वन महोत्सव पर निबंध – Van Mahotsav Essay In Hindi

नमस्कार दोस्तों Top Kro में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में हम “वन महोत्सव के बारे में ( van mahotsav essay in hindi ) पढेंगे। van mahotsav essay in hindi की सहायता से विद्यार्थी वन महोत्सव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर पाएंगे है ओर वनों को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। 

इस निबंध के माध्यम से हमने बताया है कि वन महोत्सव का क्या अर्थ है, वन महोत्सव की शुरुआत कब हुई, वन महोत्सव की शुरुआत किसने की, वन महोत्सव की आवश्यकता क्यों पड़ी तथा वन महोत्सव मनाने का क्या उद्देश्य है इत्यादि के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। इस पोस्ट को हमने आसान भाषा मे लिखने का प्रयास किया है ताकि आपको सभी बातें आसानी से समझ आ सकें।

इस पोस्ट में आपको वन महोत्सव पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे वन महोत्सव एस्से इन हिंदी 100 शब्दों में, वन महोत्सव पर निबंध 300 शब्दों में, वन महोत्सव एस्से 1000 शब्दों में इत्यादि।

वन महोत्सव पर निबंध 100 शब्दों में – Van Mahotsav Par Nibandh

वन महोत्सव का मुख्य उद्देश्य वनों को बचाना है। अपनी सुख – सुविधाओं के लिए हमनें वनों को लगभग खत्म ही कर दिया है। वन महोत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि सभी जगह पेड़-पौधे लगाए जाएँ और वनों के सिकुड़ते क्षेत्र को बचाया जाए।

वन महोत्सव सप्ताह में पूरे देश में लाखों पेड़ लगाए जाते हैं लेकिन दुर्भाग्यवश इनमें से कुछ प्रतिशत पेड़ ही बच पाते हैं क्योंकि इनकी देखभाल नहीं की जाती है जिसके कारण इन्हें या तो जीव जंतु खा जाते हैं या फिर जल नहीं मिलने के कारण नष्ट हो जाते हैं।

अगर पेड़ लगाए जाएं तो उनकी देखभाल भी होनी चाहिए। वन महोत्सव मनाने का मतलब सिर्फ पेड़ लगाने से नहीं बल्कि पेड़ लगाकर उनकी देखभाल भी की जानी चाहिए।

वन महोत्सव पर निबंध 300 शब्दों में

बढ़ती जनसंख्या और औधोगिक क्रांति का सीधा प्रभाव वनों पर पड़ा है। जिसके चलते वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। भारत में अब सिर्फ 20% ही वन रहे है। वनों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए वन महोत्सव मनाया जाता है। वन महोत्सव को एक राष्ट्रीय त्यौहार घोषित किया गया है।

वन महोत्सव यानी कि ‘पेड़ों का त्योहार’। हमारे जीवन में वनों का काफी महत्व है। वन हमें प्राणवायु, फल-फुल और छाया देते है और बदले में हमसे कुछ नहीं मांगते। लेकिन फिर भी हम वनों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। हमें वनों का महत्व समझना होगा। इस प्रकृति के संतुलन को बनाये रखने के लिए वनों का भी बहुत महत्व है।

वन महोत्सव की शुरुआत 1950 में देश के कृषिमंत्री डा. कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी द्वारा की गई थी। वनमहोत्सव हर साल जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह के दौरान मनाया जाता है। उस दिन देश के सभी विद्यालयों, विश्वविद्यालयों , सरकारी दफ्तरों, कई संगठनो और संस्थाओं द्वारा पौधे लगाने के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। काफी मात्रा में लोग इस महोत्सव भाग लेते है।

वन प्राकृतिक संपत्ति है। पेड़ों के साथ हमारे जीवन का काफी गहरा रिश्ता रहा है। सदियों से पेड़ हमें फल, फूल और छाया देते आये है और बदले में कुछ भी नहीं मांग रहे। लेकिन  मनुष्य विकास के नाम पर जितने पेड़ काट रहे है उतने नए पेड़ों  का रोपण नहीं कर रहे। और यह एक गंभीर समस्या है।

वन महोत्सव के दिन हमें हर साल अधिक से अधिक पौधे लगाने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए। लोगों में वनों के प्रति जागरुकता फैलानी चाहिए। जिससे हमारा आने वाला कल बेहतर और सुनहरा बन सके। क्योंकि वृक्ष है तो जीवन है।

हमारा अस्तित्व वनों से ही जुड़ा है इसलिए वनों की रक्षा करना हमारा अहम कर्तव्य है। वनों के महत्व को समझते हुए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और उनकी देखभाल भी करनी चाहिए।

वन महोत्सव पर लम्बा निबंध – Long Essay On Van Mahotsav In Hindi

प्रस्तावना

आज औद्योगीकरण और शहरीकरण इत्यादि के कारण पेड़ो की निरंतर कटाई हो रही है। मनुष्य अपने आश्रय के लिए अपना आशियाना पेडों को काटकर बना रहे है। उद्योगों के विकास और विद्यालय, शॉपिंग मॉल इत्यादि के निर्माण के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है।

पेड़ो की अत्यधिक कटाई होने के कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ गया है। वन का कम होना एक बहुत बड़ी समस्या है। मनुष्य उन्नति की आड़ में वनों की लगातार कटाई कर रहा है जिससे जीव जंतुओं को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है ओर प्रकृति का संतुलन भी लगातार बिगड़ता जा रहा है।

वनों से मनुष्यो को औषधि, लकड़ी, फल, चन्दन और कई प्रकार की महत्वपूर्ण चीज़ें प्राप्त होती है। वनों को इस प्रकार काटने से प्राकृतिक आपदाओं को खतरा बढ़ता जा रहा है। वनों को काटने से पृथ्वी नष्ट हो रही है और अगर ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन सब कुछ समाप्त हो जाएगा।

पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और इसका एक और कारण है निरंतर प्रदूषण। वृक्ष वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर सकते है। वृक्षों से हमे ऑक्सीजन प्राप्त होता है। अगर वृक्ष नहीं होंगे तो ऑक्सीजन नहीं होगा, तो हम सब प्राणियों का जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा। अब भी समय है कि हम जागरूक हो जाए और वृक्षारोपण की तरफ ध्यान दें और वनो को संरक्षित करे।

वन महोत्सव क्या है?

पेड़ों के महत्व को समझते हुए वन महोत्सव मनाया जाता है। वन महोत्सव की शुरुआत सन 1950 में हुयी थी। वन महोत्सव को जंगलों के संरक्षण और उन्हें बचाने के इरादे से शुरू किया गया था। वनों की कटाई के बुरे प्रभाव पृथ्वी ओर वातावरण पर पड़ रहे है। इसी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक पहल की गयी थी।

आज भी यह पहल जारी है। वन महोत्सव को प्रत्येक वर्ष जुलाई के पहले सप्ताह में मनाया जाता है। प्राचीन काल में भी गुप्त और मुगल वंश के शासकों ने पेड़ो को सुरक्षित करने के लिए पहल की थी। जैसे – जैसे हमारा देश उन्नति कर रहा है वैसे – वैसे मनुष्य और अधिक स्वार्थी और लालची बन गया है।

वह यह भूल रहा है कि वह सिर्फ पर्यावरण को ही नहीं बल्कि खुद को भी नष्ट कर रहा है। सन 1947 से ही वनों को सुरक्षित रखने के प्रयत्न किये जा रहे है। वनो को अगर संरक्षित नहीं किया गया तो मानव जाति खतरे में पड़ जायेगी।

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद और मौलाना अब्दुल कलाम ने मिलकर वन महोत्सव को जुलाई के पहले हफ्ते में मनाना आरम्भ किया था। तभी से वन महोत्सव मनाया जाता है। इस सप्ताह में कुछ संस्थाएं मिलकर वृक्षारोपण करके लोगो में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रही है।

वन महोत्सव के दिन सरकार द्वारा लाखो वृक्ष लगाए जाते है। इसके पीछे का सिर्फ एक ही उद्देश्य है अधिक – से – अधिक पेड़ लगाना और पेड़ों के महत्व के बारे में लोगो में जागरूकता फैलाना। जहां एक पेड़ काटा जाएगा वहां दस पौधे अवश्य लगाने होंगे। हम इस तरह से प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट नहीं कर सकते है।

वर्ष 1947 में इस महोत्सव को अनौपचारिक रूप से लागू किया गया था। उसके पश्चात सन 1950 में इसे कृषि मंत्री कन्हैया लाल मुंशी ने आधिकारिक तौर पर लागू कर दिया। यह एक सकारात्मक और नेक कदम था। अगर यह पहल ना की गयी होती तो जितने वन आज इस धरती पर मौजूद है उतने भी नहीं रह पाते।

वन महोत्सव का महत्व

मनुष्य जितने वृक्षों की कटाई कर रहा है उतने वह लगा नहीं रहा है। वन नहीं होंगे तो हमे बहुत सारी बहुमुल्य सामग्री प्राप्त नहीं होगी और सबसे अहम बात है वर्षा नहीं होगी। अगर वर्षा नहीं होगी तो जल की समस्या होगी और सूखा पड़ेगा।

हर साल मनुष्य प्राकृतिक आपदाओं को बुलावा देता है। इसलिए सरकार वनों को बचाने के लिए यह मुहीम चला रही है और वन महोत्सव मना रही है। सभी लोगो को अधिक – से – अधिक वृक्ष लगाने चाहिए और उनकी देखभाल भी करनी चाहिए।

पेड़ों की देखभाल

वन महोत्सव के समय लाखो पेड़ लगाए जाते है मगर कुछ ही पेड़ बच पाते है। लोग पेड़ तो लगा लेते है परन्तु उनकी देखभाल नहीं करते। पेड़ लगाने के साथ – साथ उनकी देखभाल करना भी ज़रूरी होता है। बिना पानी और देखभाल के पौधे जीवित नहीं रहते। हमे गंभीरता पूर्वक इस मुहीम के साथ शामिल होकर अपना कर्त्तव्य निभाना चाहिए। पेड़ लगाना भी जरूरी है लेकिन उतना ही जरूरी है उनकी देखभाल करना।

वन महोत्सव मनाने की ज़रूरत क्यों पड़ी?

वन महोत्सव बेहद आवश्यक है। लगातार पेड़ो की कटाई और कभी ना खत्म होने वाला प्रदूषण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि कर रहा है। हिमालय में बर्फ पिघल रही है तथा बर्फ पिघलने के कारण नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। इससे बाढ़ जैसी स्थिति प्रत्येक वर्ष हमारे देश के कई राज्यों को झेलनी पड़ रही है।

प्राकृतिक आपदाओं को मनुष्य की इन गतिविधियों ने बढ़ावा दिया है। इससे जान माल का काफी नुकसान होता है। इसलिए वन महोत्सव को मनाना ज़रूरी है ताकि लोग पेड़ों के महत्व को समझे और ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाए और उनकी देखभाल करे।

पृथ्वी पर दुष्प्रभाव

वनों और पेड़ो की अधिक कटाई के कारण गंभीर हालात उत्पन्न हो गए है। आंधी और तूफ़ान के कारण सब कुछ नष्ट हो जाता है। आज गर्मियों की अवधि में वृद्धि हो रही है और सर्दी का समय बेहद कम हो गया है।

कुछ राज्यों में गर्मी में तापमान 47℃ से 50℃ तक पहुँच जाता है। इतनी गर्मी में मनुष्य और जीव जंतुओं की मौत हो सकती है। वनों के लगातार कटने से वनो में रहने वाले पशु – पक्षियों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। पक्षियों की कई प्रजातियां समाप्त हो गयी है और कुछ विलुप्त होने के कगार पर खड़ी है।

प्रदूषण भी अपने चरम स्तर पर पहुँच गया है और इससे कई तरह की बीमारियां हो रही है। बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस लेने में भी मुश्किल हो रही है। सड़को पर लगातार गाड़ियाँ वायु को प्रदूषित कर रही है। वनों के कटने से वृक्षों की कमी हो रही है। वृक्ष होंगे तो प्रदूषण भी कम होगा। जितनी तेज़ी से उद्योगों के विकास के लिए हम वन काट रहे है उतनी तेज़ी से हम वृक्ष लगा नहीं रहे है।

वनों की कमी एक गंभीर समस्या

वन नीति के मुताबिक धरती के कुल क्षेत्रफल के 33 प्रतिशत भाग में वन होने चाहिए। मगर हमारे देश में मात्र बीस प्रतिशत ही वन रह गए है। तेज़ी से बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण भी लोग वनों को काट रहे है ताकि घर बना सके और खेती के लिए जमीन का उपयोग कर सकें।

खुद के घर बनाने के लिए वह वनों में रहने वाले प्राणियों का घर भी छीन रहे है। 2017 में वनों में सिर्फ एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि दर बिलकुल कम है। प्रदूषण को अवशोषित और नियंत्रित करने के लिए हमे वनों का संरक्षण करना होगा। बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए हमारे पास वन बहुत कम है।

पेड़ों को काटने की वजह

जिस तरीके से आबादी बढ़ रही है वैसे – वैसे ज़रूरतें भी बढ़ रही है। पेड़ों को काटकर फिर फर्नीचर बनाना, पेड़ो को काटकर घर या उधोग लगाना इत्यादि के कारण पेड़ों को काटा जा रहा है। वनों से हमें कई प्रकार की जड़ी बूटियां मिलती है जिससे औषधि बनाई जाती है।

जिस तरह से प्रत्येक वर्ष आबादी बढ़ रही है वैसे – वैसे दवाईयों की मांग बढ़ रही है जिसके लिए पेड़ो को काटा जा रहा है। और ऐसे ही बहुत सारे कारण है जिनके कारण पेड़ों को काटा जा रहा है।

वनों के कटाव को रोकने के उपाय

जनसंख्या वृद्धि दर को रोकना भी बहुत जरूरी है तथा वनों को संरक्षित करने के लिए लोगो को जागरूक करना भी आवश्यक है। सरकार अपनी तरफ से वनों को संरक्षित करने का प्रयास कर रही है। हम सबको मिलकर वनों को सुरक्षित रखना होगा।

जो लोग अवैध रूप से वनों की कटाई कर रहे है उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। हमे लकड़ियों से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल कम करना होगा ताकि हम पेड़ो को कटने से बचा पाए।

निष्कर्ष

वनों को बचाना बेहद आवश्यक है। हमारा अस्तित्व वनों पर निर्भर करता है। वनों को काटने से पृथ्वी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और पर्यावरण का संतुलन लगातार बिगड़ता जा रहा है। कई जीव जंतुओं की प्रजातियां विलुप्त हो रही है। समय रहते हम सभी को सचेत हो जाना चाहिए अन्यथा हम सब कुछ खो बैठेंगे और प्रकृति अपना विकराल रूप धारण कर लेगी।

हमे सरकार का साथ देते हुए वन महोत्सव को मनाना चाहिए और कम से कम 1 पेड़ लगाकर उसकी देखभाल करनी चाहिए। यह हमे हर साल करना चाहिए। जब इस देश का हर व्यक्ति साल में एक पेड़ लगाएगा तो सोचिये कितने पेड़ लग जायेंगे।

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उम्मीद करता हूं दोस्तों की “वन महोत्सव पर निबंध ( van mahotsav essay in hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें वन महोत्सव से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।

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FAQ About Van Mahotsav In Hindi

Q.1. वन महोत्सव क्यों मनाया जाता है?

Ans: वन महोत्सव वनों के सरंक्षण के लिए मनाया जाता है। वन महोत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पेड़ों के बारे में जागरूक करना है। वन महोत्सव मनाकर लोगों को जागरूक किया जाता है कि पेड़ हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण है।

Q.2. वन महोत्सव की शुरुआत कब हुई थी?

Ans: वन महोत्सव वर्ष 1950 में शुरू किया गया था। हर साल लाखों पौधे वन महोत्सव सप्ताह में पूरे भारत भर में लगाए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष 1 से 7 जुलाई तक वन महोत्सव मनाया जाता है।

Q.3. वन महोत्सव के जन्मदाता कौन है?

Ans: यह 1960 के दशक में पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक परिवेश के प्रति संवेदनशील तत्कालीन कृषि मंत्री कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने वन महोत्सव का सूत्रपात किया था।

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