नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक नए लेख में। आज हम बात करेंगे सरस्वती पूजा के बारे में। सरस्वती पूजा ( Saraswati Puja ) भारत का एक प्रमुख त्यौहार है। इसे भारत में काफी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है I माता सरस्वती विद्या की देवी मानी जाती हैं और उनके द्वारा ही पूरे विश्व में ज्ञान का प्रचार और प्रसार किया गया है।
ऐसे में अगर आपको सरस्वती पूजा पर निबंध लिखना है और आपको समझ में नहीं आ रहा है कि आप कैसे सरस्वती पूजा पर बेहतरीन निबंध लिखे तो आपके लिए यह आर्टिकल काफी मददगार साबित होगा। इसलिए हम आपसे निवेदन करेंगे कि इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़े।
इस पोस्ट के माध्यम से हमने बताया है कि सरस्वती पूजा कब की जाती है, सरस्वती पूजा क्यों की जाती है, माता सरस्वती का जन्म दिन कब होता है तथा सरस्वती पूजा का महत्व क्या है इत्यादि के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। इस पोस्ट को हमने आसान भाषा मे लिखने का प्रयास किया है ताकि आपको सभी बातें आसानी से समझ आ सकें।
इस पोस्ट में आपको सरस्वती पूजा पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे Saraswati Puja par paragraph 150 शब्दों में, Saraswati Puja essay in hindi 500+ शब्दों में तथा सरस्वती पूजा पर 10 लाइन इत्यादि।
सरस्वती पूजा पर निबंध 150 शब्दों में – Saraswati Puja Essay In Hindi
सरस्वती पूजा का परिचय
सरस्वती पूजा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है इस पूजा को भारत में काफी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है हिंदू धर्म में माता सरस्वती को ज्ञान की देवी का जाता है और इस दिन उनकी पूजा की जाती है I
ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर आप अपने घर में माता सरस्वती की पूजा करते हैं तो आपके घर में ज्ञान का तेजी के साथ प्रचार होगा और आप को ज्ञान की प्राप्ति भी होगी I स्कूल कॉलेज मैं सरस्वती पूजा काफी शान शौकत के साथ मनाया जाता है और इसमें सभी छात्र बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं I
पूजा विधि के दौरान सभी छात्र अपनी किताबें माता सरस्वती के चरणों में अर्पित करते हैं उनका विश्वास है कि अगर वह अपने किताबे माता सरस्वती के पास रखेंगे उन्हें माता सरस्वती के द्वारा आशीर्वाद प्राप्त होगा जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि होगी और वह अपने करियर में सफलता प्राप्त कर पाएंगे I
सरस्वती पूजा क्यों की जाती है?
सरस्वती पूजा बनाने के पीछे एक कहानी है ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन माता सरस्वती जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को माता सरस्वती के जन्म दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसके अलावा सरस्वती पूजा को बसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है और यह पूजा विशेष तौर पर फरवरी में मनाई जाती है उस समय बसंत का मौसम होता है I
ऐसा कहा जाता है कि शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी अगर माता सती की पूजा इस दिन करेंगे उन्हें अपार ज्ञान की प्राप्ति होगी और उनके जीवन में समृद्धि और यश भी आएगा। ऐसे तो माता सरस्वती की पूजा हमें नियमित रूप से करनी चाहिए लेकिन सरस्वती पूजा के दिन की पूजा करना काफी विशेष होता है I
सरस्वती पूजा पर निबंध 500+ शब्दों में – Saraswati Puja Par Nibandh
माता सरस्वती का जन्म दिवस
सरस्वती पूजा कहां – कहां मनाया जाता है?
सरस्वती पूजा विशेष तौर पर भारत में मनाया जाता है इसके अलावा भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी सरस्वती पूजा मनाई जाती है क्योंकि वहां पर भी हिंदू धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं और साथ में जहां भी हिंदू धर्म के मानने वाले लोग हैं।
माता सरस्वती के विभिन्न नाम
माता सरस्वती को विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसेमुख्य नामों में बागेश्वरी, भगवती, शारदा, वीणा वादिनी इत्यादि लेकिन सबसे ज्यादा माता को सरस्वती देवी के रूप में जाना जाता है और भारत के विभिन्न राज्यों में इस पूजा को मनाया जाता है और सभी जगह पर बनाने का ढंग अलग अलग है लेकिन पूजा की विधि एक समान है I
सरस्वती पूजा का विद्यार्थियों के लिए महत्व
विद्यार्थियों के लिए सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि माता सरस्वती को विद्या की देवी मानी जाती है इसलिए विधार्थी अगर माता सरस्वती की पूजा सच्चे मन से करते हैं तो उन्हें ज्ञान की प्राप्ति होगी और साथ में उनके जीवन में अज्ञानता के अंधकार को दूर कर उसने ज्ञान का प्रकाश प्रज्वलित करेंगे सरस्वती पूजा के दिन स्कूल और कॉलेज में लड़कियां साड़ी पहनती हैं।
वह भी पीले रंग की इसके अलावा स्कूल में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और सभी की धरती इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं इसके अलावा इस दिन माता सरस्वती जी की पूजा विधि विधान के साथ की जाएगी उसके बाद प्रसाद का वितरण होगा ऐसा कहा जाता है कि जो विद्यार्थी इस दिन माता सरस्वती की प्रार्थना सच्चे मन से करता है अगर उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो उसका पढ़ाई में मन लगेगा और वह अपने जीवन के हर लक्ष्य को प्राप्त कर पाएगा।
सरस्वती पूजा के दिन पीले रंग का भोजन भी किया जाता है और साथ ही साथ पीले वस्त्रों को पहनना शुभ माना जाता है I
सरस्वती पूजा के पीछे पौराणिक कथा
सरस्वती पूजा मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं। कथाओं के मुताबिक जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी, तब सभी जीवो और वनस्पतियों का निर्माण किया था। किंतु भगवान शिव के अनुसार ब्रह्मा जी ने संसार का निर्माण तो कर दिया लेकिन संसार रंगहीन और ध्वनि हीनता वहां पर किसी प्रकार की कोई हलचल नहीं था।
तब भगवान शंकर ने ब्रह्मा जी को आज्ञा दी कि इतने बड़े संसार श्रीमान के बावजूद भी अभी सारा जगत अधूरा है ऐसे में आप इस समस्या का निवारण करें इसके बाद ब्रह्मा जी भगवान विष्णु जी के पास गए और उनसे निवेदन किया तब भगवान विष्णु जी ने कहा कि इस समस्या का निवारण माता आदिशक्ति के पास है।
हम सभी को उनके पास चलना चाहिए जब माता आदिशक्ति दुर्गा प्रकट हुई तो उन्होंने ध्यान पूर्वक समस्या को सुना और उसके बाद उन्होंने अपने प्रकाश से एक दिव्य प्रकाश उत्पन्न किया जो चार भुजाओं वाली देवी थी और जिसके हाथों में वीणा कमंडल और पुस्तक था
दरअसल माता आदिशक्ति का एक स्वरूप था वैसे ही बीड़ा के द्वारा ध्वनि उत्पन्न हुई वैसे ही संसार में पूरी हलचल सी गतिविधि संचालित हो गई चारों तरफ ज्ञान का प्रचार और प्रसार होने लगा।
वह तेज स्वरूप प्रकाश पुंज वाली देवी का नाम सरस्वती पड़ा और माता आदिशक्ति की आज्ञा अनुसार माता सरस्वती भगवान ब्रह्मा जी की पत्नी बनी तभी से पूरे संसार में इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है।
इसके अलावा इस विषय में दूसरी एक और कथा बहुत ज्यादा प्रचलित है कहा जाता है कि भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण ने माता सरस्वती के कामों से खुश होकर उन्हें वरदान दिया कि अब से बसंत पंचमी को उनकी पूजा पूरे विश्व में की जाएगी।
भारत में सरस्वती पूजा कैसे की जाती है?
भारत एक धार्मिक और सांस्कृतिक देश है यहां पर देवी-देवताओं की पूजा बड़े ही धूमधाम और विधि विधान से की जाती है माता सरस्वती की पूजा भारत में काफी हर्ष उल्लास के साथ हिंदू धर्म के मानने वाले लोग मनाते हैं पूजा करने से पहले भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है क्योंकि किसी भी भगवान की पूजा के पहले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है
इसके बाद माता सरस्वती जी की मूर्ति स्थापित की जाती है और माता सरस्वती का सिंगार किया जाता है और उनके चरणों में गुलाल इत्यादि जो भी पूजा के सामग्री है उन्हें अर्पित किए जाएंगे और दीपक जलाए जाएंगे।
स्कूल और कॉलेजों में काफी भव्य सजावट की जाएगी और सभी छात्र सुबह स्नान कर कर स्कूल में पहुंच जाएंगे और पीले वस्त्र में पहनकर पूजा में बैठेंगे इसके बाद पूजा की विधि शुरु की जाएगी।
प्राचीन भारत में जब गुरुकुल हुआ करते थे तो वह समय माता सरस्वती की पूजा जब की जाती थी तो सभी विधार्थी माता सरस्वती की प्रतिमा के पास बैठकर अपने उज्जवल भविष्य की कामना के लिए प्रार्थना करते थे ताकि उनको माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
उसी परंपरा को आज हम सभी लोग अनुसरण करते हैं पूजा की विधि पूरी हो जाने पर प्रसाद का वितरण सभी छात्रों में किया जाएगा I इसके अलावा भारत के प्रत्येक घर में स्थिति पूजा की प्रतिमा स्थापित की जाती है और लोग विधि विधान से पूजा करते हैं ताकि माता सरस्वती जी के द्वारा के उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो और उनके ऊपर उनकी विशेष कृपा हमेशा बनी रहे I
सरस्वती पूजा का महत्व
सरस्वती पूजा का महत्व भारत में सबसे ज्यादा है क्योंकि भारत में आज भी अगर कोई किताब नीचे गिर जाए तो लोग उसे उठाकर अपने माथे पर लगाते हैं और माता सरस्वती से क्षमा मांगते हैं भारत के इस संस्कृति के कारण ही भारत विश्व में संस्कृतिक देश के रूप में जाना जाता है I ऐसा कहा जाता है कि जिस पर माता की विशेष कृपा बनी रहती है उससे हमेशा जीवन में अपार ज्ञान की प्राप्ति होती है I
सरस्वती पूजा का त्यौहार बसंत ऋतु में मनाया जाता है जिसके कारण वातावरण में काफी बदलाव आपको दिखाई पड़ेगा और चारों तरफ हरियाली और कोयल की कू कू आपको सुनाई पड़ेगी। ऐसे समय में सती पूजा का उत्साह देखने लायक होता है और सभी लोग इस पूजा त्यौहार में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं ताकि माता सरस्वती जी का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त हो सके।
सरस्वती पूजा पर 10 लाइन – Saraswati Puja Par 10 Line
- सरस्वती पूजा को बसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
- सरस्वती पूजा के दिन विद्या की देवी की मां सरस्वती की पूजा की जाती है I
- एक हिंदू त्योहार होने पर भी भारत में सभी धर्म के लोग जैसे इस्लाम, ईसाई और सिख भी वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) मनाते हैं।
- छात्र, कलाकार, संगीतकार, विचारक और शिक्षाविद सभी देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। और खुशी के साथ वसंत पंचमी मनाते हैं।
- वसंत पंचमी के दिन, लोग सरस्वती मंदिरों में जाते हैं या अपने घरों में भी देवी सरस्वती की मूर्तियों की पूजा करते हैं।
- पारंपरिक रूप से छात्र देवी सरस्वती की मूर्ति के पास अपनी किताबें, पेन, पाठ्यपुस्तकें, रखते हैं जिससे सरस्वती माँ उन्हें ज्ञान दे।
- यह माना जाता है जो सरस्वती माता को मानता है वह हमेशा बुद्धिमान और ज्ञानी रहता है।
- वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा के दिन विद्यार्थियों को और अच्छे से पढ़ने की नई प्रेरणा मिलती है।
- वसंत पंचमी, भारत में वसंत ऋतु के आगमन का संकेत है।
- विनम्र रहते हुए लोग हमेशा ज्ञान का आशीर्वाद लेने के लिए देवी सरस्वती की पूजा-आराधना करते हैं और इसलिए वसंत पंचमी को मुख्य रूप से भारत के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, और स्कूलों में मनाया जाता है।
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उम्मीद करता हूं दोस्तों की “सरस्वती पूजा पर निबंध ( Essay On Saraswati Puja In Hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें सरस्वती पूजा से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।
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