प्रदूषण पर हिंदी निबंध – Pollution Essay In Hindi

स्वागत है दोस्तों आपका इस ब्लॉग में। इस पोस्ट में हम प्रदूषण के बारे में ( Pollution Ke Bare Mein ) जानकारी प्राप्त करेंगे। अगर आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको हर प्रकार के प्रदूषण के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी|

प्रदूषण क्या होता है ( Pollution Kya Hota Hai ), प्रदूषण कैसे होता है ( Pollution Kaise Hota Hai ), प्रदूषण के प्रकार ( Pollution Ke Prakar ) तथा प्रदूषण को कैसे नियंत्रित ( How To Control On Pollution In Hindi ) इत्यादि पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे।

इस पोस्ट में हमने प्रदूषण पर पांच निबंध दिए ( Top 5 Essay On Pollution In Hindi ) है। जिसमे हमने प्रदूषण से सम्बंधित पूरी जानकारी शेयर की है। हमने प्रदूषण से संबंधित हर एक बिंदु को इस पोस्ट में लिखने का प्रयास किया है|

आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ना ताकि प्रदूषण के बारे में सभी पॉइंट्स क्लियर हो जाएं। उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपको हमारी ये पोस्ट काफी पसंद आएगी। अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई गलती नजर आती है या आपका कोई प्रश्न है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं|

1. Pollution Essay In Hindi 500 words

विज्ञान के इस युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले हैं वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप है जो विज्ञान की कोख में से जन्मा है और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर है।

प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ ( Pollution Meaning ) है गंदगी। वह गंदगी जो हमारे चारों ओर फैल गई हैं और जिस की गिरफ्त में पृथ्वी के सभी निवासी हैं उसे प्रदूषण कहा जाता है।

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प्रदूषण के प्रकार ( Types Of Pollution In Hindi )

प्रदूषण को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है:- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण। यह तीनों ही प्रकार के प्रदूषण मानव के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं।

 

वायु प्रदूषण ( Vayu Pradushan )

वायु प्रदूषण वायु हमारे जीवन के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्त्रोत होती है। जब वायु में हानिकारक कीटाणु या गैसें जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड मिलती है तो यह वायु को प्रदूषित कर देती है इसे ही वायु प्रदूषण कहते हैं।

बहुत से कारणों से जैसे पेड़ों का कांटा जाना, फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण होता है। वायु प्रदूषण की वजह से अनेक तरह की बीमारियां भी हो सकती है जैसे; अस्थमा, एलर्जी, सांस लेने में समस्या होना आदि।

 

जल प्रदूषण ( Jal Pradushan)

जल के बिना किसी भी प्रकार से जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जल में बाहरी अशुद्धियां मिल जाती है जिसकी वजह से जल दूषित हो जाता है इसे ही जल प्रदूषण कहते हैं।

जल में नगरों का कूड़ा – कचरा, रासायनिक पदार्थों से युक्त गंदा पानी प्रवाहित किया जाता है। इससे जल के भंडार जैसे तालाब, नदियां, झीलें और समुद्र का जल निरंतर प्रदूषित हो जाता है।

ध्वनि प्रदूषण ( Dhwani Pradushan )

मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण की जरूरत होती है। वाहनों, मोटरसाइकिल, डी जे, लाउडस्पीकर, कारखानों की सायरन की वजह से जो सोर होता है उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।

प्रदूषण की वजह से हमारी सुनने की शक्ति कमजोर होती है। कई बार ध्वनि प्रदूषण से मानसिक तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है।

उपयुक्त प्रदूषण के कारणों से मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। इंसान खुली हवा में लंबी सांस लेने तक को तरस गया है।

जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती है जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करती है। पर्यावरण प्रदूषण के कारण न समय पर वर्षा आती है और न ही सर्दी – गर्मी का चक्र ठीक से चलता है।

सूखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोप का कारण भी प्रदूषण ही है। विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं।

हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घनी आबादी वाले क्षेत्र खुले हो, हवादार हो, हरियाली से ओतप्रोत हो। कल कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उन से निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय करने चाहिए।

प्रदूषण को कैसे रोकें ( Pollution Ko Kaise Roke )

निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि प्रदूषण को कम करने का एकमात्र उपाय सामाजिक जागरूकता है। प्रचार माध्यमों के द्वारा इस संबंध में लोगों तक संदेश पहुंचाने की आवश्यकता है सामूहिक प्रयास से ही प्रदूषण की विश्वव्यापी समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

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2. प्रदूषण पर निबंध ( Pradushan Par Nibandh )

Pollution Essay In Hindi
Pollution Essay In Hindi

प्रदूषण ( Pollution ) आज की दुनिया की एक गंभीर समस्या है। प्रदूषण प्राकृतिक वातावरण को दूषित करता है। जो कि हमारे सामान्य जीवन जीने के लिए खतरनाक हैं।

प्रदूषण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और मृदा प्रदूषण। हाल के वर्षों में ध्वनि प्रदूषण भी एक प्रमुख प्रदूषक के रूप में देखा जा रहा है।


वायु प्रदूषण ( Air Pollution ) किसी भी प्रकार के हानिकारक पदार्थों जैसे कल कारखानों और परिवहन से निकलने वाले धुँए, कचरे को जलाने से निकलने वाले धुएँ और प्रदूषित गैसों को वातावरण में मिलाना है जिससे ताजी हवा प्रदूषित होती है।

वायु प्रदूषण से मनुष्य के स्वस्थ जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। वायु प्रदूषण से कई सारी बीमारियां उत्पन्न होती हैं।


जल प्रदूषण ( Water Pollution ) से अभिप्राय है कि जल निकायों जैसे की नदियों, झीलों, समुद्रों और पीने के पानी के प्रदूषित होने से हैं।

जल प्रदूषण कई कारणों से होता है जैसे कि कारखानों के कचरे तथा गन्दे पानी का झीलों व नदियो में जाकर मिल जाना। जल प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनती जा रही है जो सभी पहलुओं से मानव तथा जीव – जंतुओं को प्रभावित कर रही है।

मृदा प्रदुषण ( Land Pollution ) मिट्टी धरती पर मौजूद सभी जंतुओं और मानव जीवन के लिए बेहद आवश्यक है। उचित ज्ञान के बिना रासायनिक उर्वरकों के अधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो रही है।

जैसे कि रासायनिक खाद, कीटनाशक दवाइयां, औद्योगिक इस्तेमाल के द्वारा छोड़े गए जहरीले तत्वों के माध्यम से प्रदूषित होती जा रही है जो कि भूमि की उर्वरता को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है

ध्वनि प्रदूषण ( Sound Pollution ) पश्चिमीकरण ने जोर से संगीत की सनक को जन्म दे दिया है जो कि ध्वनि प्रदूषण का एक घटक है। घरेलू मशीनों से निकलने वाले सोर, परिवहन, तेज आवाज में संगीत सुनना आदि के द्वारा ध्वनि प्रदूषण होता है।

वही प्रदूषण से सबसे ज्यादा नुकसान कान को होता है। जिससे कभी – कभी कान के पर्दे खराब हो जाने के कारण हमेशा के लिए सुनने की क्षमता चली जाती है।


यह सभी तरह के प्रदूषण मानव जीव जंतुओं के लिए एक अभिशाप की तरह काम कर रहा है। प्रदूषण से विभिन्न प्रकार की बीमारी जैसे कि कैंसर, उच्च रक्तचाप की बीमारी, महामारी, त्वचा रोग आदि हो जाती है।

प्रदूषण को काम करने के उपाय ( Pollution Rokne Ke Upay )

हमें प्रदूषण से गंभीरता से निपटने की जरूरत है। अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ी को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इससे निजात पाने के लिए सामाजिक कार्यक्रम करने की आवश्यकता है ताकि लोग प्रदूषण से होने वाले नुकसान को जान सकें और अपनी व पर्यावरण की रक्षा कर सकें।

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3. प्रदूषण पर निबंध 300 शब्दों में – Pollution Par Nibandh

पर्यावरण में जब दूषित पदार्थ घुल जाते हैं तो प्राकृतिक संतुलन में दोष उत्पन्न हो जाता है यही प्रदूषण कहलाता है। पृथ्वी के सभी जीवो के लिए प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो लगातार बढ़ती ही जा रही है। प्रदूषण से हमारा वायुमंडल भी बहुत अधिक प्रभावित हुआ है जिसकी वजह से ओजोन स्तर का विघटन हो रहा है।


प्रदूषण की वजह से मनुष्य तक ना ही शुद्ध वायु पहुंच पाती है, न ही जल और न ही शांत वातावरण। इन सभी कार्यों को मिलाकर प्रदूषण को मुख्यतः तीन विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण।

कैसे होता है प्रदूषण ( Pollution Kaise Hota Hai )


औद्योगिकीकरण के इस दौर में आज-कल बड़े बड़े कारखाने लग रहे हैं। दिन से बड़ी मात्रा में लगातार धुँआ निकलता रहता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। इसके अलावा मोटर गाड़ियों में भी लगातार हानिकारक धुँआ हमें प्रभावित कर रहा है।

वायु प्रदूषण में कुछ विषैली एवं हानिकारक गैस मिलकर वायु को दूषित कर देती है यही वायु प्रदूषण कहलाता है। वायु प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान वनों की कटाई और वाहनों से होने वाले धुएं का है।

बड़े-बड़े कल कारखानों, फैक्ट्रियों से दूषित जल नदियों और नालों में बहा दिया जाता है जिस वजह से हम आज जल प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं।

प्रदूषण के दुष्परिणाम ( Pradushan Ke Dushparinam )

आज हर कोई व्यक्ति कम सुनाई देने, मानसिक तनाव आदि से ग्रस्त मिलता है यह सभी बीमारियां ध्वनि प्रदूषण की वजह से हैं जो हम लोग वाहनों के हॉर्न और लाउडस्पीकर इत्यादि बजाकर उत्पन्न करते हैं।

प्रदूषण की वजह से आज बाढ़, अत्यधिक गर्मी और हिमालय के ग्लेशियर का पिघल जाना जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जीवों की बहुत सी प्रजातियां लुप्त हो रही है।

नदियां, नाले आदि खत्म हो रहे हैं। और नई बीमारियों ने मनुष्य को घेरना शुरू कर दिया है। प्रदूषण का बहुत बड़ा प्रभाव हम ओजोन परत में होने वाले छेद को देखकर लगा सकते हैं।

समाज को जागरुक कर और अधिक से अधिक पेड़ लगाकर हम प्रदूषण से बच सकते हैं। जो कारखानों और फैक्ट्रियां दूषित जल का निकास करते हैं उन्हें खुली जगह में स्थापित किया जाना चाहिए।

रीसाइक्लिंग और पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। स्वच्छ भारत अभियान और सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रयासों को सफल करने वाले प्रोग्राम को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

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4. Pollution In Hindi Essay

प्रदूषण का अर्थ होता है वायुमंडलीय वातावरण का दूषित होना। प्रकृति ने मानव के जीवन प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए वायु, जल, वनस्पति और भूमि के रूप में उपहार प्रदान किए हैं। परंतु हमने अपने भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति के लिए इनको दूषित कर दिया है।

जिसके परिणाम स्वरुप प्रदूषण प्राणियों और मानव के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक बन गया है।

Pollution In Hindi
Pollution


प्रदूषण अनेक प्रकार के हो सकते हैं जिनमें से चार प्रकार के प्रदूषण प्रमुख हैं जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण तथा मृदा प्रदूषण।

जल प्रदूषण ( Water Pollution In Hindi )

जल प्रदूषण आज के समय की बहुत बड़ी समस्या है। कल कारखानों तथा गंदे नालों का जल बाहर निकलकर नदियों के जल को दूषित कर देता हैं इससे पानी खराब होता है।

इसके अतिरिक्त अनेक स्त्रोतों में नहाने, कपड़े धोने, मल मूत्र त्यागने, जानवरो को नहलाने आदि से भी जल प्रदूषण होता है। इस प्रदूषित जल का प्रयोग जब मनुष्य द्वारा किया जाता है तो उसे क्षति पहुंचती है।

वायु प्रदूषण ( Air Pollution In Hindi )

वायु प्रदूषण से मानव के अस्तित्व को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। कल कारखानों, मोटर गाड़ियों, घरेलू काम आने वाले साधनों और अन्य चलने वाली बसों आदि से हानिकारक गैसें निकलती है जो वायु को प्रदूषित करती हैं।

वायु प्रदूषण श्वास से संबंधित रोग उत्पन्न होते हैं। यातायात के साधनों में अपार वृद्धि से प्रदूषण फैलता है।

ध्वनि प्रदूषण ( Noise Pollution In Hindi )

आजकल जोर-जोर से लाउडस्पीकर एवं डीजे इत्यादि बजाकर ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं। ध्वनि प्रदूषण से मनुष्य का जीवन तनाव युक्त बनता जा रहा है। ध्वनि प्रदूषण भी आज के समय एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है।

भूमि प्रदूषण ( Land Pollution In Hindi )

भूमि प्रदूषण वैज्ञानिक युग की देन है। उपज बढ़ाने के लिए भूमि में विभिन्न प्रकार की रासायनिक खादों को मिलाया जाता है। ऐसी प्रदूषित भूमि से उत्पन्न होने वाला था अनाज, फल एवं सब्जी आदि सभी प्रदूषित हो जाते हैं। इनके खाने से मानव के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

अंत में निष्कर्ष के रूप में यही कहा जा सकता है कि आधुनिक युग में प्रदूषण के कारण बढ़ते ही जा रहे हैं। यदि समय रहते इसका निवारण नहीं किया गया तो इनका काफी विस्तार हो जाएगा। प्रदूषण के घातक परिणाम न केवल वर्तमान प्राणियों को बल्कि उसके भावी पीढ़ियों को भी भुगतने पड़ेंगे।

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5. Pollution Short Essay In Hindi 150 Words

जिन कारणों से वातावरण एवं जीवन प्रभावित होता है उसे हम प्रदूषण कहते हैं। प्रदूषण एक मानव निर्मित समस्या है। प्रदूषण से मानव जीवन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है।

प्रदूषण अनेक बीमारियों का कारण है। प्रदूषण के कारण मानव जीवन में अनेक रोग उत्पन्न हो गए है। प्रदूषण के कारण वातावरण बहुत अधिक दूषित हो गया है। आज इंसान को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा तक नही मिल रही।

प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं उनमें से प्रमुख है वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण इत्यादि।

प्रदूषण को कैसे रोकें ( How To Stop Pollution In Hindi )

वायु प्रदूषण हमारे लिए एक बहुत बड़ी समस्या है। गाड़ी, मोटर, कार, एसी इत्यादि के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण होता है। कारखानों से निकलने वाले कूड़े – करकट के नदी में मिलने से जल प्रदूषण होता है।

आजकल डीजे और लाउडस्पीकर का भी इस्तेमाल बढ़ गया है जिससे ध्वनि प्रदूषण होता है। वातावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हमें कोशिश करनी चाहिए हमें पेड़ पौधे अधिक मात्रा में लगाने चाहिए। जिन कारणों से प्रदूषण होता है उस पर रोकथाम होनी चाहिए।

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10 Lines On Pollution In Hindi

  1. प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है गंदगी।
  2. प्रदूषण कई प्रकार का होता है जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण इत्यादि।
  3. वायु में हानिकारक गैसें मिलकर वायु को प्रदूषित कर देती है तो उसे वायु प्रदूषण कहते हैं।
  4. जब जल में बाहरी अशुद्धियां मिलकर जल दूषित कर देती है तो उसे जल प्रदूषण करते हैं।
  5. जब वाहनों मोटरसाइकिल, लाउडस्पीकर तथा सायरन की वजह से जो सोर होता है उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
  6. पर्यावरण प्रदूषण के कारण समय पर वर्षा नहीं होती है तथा न ही सर्दी गर्मी का चक्र सही से चलता है।
  7. प्रदूषण के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है।
  8. सूखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोप का कारण भी प्रदूषण ही है।
  9. प्रदूषण से बचने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।
  10. सामाजिक जागरूकता प्रदूषण को कम करने का एकमात्र उपाय है।

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