों के साथ| कोई सवाल हो तो आप comment में बता सकते है|

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