पर्यावरण पर निबंध – Paryavaran Essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों Top Kro में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में हम “पर्यावरण के बारे में ( Paryavaran essay in hindi ) पढेंगे। Paryavaran Essay in Hindi की सहायता से विद्यार्थी पर्यावरण के बारे अपनी जानकारी बढ़ा सकते है ओर पर्यावरण को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। 

इस निबंध के माध्यम से हमने बताया है कि पर्यावरण का क्या अर्थ है, पर्यावरण के प्रमुख घटक कौनसे है तथा पर्यावरण का संरक्षण कैसे किया जा सकता है के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। इस पोस्ट को हमने आसान भाषा मे लिखने का प्रयास किया है ताकि आपको सभी बातें आसानी से समझ आ सकें।

इस पोस्ट में आपको पर्यावरण पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे पर्यावरण एस्से इन हिंदी 100 शब्दों में, पर्यावरण पर निबंध 300 शब्दों में, पर्यावरण एस्से 500 शब्दों में इत्यादि।

पर्यावरण पर निबंध 100 शब्दों में – Paryavaran essay in hindi

हमारे चारों तरफ के वातावरण को ही पर्यावरण कहा जाता है। हमारे पर्यावरण में लगभग सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधन पाए जाते हैं, जो अलग-अलग तरीकों से हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।

यह हमें वो सब कुछ उपलब्ध करवाते हैं जिसकी हमें अपना जीवन यापन करने हेतु सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे कि हमारा जीवन भी बना रहे और पर्यावरण भी कभी नष्ट न हो।

इस धरती पर अगर हम जीवन को बनाए रखना चाहते हैं तो उसके लिए हमें सबसे पहले पर्यावरण का संरक्षण करना होगा। हम सभी को पर्यावरण के लिए चलाई जा रही अलग-अलग मुहिम और पर्यावरण बचाओ अभियान का हिस्सा बनना चाहिए।

पर्यावरण पर निबंध 300 शब्दों में – Paryavaran par nibandh

पर्यावरण में वे सभी प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं जो कई तरीकों से हमारी मदद करते हैं तथा चारों ओर से हमें घेरे हुए हैं। हमें अपना जीवन यापन करने के लिए इन सभी प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है।

पर्यावरण हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो जीवन यापन करने के लिए आवश्यक है। हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे की हमारा जीवन यापन भी हो सके तथा पर्यावरण को भी नुकसान न पहुंच।

पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के सन्तुलन को बनाए रखना होगा। पूरे ब्रम्हांड में बस पृथ्वी पर ही जीवन है। प्रत्येक वर्ष 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए तथा पर्यावरण स्वच्छता और सुरक्षा के लिए दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

आज हमें अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। हमें पर्यावरण को बचाने की मुहिम का हिस्सा बनना होगा ताकि पर्यावरण का संरक्षण हो सके।

अगर हम सभी मिलकर कुछ छोटे – छोटे प्रयास करें तो पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है बशर्ते हम सबको मिलकर काम करना होगा क्योंकि किसी एक व्यक्ति द्वारा यह कार्य सम्भव नहीं है। इसके लिए हमें कूड़े – कचरे को युहीं नहीं फेंकना चाहिए तथा प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का उपयोग कम से कम करना चाहिए।

दोबारा उपयोग होने वाली वस्तुओं को इधर – उधर ना फेंके। ऐसी ही कुछ छोटी – छोटी बातों का ध्यान रखकर हम पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना सहयोग दे सकते हैं। आज पर्यावरण का सन्तुलन काफी बिगड़ चुका है। हमें इस दिशा में काम करना होगा नहीं तो पर्यावरण हमारा सन्तुलन बिगाड़ देगा।

पर्यावरण पर निबंध 500 शब्दों में – Essay on paryavaran in hindi

प्रस्तावना

पर्यावरण हमारे जीवन मे बहुत महत्वपूर्ण है। जिन पेड़ों की ठंडी हवा से हमें गर्मी में चैन मिलता है, जिस धूप के कारण हमारे बदन की सर्दी कम होती है, जिस स्वच्छ जल को पीकर हम अपनी प्यास बुझाते हैं या जिस खेत में उपजे अन्न से हमारी भूख शांत होती है ये सब पर्यावरण का ही हिस्सा है।

जिस तरह प्रकति के नियम अनुसार सुबह, दोपहर, शाम और रात होते हैं ठीक उसी तरह से पर्यावरण के भी कुछ अपने नियम हैं। पर्यावरण का हर काम उसके नियम के अनुरूप ही होता है। जब इस सृष्टि का निर्माण हुआ होगा तभी से पृथ्वी पर पर्यावरण की भी उत्पत्ति हो गई होगी क्योंकि बिना पर्यावरण के दुनिया का बनना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था।

पर्यावरण का अर्थ – Paryavaran ka arth

पर्यावरण दो शब्दों ‘परि’ और ‘आवरण’ के मेल से बना है। परि का अर्थ होता है जो हमें चारों ओर है तथा आवरण का अर्थ होता है घेरना। अतः पर्यावरण का अर्थ हमारे चारों ओर का आवरण या वातावरण होता है। पर्यावरण (Environment) शब्द एक फ्रेंच भाषा के शब्द एनविरोनिया (Environia) से लिया गया है जिसका मतलब होता है हमारे आस-पास या चारों ओर।

जिस परिवेश या वातावरण में हम सब निवास करते हैं यह उस परिवेश के जैविक पर्यावरण और अजैविक पर्यावरण दोनों को दर्शाता है। पर्यावरण और जीव प्रकृति के दो संगठित और जटिल घटक होते हैं। पर्यावरण हम सभी के जीवन को नियंत्रित करने का काम करता है क्योंकि सबसे ज़्यादा हम पर्यावरण के साथ ही संपर्क में आते हैं और पर्यावरण में रह कर ही अपना जीवन यापन करते हैं।

पर्यावरण क्या है – Paryavaran Kise Kahate Hain

पर्यावरण किसी एक तत्व का नाम नहीं है बल्कि यह विभिन्न तत्वों के योग के मिलकर बना हुआ है। जो तत्व या चीजें हमें अपने आसपास नज़र आती हैं वही हमारा पर्यावरण है। मनुष्य के जीवन में पर्यावरण की मुख्य भूमिका होती है क्योंकि हम सभी सबसे अधिक पर्यावरण के ऊपर ही निर्भर करते हैं।

पर्यावरण के पास प्राकृतिक चीजों का उत्पादन करने और सौंदर्य दर्शाने की अद्भुत शक्तियाँ हैं। पर्यावरण वह स्थिति है जिसमें एक जीव जन्म लेता है फिर उसकी जीवन प्रक्रिया चलती है और फिर एक समय ऐसा आता है जब उसी पर्यावरण में उसका अंत हो जाता है।

पर्यावरण के घटक – Paryavaran ke ghatak

पर्यावरण वायुमंडल, जलमंडल, स्थलमंडल और जीवमंडल से मिलकर बना हुआ है। मिट्टी, पानी, हवा, अग्नि और आकाश पर्यावरण के मुख्य घटक हैं, जिन्हें हम पंचतत्व भी कहते हैं। हमारे जीवन के लिए ये सभी तत्व जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। पर्यावरण ने हम सभी को एक आरामदायक जीवन देने के लिए और ज़रूरत के अनुसार उनका उपभोग करने के लिए हमें प्राकृतिक संसाधन प्रदान किए हैं।

पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?

पर्यावरण दिवस या विश्व पर्यावरण दिवस ( World Environment Day ) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। पेड़-पौधे पर्यावरण में प्रदूषण के स्तर को कम करने का काम करते हैं और अशुद्ध पर्यावरण को शुद्ध करने में भी अपना पूरा योगदान देते हैं लेकिन औद्योगीकरण के विकास का असर पर्यावरण पर बुरी तरह पड़ रहा है।

पर्यावरण प्रदूषण जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है उसकी वजह से प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सबसे ज़्यादा जरूरी है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए। इसी उद्देश्य के साथ हम हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाते हैं।  

पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी। इसी देश में दुनिया का सबसे पहला पर्यावरण सम्मेलन भी आयोजित किया गया था इस सम्मेलन में कुल 119 देशों ने हिस्सा लिया था। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की नींव रखी गई थी और हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने का संकल्प भी लिया गया था।

सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से वैश्विक स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण की बढ़ती समस्या की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की पहल की गई। हमारे देश में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंताओं को जाहिर किया था।

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य केवल इतना है कि दुनियाभर के सभी लोग पर्यावरण प्रदूषण की चिंताओं से अवगत हों और प्रकृति तथा पर्यावरण का महत्त्व बताते हुए दूसरों को जागरूक करें ओर पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दें।

निष्कर्ष

भविष्य में अगर हम अपने आसपास के वातावरण को साफ, सुंदर और जीवन लायक देखना चाहते हैं तो सबसे पहले हमें अपने पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना बंद करना होगा। जब हम पर्यावरण का साथ देंगे तो Paryavaran कई गुना ज़्यादा हमारा साथ देगा।

जब हमें ज्ञात है कि पर्यावरण इस धरती पर जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है तो हमें पर्यावरण को बचाने के लिए भी कदम उठाने चाहिए। अगर हम सब मिलकर प्रयास करें तो पर्यावरण को साफ सुथरा ओर सुरक्षित रख सकते हैं।

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उम्मीद करता हूं दोस्तों की “पर्यावरण पर निबंध ( Paryavaran Essay in Hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें Paryavaran से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।

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FAQ About Paryavaran In Hindi

प्रश्न.1. पर्यावरण क्या है?

उत्तर: हमारे चारों तरफ का वह वातावरण ही पर्यावरण कहलाता है। पर्यावरण के कारण ही इस धरती पर जीवन सम्भव है। पर्यावरण हमारे जीवन महत्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रश्न.2. विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर: प्रत्येक वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को Paryavaran के बारे में जागरूक करना है ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।

प्रश्न.3. पर्यावरण का मानव जीवन में क्या महत्व है?

उत्तरः पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। मनुष्य एक पल भी पर्यावरण के बिना नहीं रह सकता। जल, स्थल, वायु, अग्नि तथा आकाश इन्हीं पांच तत्वो से ही मनुष्य का जीवन सम्भव है।

प्रश्न.4. पर्यावरण के मुख्य घटक कौन से हैं?

उत्तर – पर्यावरण के प्रमुख घटक हैं- वायुमंडल, जलमंडल तथा स्थलमंडल।

प्रश्न.5. पर्यावरण प्रदूषण कौन कौन से हैं?

उत्तर: जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण तथा भूमि प्रदूषण आदि Paryavaran प्रदूषण के प्रकार है।

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